किसानों को मुफ्त राई-सरसों बीज मिनीकिट, ऑनलाइन आवेदन
किसानों के लिए खुशखबरी! कृषि विभाग देगा मुफ्त राई-सरसों बीज मिनीकिट, 1 से 25 सितंबर तक करें agridarshan.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन।
किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी: मुफ्त राई-सरसों बीज मिनीकिट पाने का मौका, ऑनलाइन आवेदन 1 से 25 सितंबर तक
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
किसानों के लिए प्रदेश सरकार ने एक बार फिर राहत और अवसर की सौगात दी है। इस बार कृषि विभाग की ओर से मुफ्त तिलहन बीज मिनीकिट वितरण कार्यक्रम शुरू किया जा रहा है। इसके अंतर्गत राई और सरसों फसल के 2 किलो बीज मिनीकिट किसानों को बिना किसी शुल्क के उपलब्ध कराए जाएंगे।
उप कृषि निदेशक मुकेश कुमार ने जानकारी दी कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से पारदर्शी और डिजिटल माध्यम से संचालित किया जाएगा। किसानों को किसी कार्यालय के चक्कर काटने की ज़रूरत नहीं होगी, बल्कि वे सीधे कृषि विभाग के पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन की महत्वपूर्ण तिथियां
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शुरुआत की तिथि: 1 सितंबर 2025
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अंतिम तिथि: 25 सितंबर 2025
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मोड ऑफ़ आवेदन: केवल ऑनलाइन
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पोर्टल: agridarshan.up.gov.in
पारदर्शिता और चयन प्रक्रिया
कृषि विभाग ने इस बार चयन प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने की घोषणा की है।
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सभी आवेदनों को पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
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यदि निर्धारित संख्या से अधिक आवेदन आते हैं, तो चयन ऑनलाइन लॉटरी के ज़रिए किया जाएगा।
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हर किसान को केवल एक मिनीकिट ही उपलब्ध होगा।
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चयनित किसानों को POS मशीन के माध्यम से बीज मिनीकिट उपलब्ध कराया जाएगा।
इसका सीधा मतलब है कि किसी भी किसान को बिचौलियों या भ्रष्टाचार की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है।
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बीज वितरण की प्रक्रिया
चयनित किसानों को SMS या पोर्टल पर जानकारी दी जाएगी। इसके बाद किसान अपने नज़दीकी राजकीय कृषि बीज भंडार से मिनीकिट प्राप्त कर सकेंगे।
बीज वितरण POS मशीन के माध्यम से होगा, जिससे रिकॉर्ड पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी रहेगा।
किसानों को लाभ
यह योजना छोटे और सीमांत किसानों के लिए काफी उपयोगी है। अक्सर किसान उच्च गुणवत्ता वाले बीज की कमी के कारण फसल उत्पादन में पिछड़ जाते हैं। इस योजना के जरिए—
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किसान बिना लागत के उच्च गुणवत्ता वाला बीज पा सकेंगे।
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सरसों और राई की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा।
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उत्पादन में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
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प्रदेश में तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा।
कृषि विभाग का उद्देश्य
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि किसानों को नई तकनीक और बेहतर बीज उपलब्ध कराए जाएं। इस योजना से—
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फसल की उत्पादकता बढ़ेगी।
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किसानों की आमदनी में सुधार होगा।
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आत्मनिर्भर भारत अभियान को मज़बूती मिलेगी।
किसानों के लिए जरूरी सावधानियां
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केवल पंजीकृत किसान ही आवेदन कर सकेंगे।
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आवेदन करते समय सही आधार नंबर और बैंक विवरण दर्ज करना होगा।
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एक किसान केवल एक ही मिनीकिट के लिए पात्र होगा।
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आवेदन करने की अंतिम तिथि 25 सितंबर है, इसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा।
किसानों की राय
कई किसानों ने इसे एक सराहनीय पहल बताया है। आगरा के किसान रामनरेश का कहना है, “पिछली बार भी सरकार ने मुफ्त बीज दिए थे, जिससे हमारी उपज अच्छी हुई। इस बार ऑनलाइन प्रक्रिया से और भी आसानी होगी।”
वहीं किसान शिवकुमार का कहना है, “अक्सर किसान महंगे दाम पर नकली बीज खरीद लेते हैं। लेकिन सरकारी मिनीकिट भरोसेमंद होता है और इससे अच्छी फसल मिलती है।”
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें?
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सबसे पहले पोर्टल पर जाएं – agridarshan.up.gov.in
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किसान पंजीकरण करें या पहले से पंजीकृत हैं तो लॉगिन करें।
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“मुफ्त बीज मिनीकिट आवेदन” विकल्प चुनें।
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मांगी गई सभी जानकारियां सही-सही भरें।
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आवेदन सबमिट करने के बाद उसका प्रिंट सुरक्षित रखें।
नतीजा और उम्मीद
कृषि विभाग को उम्मीद है कि इस बार बड़ी संख्या में किसान आवेदन करेंगे।
यह योजना खासकर छोटे और सीमांत किसानों के लिए वरदान साबित होगी। मुफ्त बीज उपलब्ध होने से किसानों का खर्च कम होगा और उपज में वृद्धि होगी।
सरकार चाहती है कि तिलहन उत्पादन बढ़े और प्रदेश में सरसों-राई की खेती को बढ़ावा मिले। यह योजना निश्चित रूप से किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में मददगार होगी।
- कुल मिलाकर, यह योजना किसानों के लिए एक शानदार अवसर है। यदि आप भी सरसों या राई की खेती करते हैं, तो इस योजना का लाभ ज़रूर उठाएं।
1 सितंबर से 25 सितंबर तक ऑनलाइन आवेदन करना न भूलें।
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