प्रयागराज में मीना मंच मास्टर ट्रेनिंग कार्यशाला शुरू
मीना मंच मास्टर ट्रेनिंग

सीमैट प्रयागराज में
मीना मंच के सशक्तिकरण हेतु सीमैट प्रयागराज में मास्टर ट्रेनरों की कार्यशाला शुरू
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-
आगरा/प्रयागराज, 04 अगस्त 2025।
मीना मंच को मिलेगा नया नेतृत्व, 105 मास्टर ट्रेनर्स हुए तैयार
बालिका शिक्षा और नेतृत्व सशक्तिकरण की दिशा में उत्तर प्रदेश एक मजबूत कदम बढ़ा चुका है। राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (सीमैट), प्रयागराज में ‘स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी’ के तहत आयोजित मीना मंच मास्टर ट्रेनिंग कार्यशाला का शुभारंभ हो चुका है।
कार्यशाला का उद्देश्य मीना मंच के माध्यम से बालिकाओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और जीवन कौशल विकसित करना है। इस पहल के तहत, प्रदेश भर से चुने गए 105 मास्टर ट्रेनर्स को नेतृत्व विकास और प्रशिक्षण तकनीकों का गहन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
मीना मंच: बालिकाओं की आवाज़ और आत्मबल का मंच
मीना मंच वर्षों से उत्तर प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में बालिका शिक्षा और लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने का एक सशक्त माध्यम रहा है। यह मंच बालिकाओं को स्वर, अवसर और समर्पण की भावना से जोड़ता है। लेकिन समय के साथ इसकी प्रभावशीलता और व्यापकता को और मजबूत करने की ज़रूरत थी, जिसे अब यह मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी कर रहा है।
प्रशिक्षण में क्या हो रहा है खास?
दिनांक 04 अगस्त 2025 से शुरू हुई यह कार्यशाला सीमैट प्रयागराज में आयोजित हो रही है। इसमें बालिका शिक्षा, लैंगिक समानता, जीवन कौशल, और मीना मंच की भूमिका जैसे विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य है कि मास्टर ट्रेनर्स अपने जनपदों में जाकर:
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ब्लॉक स्तर पर सुगंकर्ताओं को प्रशिक्षित करें।
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विद्यालय स्तर पर मीना मंच को सक्रिय और प्रभावी बनाएं।
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बालिकाओं को नेतृत्व के लिए प्रेरित करें।
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मॉडल मीना मंच की स्थापना की दिशा में कार्य करें।
प्रदेश भर से आए प्रशिक्षक, आगरा से भी रही सशक्त भागीदारी
कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के 20 से अधिक जिलों के मास्टर ट्रेनर्स भाग ले रहे हैं। आगरा से अशोक कुमार, अनिल कुमार, प्रियंका गौतम, प्रेमलता शर्मा, रजनी गुप्ता और आभा पुरोहित इस प्रशिक्षण में सहभागिता कर रहे हैं।
इसके अलावा अलीगढ़, औरैया, अमेठी, अमरोहा, आज़मगढ़, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बस्ती, बाराबंकी, बरेली, भदोही और बिजनौर समेत कई जिलों से प्रत्येक जिले से 6-6 मास्टर ट्रेनर कार्यशाला में शामिल हैं।
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प्रशिक्षण से प्रशिक्षण की शृंखला की होगी शुरुआत
इन प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनरों की जिम्मेदारी केवल प्रशिक्षण प्राप्त करना नहीं, बल्कि अपने जिलों में जाकर प्रत्येक उच्च प्राथमिक, कंपोजिट विद्यालय और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय से एक-एक सुगंकर्ता को प्रशिक्षित करना है। इस तरह यह कार्यक्रम राज्य स्तर से ब्लॉक और विद्यालय स्तर तक लागू होगा।
यह रणनीति सुनिश्चित करेगी कि हर विद्यालय में मीना मंच एक जीवंत, सक्रिय और बालिकाओं को सशक्त बनाने वाला मंच बने।
क्यों जरूरी है यह पहल?
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ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों की बालिकाएं आज भी कई बार शिक्षा और आत्मविकास के अवसरों से वंचित रह जाती हैं।
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मीना मंच जैसे प्लेटफॉर्म उनके भीतर नेतृत्व, आत्मविश्वास, संवाद क्षमता और सामाजिक जागरूकता विकसित करते हैं।
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स्पेशल प्रोजेक्ट फॉर इक्विटी के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर बच्ची को अवसर मिले और हर विद्यालय में नेतृत्व का माहौल बने।
मॉडल मीना मंच की ओर कदम
इस कार्यशाला में एक प्रमुख उद्देश्य यह भी है कि ‘मॉडल मीना मंच’ की अवधारणा को ज़मीनी स्तर पर लागू किया जाए। इसके तहत:
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छात्राओं द्वारा नियमित बैठकें की जाएंगी।
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बालिका-संबंधित मुद्दों पर चर्चा होगी।
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विद्यालय प्रबंधन को सुझाव दिए जाएंगे।
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छात्रों के बीच लीडरशिप रोल्स निर्धारित किए जाएंगे।
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत की ओर
मीना मंच मास्टर ट्रेनिंग कार्यशाला महज एक आयोजन नहीं, बल्कि बालिकाओं के उज्जवल भविष्य की नींव है। आगरा सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रशिक्षकों ने जिस समर्पण और ऊर्जा से प्रशिक्षण प्राप्त किया, वह आने वाले समय में हजारों छात्राओं के जीवन में बदलाव लाएगा।
नेतृत्व, समानता और शिक्षा के इस अभियान में मीना मंच एक नई रोशनी बनकर उभरेगा, जिसमें हर बालिका खुद को नेतृत्वकर्ता समझेगी, न कि केवल एक विद्यार्थी।
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