AGRA- आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाया गया आपातकाल दिवस, लोकतंत्र सेनानियों का किया स्वागत एवं सम्मान

🌍एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
🔸आपातकाल के बाद की गिरफ्तारियां एवं उनके द्वारा किए गए संघर्ष पर विस्तृत रूप से डाला गया प्रकाश
🔸अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा किए, वे वास्तव में हमारे समाज के प्रेरणा स्रोत हैं- विधायक पुरूषोत्तम खण्डेलवाल
🔸लोकतंत्र सेनानियों को याद करते हुए उनके द्वारा किए गए संघर्षों की दास्तान भी वर्तमान पीढ़ी को याद रखना चाहिए- लोकतंत्र सेनानी नरेन्द्र सिंह जग्गा
आगरा। शासन द्वारा दिए गए निर्देश के क्रम में विधायक पुरुषोत्तम खण्डेलवाल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में आपातकाल 1975 की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आपातकाल दिवस मनाया गया, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में आपातकाल पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया, इसके अलावा सामूहिक हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, जिसमें लोकतंत्र की रक्षा और संविधान के प्रति निष्ठा का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में लोकतंत्र सेनानियों ने 25 जून 1975 में लागू हुए आपातकाल के बाद की गिरफ्तारियां एवं उनके द्वारा किए गए संघर्ष पर विस्तृत रूप में प्रकाश डाला गया। विधायक पुरूषोत्तम खण्डेलवाल द्वारा लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं एवं उनके गोल्डन कार्ड तथा ऐसे लोकतंत्र सेनानी, जिन्हें सम्मान राशि नहीं मिलती थी तथा जिनकी मृत्यु हो गई, उनके आश्रितों को सम्मान राशि दिए जाने के संबंध में शासनादेश में संशोधन की बात की गई, विधायक पुरूषोत्तम खण्डेलवाल ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का एक ऐसा अध्याय है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता, उस दौर में जिन लोगों ने अपने प्राणों की बाजी लगाकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा किए, वे वास्तव में हमारे समाज के प्रेरणा स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि आज का दिन हमें इस बात का संकल्प लेने का अवसर देता है कि हम लोकतंत्र की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहे।
लोकतंत्र सेनानी नरेन्द्र सिंह जग्गा ने अपने उद्बोधन में कहा कि आपातकाल के दौरान जिन लोगों ने अपनी आजादी और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की कीमत पर देश को लोकतांत्रिक रास्ते पर बनाए रखा, उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों के साहस और बलिदान को नमन करते हुए कहा कि युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए, आपातकाल के दौरान झेली गई यातनाओं की जानकारी नई पीढ़ी तक पहुँचनी चाहिए, तभी देश में सशक्त लोकतंत्र की स्थापना होगी। उन्होंने कहा कि आज के नौजवानों को लोकतांत्रिक मूल्यों और मौलिक अधिकारों के प्रति सजग रहना होगा। लोकतंत्र सेनानियों को याद करते हुए उनके द्वारा किए गए संघर्षों की दास्तान भी वर्तमान पीढ़ी को याद रखना चाहिए। लोकतंत्र सेनानियों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। आश्रितों को पारिवारिक पेंशन और गोल्डन कार्ड जैसी सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में उपस्थित लोकतंत्र सैनानियों ने भी अपने-अपने विचार रखे तथा आपातकाल पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कार्यक्रम में जनपद के सम्मानित लोकतंत्र सेनानी सर्व नरेंद्र सिंह जग्गा, पुरुषोत्तम सिंह, महाजन, श्रीमती रेखा सहित लोकतंत्र सेनानी व उनके आश्रित तथा अपर जिलाधिकारी (प्रोटोकाल) प्रशान्त तिवारी एवं कलेक्ट्रेट संघ के अध्यक्ष नरेंद्र कुमार भारद्वाज, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुलीचंद शर्मा, तुषार सक्सेना जिला मंत्री, विवेक सक्सेना, रामनरेश शिव कुमार कर्दम भूपेंद्र सिंह सहित कलेक्ट्रेट के वरिष्ठ सहायक आदि उपस्थित रहे।