सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह आगरा : केंद्रीय मंत्री बघेल बोले – महिला सशक्तिकरण से बदल रही ग्रामीण अर्थव्यवस्था
आगरा में आयोजित सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि सहज दुग्ध उत्पादक संस्था महिला सशक्तिकरण और ग्रामीण आत्मनिर्भरता का सफल मॉडल है।
सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह : ग्रामीण भारत में नए बदलाव की कहानी
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। सूरसदन, आगरा में आयोजित “सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह” का आयोजन महिलाओं और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय राज्य मंत्री (कानून एवं न्याय) प्रो. एस.पी. सिंह बघेल उपस्थित रहे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार डेयरी और पशुपालन क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक ले जा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “सहज जैसी संस्थाएँ ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं और ‘लखपति दीदी’ का सपना साकार कर रही हैं। यह न केवल आर्थिक सशक्तिकरण है बल्कि सामाजिक बदलाव की दिशा में भी एक बड़ी क्रांति है।”
सहज दुग्ध उत्पादक संस्था : महिला सशक्तिकरण का सफल मॉडल
2014 में स्थापित सहज दुग्ध उत्पादक संस्था आज उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक संस्था बन चुकी है।
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यह संस्था 19,500 गाँवों से जुड़ी हुई है।
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1.32 लाख से अधिक सदस्य इससे जुड़े हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल हैं।
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संस्था का मुख्य उद्देश्य है – ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और महिलाओं को वित्तीय स्वतंत्रता देना।
आज सहज ग्रामीण महिला सशक्तिकरण की एक ऐसी ब्रांड पहचान बन चुकी है, जिसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है।
कार्यक्रम में मौजूद अतिथि
इस समारोह में कई गणमान्य लोग मौजूद रहे —
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डॉ. मीनेश शाह – अध्यक्ष, राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड एवं एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज़
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श्रीमती उमा भदौरिया – निदेशक, सहज
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डॉ. सी.पी. देवानंद – प्रबंध निदेशक, एनडीडीबी डेयरी सर्विसेज़
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डॉ. प्रफुल बनवाड़िया – मुख्य कार्यकारी, सहज
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दीपक कुमार – कमिश्नर, आगरा
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शैलेश कुमार पाण्डेय – डी.आई.जी., आगरा
इन सभी ने सहज संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल ग्रामीण भारत में महिला उद्यमिता का नया अध्याय लिख रही है।
लखपति दीदी योजना : ग्रामीण महिलाओं का आत्मनिर्भरता की ओर कदम
“लखपति दीदी” का सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से दिया था। सहज ने इस दिशा में काम करते हुए हजारों महिलाओं को दुग्ध उत्पादन और डेयरी व्यवसाय से जोड़ा।
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महिलाओं को रोजगार के अवसर मिले।
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उनकी मासिक आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई।
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समाज में उनकी भूमिका और सम्मान दोनों बढ़े।
आज कई महिलाएँ सहज संस्था से जुड़कर “लखपति दीदी” बन चुकी हैं और अपने परिवार व गाँव को समृद्ध बना रही हैं।
डेयरी और पशुपालन क्षेत्र का महत्व
भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। सरकार का लक्ष्य है कि –
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दुग्ध उत्पादन बढ़े।
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ग्रामीणों की आय दोगुनी हो।
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महिला किसानों और पशुपालकों को सीधा लाभ मिले।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि “डेयरी सेक्टर केवल दूध उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण रोजगार, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण की रीढ़ है।”
सहज का योगदान
सहज ने उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि आसपास के राज्यों में भी अपने कार्यों का विस्तार किया है।
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महिलाओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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संगठित दुग्ध आपूर्ति शृंखला बनाई जा रही है।
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किसानों और महिलाओं को न्यायपूर्ण मूल्य उपलब्ध कराया जा रहा है।
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था को स्थायी और आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग किया जा रहा है।
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ग्रामीण भारत के बदलते आयाम
इस तरह के प्रयास केवल महिलाओं की आय बढ़ाने तक सीमित नहीं हैं। इसके दूरगामी सामाजिक प्रभाव भी हैं —
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शिक्षा पर खर्च में वृद्धि → महिलाएँ अपनी कमाई से बच्चों को बेहतर शिक्षा दिला रही हैं।
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स्वास्थ्य में सुधार → आय बढ़ने से परिवारों में पोषण और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च हो रहा है।
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सामाजिक सम्मान → महिलाएँ अब निर्णय लेने में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
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ग्रामीण रोजगार → स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
केंद्रीय मंत्री का संदेश
केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कहा –
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार डेयरी और पशुपालन क्षेत्र के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयासरत है। सहज जैसी संस्थाएँ इन प्रयासों को और अधिक गति प्रदान कर रही हैं। यह पहल आत्मनिर्भर भारत और समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था के निर्माण में मील का पत्थर साबित होगी।”
निष्कर्ष
सहज लखपति दीदी सम्मान समारोह केवल एक आयोजन नहीं बल्कि ग्रामीण भारत के बदलते स्वरूप का प्रतीक है। यह साबित करता है कि यदि महिलाओं को अवसर मिले तो वे न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र की आर्थिक शक्ति बन सकती हैं।
सहज संस्था का यह मॉडल आने वाले वर्षों में ग्रामीण भारत में महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का सबसे मजबूत आधार बनकर उभरेगा।








