AGRA- मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में मनाया गया डॉक्टर्स डे 2025: चिकित्सक जन संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2025 आगरा: मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में जन संवाद का आयोजन, मेडिकल ट्यूरिज्म और स्वास्थ्य नीतियों पर गहन चर्चा

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा, 1 जुलाई 2025।
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2025 के अवसर पर मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय, आगरा में एक विशेष चिकित्सक जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा में चिकित्सकों की भूमिका पर संवाद, समाज में उनके योगदान का सम्मान तथा स्वास्थ्य नीतियों पर विचार करना था।
इस जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन नेशनल मेडिकोज एसोसिएशन (NMO) द्वारा किया गया। कार्यक्रम में आगरा के लगभग 100 वरिष्ठ चिकित्सकों, समाजसेवियों और युवा मेडिकल विद्यार्थियों ने भाग लिया।
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मंच संचालन और प्रमुख अतिथि
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पार्थ सिंह बघेल, जूनियर रेजिडेंट, मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, आगरा द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. अनुपन गुप्ता, एनएमओ अध्यक्ष ने की।
मुख्य अतिथि के रूप में संजीव माहेश्वरी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, और विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. पवन गुप्ता मंच पर मौजूद रहे।
दीप प्रज्वलन और राष्ट्रगान के साथ हुआ शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, राष्ट्रगान और भगवान धन्वंतरि के चित्र पर पुष्प अर्पण के साथ हुई। यह आयोजन न केवल एक कार्यक्रम बल्कि चिकित्सकों और समाज के बीच संवाद स्थापित करने का एक मंच भी बना।
मेडिकल ट्यूरिज्म: एक उभरता हुआ अवसर
डॉ. आनंद राय ने आगरा में मेडिकल ट्यूरिज्म की संभावनाओं पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि क्षेत्र में आधारभूत संरचना की कमी और निर्णयों में देरी इसका सबसे बड़ा कारण है। इस पर एनएमओ अध्यक्ष डॉ. अंकित गुप्ता ने कहा “मेडिकल ट्यूरिज्म को विकसित करने के लिए सिर्फ चिकित्सकों की भूमिका पर्याप्त नहीं, बल्कि राज्य सरकार को नीतिगत निर्णय लेने होंगे। आगरा में चिकित्सा के साथ पर्यटन को जोड़कर रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा सकते हैं।”
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राजस्थान बनाम उत्तर प्रदेश: मेडिकल कॉलेजों की तुलना
डॉ. प्रतीक्षा स्वामी ने राजस्थान की तुलना करते हुए यह सवाल उठाया कि वहां के मेडिकल कॉलेजों की स्थिति इतनी बेहतर क्यों है, जबकि वहां प्राइवेट प्रैक्टिस की अनुमति है?
इस पर एनएमओ की पूर्व अध्यक्ष डॉ. अभिलाषा गुप्ता ने उत्तर देते हुए कहा: “राजस्थान में चिकित्सकीय नीति में लचीलापन है। उत्तर प्रदेश में नीतिगत निर्णयों में देरी और प्रशासनिक हस्तक्षेप चिकित्सकों के मनोबल को प्रभावित करता है।”
फैमिली फिजिशियन की महत्ता पर बल
डॉ. पवन गुप्ता ने कहा कि: “हर समाज को एक फैमिली फिजिशियन की आवश्यकता है ताकि सामान्य बीमारियों के लिए महंगे इलाज से बचा जा सके।”
उन्होंने जन औषधि केंद्र से सस्ती और उच्च गुणवत्ता की दवाइयों के प्रयोग को भी प्रोत्साहित किया।
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चिकित्सा और समाज सेवा: एक समन्वित दृष्टिकोण
संजीव माहेश्वरी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, ने चिकित्सकों से अनुरोध किया कि वे चिकित्सा सेवा के साथ-साथ समाज कल्याण के कार्यों में भी भाग लें। उन्होंने कहा: “जब डॉक्टर समाज कल्याण का हिस्सा बनते हैं, तो समाज में विश्वास की भावना प्रबल होती है।”
तंबाकू मुक्त भारत: एक प्रेरणादायक पहल
डॉ. एम.एस. लोधी, सचिव, भारतीय डेंटल काउंसलिंग, आगरा को तंबाकू मुक्त भारत के लिए उनके योगदान पर सम्मानित किया गया। उन्होंने आगरा से काठमांडू और डोकलाम तक साइकिल यात्रा निकालकर जनजागरूकता फैलाई।
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युवा चिकित्सकों का मनोबल बनाए रखने की आवश्यकता
डॉ. पार्थ सिंह बघेल ने वरिष्ठ चिकित्सकों से प्रश्न किया कि आज जब चिकित्सकों पर अनावश्यक आरोप लगाए जाते हैं, तो युवा चिकित्सक कैसे मनोबल बनाए रखें?
इस पर विशेषज्ञ पैनल ने कहा: “चिकित्सकों को हर स्थिति में रोगीहित में कार्य करते रहना चाहिए। समाज का विश्वास धीरे-धीरे लौटेगा।”
डॉ. पवन गुप्ता ने जोर देकर कहा कि: “अविश्वास को खत्म करने के लिए चिकित्सकों के साथ-साथ समाज को भी सकारात्मक पहल करनी होगी।”
निष्कर्ष
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस 2025 आगरा का यह आयोजन न केवल चिकित्सकों के सम्मान का प्रतीक था, बल्कि यह एक ऐसा मंच बना जहाँ स्वास्थ्य नीति, समाज और चिकित्सा सेवा को एकत्र कर बेहतर भविष्य की राह तलाशने की कोशिश की गई। मेडिकल ट्यूरिज्म, औषधियों की सुलभता, युवा चिकित्सकों का मनोबल और नीति निर्धारण जैसे विषयों पर की गई यह संवाद आने वाले समय में स्वास्थ्य सेवा की दिशा को तय करने में सहायक सिद्ध होगा।