राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 का शुभारंभ: लंबित मुकदमों के शीघ्र समाधान की दिशा में ऐतिहासिक पहल
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशा निर्देश में राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान की शुरुआत

राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 का शुभारंभ: लंबित मुकदमों के शीघ्र समाधान की दिशा में ऐतिहासिक पहल
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा (ब्यूरो रिपोर्ट):
जनपद आगरा में राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान 2025 की औपचारिक शुरुआत जनपद न्यायाधीश श्री संजय कुमार मलिक के मार्गदर्शन में और अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी के नेतृत्व में की गई। यह अभियान 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसका उद्देश्य न्यायालय में वर्षों से लंबित मामलों का निपटारा आपसी सुलह और समझौते के माध्यम से कराना है।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और सर्वोच्च न्यायालय की पहल
यह अभियान राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA), नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UPSLSA), लखनऊ के दिशानिर्देशों के अनुरूप आयोजित किया जा रहा है। इसके साथ ही, सर्वोच्च न्यायालय की मेडिएशन एवं कंसिलीएशन प्रोजेक्ट कमेटी की सक्रिय भागीदारी से यह कार्यक्रम पूरे देश में क्रियान्वित किया जा रहा है। आगरा जनपद भी इस राष्ट्रव्यापी अभियान में अपनी भागीदारी निभा रहा है।
लक्ष्य: न्यायिक बोझ घटाना और समाज में सौहार्द बढ़ाना
डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 का मुख्य उद्देश्य उन मामलों का समाधान कराना है, जिन्हें मध्यस्थता (मेडिएशन) के जरिए निपटाया जा सकता है। इस अभियान से न्यायिक प्रक्रिया में तेजी आएगी, मुकदमों के बोझ में कमी आएगी और समाज में भाईचारा व शांति का माहौल स्थापित होगा।
इन मामलों पर रहेगा अभियान का विशेष फोकस:
इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के दीवानी एवं शमनीय आपराधिक मामलों को मध्यस्थता के लिए उपयुक्त माना गया है। इसमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:
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वैवाहिक विवाद (Mutual Divorce, Maintenance इत्यादि)
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चेक बाउंस (Negotiable Instruments Act की धारा 138)
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घरेलू हिंसा एवं पारिवारिक विवाद
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सेवा विवाद (सरकारी सेवाओं से जुड़े अनुशासनात्मक मामले)
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भूमि एवं संपत्ति विवाद
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किरायेदारी व उत्तराधिकार संबंधी विवाद
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सड़क दुर्घटना क्षतिपूर्ति से जुड़े मामले
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बैंक वसूली विवाद
इन मामलों में आपसी सहमति की संभावना अधिक होती है, अतः इन्हें मध्यस्थता के ज़रिए सुलझाने की कोशिश की जाएगी।
1 जुलाई से 31 जुलाई तक मामलों की पहचान और संदर्भण प्रक्रिया
इस राष्ट्रीय अभियान के तहत 1 जुलाई 2025 से 31 जुलाई 2025 तक उन मामलों की पहचान की जाएगी, जिन्हें मध्यस्थता के लिए उपयुक्त माना जाता है। चिन्हित मामलों को प्रशिक्षित और अनुभवी मध्यस्थों को सौंपा जाएगा जो तटस्थता के साथ दोनों पक्षों के बीच सुलह वार्ता (Settlement Talks) कराएंगे।
5 जुलाई को हुई विशेष बैठक – मध्यस्थों को दिए निर्देश
5 जुलाई 2025 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा द्वारा एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सभी मध्यस्थों की उपस्थिति रही। इस बैठक में डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी द्वारा स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए कि मध्यस्थों को चाहिए कि वे अधिक से अधिक पक्षकारों को समझौते की मेज पर लाएं और उनमें संवाद स्थापित कर सकारात्मक समाधान निकालें।
उन्होंने यह भी कहा कि “मध्यस्थता केवल एक कानूनी प्रक्रिया नहीं है, यह एक सांस्कृतिक और सामाजिक प्रयास है, जो विवादों को खत्म कर लोगों के रिश्तों को बचाता है।”
सामाजिक जागरूकता और प्रचार-प्रसार पर विशेष बल
डॉ. द्विवेदी ने यह भी बताया कि इस अभियान का प्रचार-प्रसार भी उतना ही जरूरी है, जितना कि मध्यस्थता प्रक्रिया। इसके लिए:
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पराविधिक स्वयंसेवक (PLVs)
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अधिकार मित्र
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स
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प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
का सहयोग लिया जा रहा है। मीडिया से भी अनुरोध किया गया है कि वे राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 के सफल क्रियान्वयन में सहयोग प्रदान करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान से जुड़ सकें।
क्या है मध्यस्थता (Mediation)?
मध्यस्थता एक वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) प्रक्रिया है, जिसमें न्यायालय से बाहर विवाद को सुलझाया जाता है। इसमें एक तटस्थ मध्यस्थ दोनों पक्षों की बातें सुनता है और उन्हें एक साझा समाधान तक पहुँचने में सहायता करता है।
यह प्रक्रिया:
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कम खर्चीली होती है
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समय की बचत करती है
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आपसी रिश्तों को सुरक्षित रखती है
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गोपनीयता सुनिश्चित करती है
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कोर्ट के बोझ को कम करती है
राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 की विशेषताएं
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90 दिन का केंद्रित अभियान
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न्यायालयों में लंबित मामलों का निष्पक्ष समाधान
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अनुभवयुक्त और प्रशिक्षित मध्यस्थों की भागीदारी
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सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा
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महिला, वृद्धजन व वंचित वर्गों के लिए न्याय सुलभ बनाना
आम जनता से अपील
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा द्वारा आम नागरिकों से अपील की गई है कि यदि उनके पास ऐसा कोई मामला लंबित है जो आपसी सहमति से सुलझ सकता है, तो वे इस मध्यस्थता अभियान में हिस्सा लें। इससे न केवल उनका समय और पैसा बचेगा, बल्कि वे मानसिक तनाव से भी मुक्ति पा सकेंगे।
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निष्कर्ष:
राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान आगरा 2025 न्यायपालिका की दिशा में एक सकारात्मक और दूरदर्शी पहल है। यह न केवल न्यायिक व्यवस्था को गति देगा, बल्कि आम जनता को त्वरित, सरल और सम्मानजनक समाधान प्रदान करेगा। अगर इस अभियान का समुचित प्रचार और जनसहयोग मिला, तो निश्चित रूप से यह विवाद मुक्त समाज के निर्माण की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।