CDO प्रतिभा सिंह ने आगरा BSA की लापरवाही पर वेतन रोका
बीएसए के विरुद्ध वेतन रोकने के आदेश जारी

CDO प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में आगरा की शिक्षा टॉस्क फोर्स बैठक स्थगित, बीएसए के विरुद्ध वेतन रोकने के आदेश जारी
दिनांक: 30 जुलाई 2025
आगरा। आगरा में बेसिक शिक्षा विभाग की जिला टॉस्क फोर्स (डीटीएफ) की एक अहम बैठक मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी (CDO) श्रीमती प्रतिभा सिंह की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में आहूत की गई। लेकिन यह बैठक उस समय अचानक स्थगित कर दी गई जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) जितेन्द्र कुमार गोंड द्वारा निर्धारित सूचनाएं बैठक दस्तावेजों में सम्मिलित नहीं की गईं।
मृतक आश्रित नियुक्ति और निलंबन-बहाली की सूचना पर उठा विवाद
बैठक की शुरुआत में ही मुख्य विकास अधिकारी ने पिछली डीटीएफ बैठकों में दिए गए स्पष्ट निर्देशों की अनुपालना की समीक्षा की। लेकिन यह देखा गया कि बार-बार निर्देशित किए जाने के बावजूद मृतक आश्रितों की नियुक्तियों और निलंबन उपरांत बहाल शिक्षकों की सूची बैठक की बुकलेट में सम्मिलित नहीं की गई थी।
इस गंभीर चूक पर CDO प्रतिभा सिंह ने नाराज़गी व्यक्त करते हुए बैठक को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया और BSA को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे पूर्ण सूचनाएं संलग्न कर अगली बैठक तत्काल बुलाएं।
BSA के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोप, जांच समिति को नहीं दिए दस्तावेज
बैठक के दौरान एक और गंभीर प्रशासनिक लापरवाही उजागर हुई। सूत्रों के अनुसार, शिक्षकों की निलंबन-बहाली में कथित आर्थिक लेनदेन को लेकर कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। आरोप यह भी है कि बीएसए ने बहाली में अपने करीबी लोगों को मनचाहे विद्यालयों में तैनाती दी है।
इन शिकायतों की जांच हेतु गठित जांच समिति ने बीएसए से अभिलेख उपलब्ध कराने को कहा था, लेकिन बैठक तक कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए।
मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह ने इसे प्रशासनिक अनुशासनहीनता मानते हुए BSA आगरा के वेतन को तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश जारी कर दिया है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि जब तक BSA सभी अभिलेख जांच समिति को नहीं सौंपते, उनका वेतन नहीं जारी किया जाएगा।
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CDO की सख्ती से शिक्षा विभाग में हड़कंप
मुख्य विकास अधिकारी की इस कार्यवाही से बेसिक शिक्षा विभाग में हड़कंप की स्थिति बन गई है। विभाग के कई अधिकारियों का कहना है कि पहली बार किसी उच्चस्तरीय बैठक में BSA के विरुद्ध इस प्रकार की सख्त प्रशासनिक कार्यवाही की गई है।
सूत्रों के अनुसार, CDO ने यह भी निर्देश दिए कि आगामी बैठक में सभी विषयवार सूचनाएं समयबद्ध और प्रमाण सहित प्रस्तुत की जाएं, अन्यथा संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी।
शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की दिशा में उठाया गया कदम
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की सख्ती से शिक्षा विभाग में जवाबदेही और पारदर्शिता आएगी। मृतक आश्रितों की नियुक्तियों को लेकर लंबे समय से पारदर्शिता की मांग उठती रही है, वहीं निलंबन और बहाली जैसे मामलों में भ्रष्टाचार की शिकायतें पूरे प्रदेश में देखने को मिलती रही हैं।
CDO प्रतिभा सिंह के इस निर्णय को सकारात्मक और प्रशासनिक मजबूती की दिशा में प्रभावशाली कदम के रूप में देखा जा रहा है।
निष्कर्ष:
आगरा में शिक्षा की गुणवत्ता और प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह द्वारा की गई यह कार्यवाही आने वाले दिनों में अन्य जिलों के लिए भी एक उदाहरण बन सकती है। बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ी सभी नियुक्तियां, निलंबन और बहाली जैसे मुद्दे संवेदनशील और पारदर्शिता की कसौटी पर खरे उतरने चाहिएं।
अब यह देखना अहम होगा कि क्या जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सभी अभिलेख प्रस्तुत कर अगले निर्देशों का पालन करते हैं या फिर मामला उच्च स्तर तक पहुंचता है। लेकिन इतना निश्चित है कि आगरा में शिक्षा प्रशासन अब पूरी तरह जवाबदेह और सतर्क दिखाई दे रहा है।