वृक्षारोपण महाअभियान 2025: जनसहभागिता से बनेगा पर्यावरण संरक्षण का जनांदोलन
वृक्षारोपण महाअभियान 2025 की तैयारियों पर राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने ली समीक्षा बैठक

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे वृक्षारोपण महाअभियान 2025 को सफल बनाने के लिए तैयारियों का दौर ज़ोरों पर है। इस क्रम में माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में प्रदेशभर के शासकीय व गैर-शासकीय संस्थानों, सिविल सोसायटी, नेहरू युवा केन्द्र, एनसीसी, नारी उत्थान समिति, धार्मिक संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य वृक्षारोपण महाअभियान को केवल एक सरकारी कार्यक्रम न बनाकर जनआंदोलन का रूप देना था, जिसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
वृक्षारोपण महाअभियान 2025 में जनसहभागिता का आह्वान
बैठक में डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि “वृक्षारोपण महाअभियान 2025 केवल पर्यावरण संरक्षण की पहल नहीं, बल्कि यह भावी पीढ़ी के लिए एक स्वस्थ व हरित भविष्य का बीज बोने का अभियान है।” उन्होंने अधिकारियों और प्रतिनिधियों को निर्देश दिया कि सभी विभाग समन्वय के साथ काम करें और क्षेत्रीय संस्थाएं स्थानीय स्तर पर जनजागरूकता और पौधारोपण को प्राथमिकता दें।
उन्होंने कहा कि इस अभियान में जनसहभागिता ही इसकी सफलता की कुंजी है। हर नागरिक यदि एक पौधा भी लगाए और उसका संरक्षण करे तो हम प्रदेश को हरित उत्तर प्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर स्थापित कर सकते हैं।
विशिष्ट वन और पौधों की जानकारी पर ज़ोर
बैठक के दौरान विशिष्ट वन (Specialized Forests) की अवधारणा पर भी प्रकाश डाला गया, जिसके अंतर्गत औषधीय, फलदार, छायादार, धार्मिक महत्व वाले और स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल प्रजातियों के पौधों का चयन कर स्थायी हरियाली को बढ़ावा देने की बात कही गई।
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष लक्षित पौधारोपण में नीम, पीपल, पाकड़, अर्जुन, बेल, सहजन, आम, जामुन जैसे बहुप्रयुक्त और पर्यावरण के अनुकूल प्रजातियाँ प्रमुख रूप से शामिल होंगी।
आगरा से विभिन्न संगठनों की भागीदारी
आगरा की ओर से बैठक में भाग लेने वालों में प्रमुख रूप से प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी प्रभाग कार्यालय के प्रतिनिधि, रिटायर्ड कर्नल मनोहर नायडू, 1 UP बटालियन एनसीसी आगरा के बृजपाल सिंह, और ब्रह्माकुमारी संस्था के सदस्य उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने अपने-अपने क्षेत्र में अधिकतम पौधारोपण और हरित संरक्षण के लिए प्रतिबद्धता जताई।
एनसीसी प्रतिनिधि बृजपाल सिंह ने कहा, “हमारे कैडेट्स इस बार सिर्फ पौधे नहीं लगाएंगे, बल्कि उनके संरक्षण की जिम्मेदारी भी लेंगे।” वहीं, ब्रह्माकुमारी संस्था ने बताया कि वह आगरा के विभिन्न क्षेत्रों में ध्यान केंद्रों के पास पौधारोपण करेगी और लोगों को आध्यात्मिक चेतना के साथ पर्यावरणीय चेतना से भी जोड़ने का कार्य करेगी।
पर्यावरण संरक्षण की दिशा में साझा प्रयासों का आह्वान
राज्य मंत्री ने ज़ोर दिया कि वृक्षारोपण को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में स्थापित करने के लिए हर संगठन, विद्यालय, कॉलेज, पंचायत, शहरी निकाय और धार्मिक संस्था को अपने स्तर से पहल करनी होगी। उन्होंने कहा कि “यह आवश्यक है कि हम सिर्फ पौधे लगाकर न रुकें, बल्कि उनके संरक्षण, सिंचाई और देखरेख की दीर्घकालिक योजना भी बनाएं।”
उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष का लक्ष्य केवल संख्या नहीं, बल्कि सफल वृक्षारोपण और उसका संरक्षण होगा।
वृक्षारोपण महाअभियान 2025: एक नज़र में
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अभियान तिथि: जुलाई 2025 के पहले सप्ताह से प्रदेशभर में आरंभ
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लक्ष्य: करोड़ों पौधे लगाना और उनका संरक्षण सुनिश्चित करना
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फ़ोकस क्षेत्र: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में सामुदायिक भागीदारी
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भागीदार संस्थाएँ: सरकारी विभाग, एनजीओ, विद्यालय, कॉलेज, धार्मिक संस्थान, महिला मंडल, एनसीसी, एनएसएस
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मुख्य उद्देश्य: पर्यावरण चेतना, जलवायु संतुलन, जैव विविधता संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, भविष्य की सुरक्षा
हर नागरिक की भूमिका: “एक व्यक्ति, एक पौधा” अभियान
प्रदेश सरकार ने “एक व्यक्ति, एक पौधा” के सिद्धांत पर ज़ोर देते हुए कहा है कि यदि हर नागरिक केवल एक पौधा भी लगाए और उसकी देखभाल करे, तो उत्तर प्रदेश को हरियाली में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल किया जा सकता है।
अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक जिले में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं जो स्थान चयन, पौधा वितरण, मॉनिटरिंग और जनसंपर्क के कार्यों की निगरानी करेंगे।
वृक्षारोपण से जुड़ी प्रतियोगिताएं और जागरूकता अभियान
विद्यालयों और महाविद्यालयों में वृक्षारोपण अभियान के तहत निबंध लेखन, चित्रकला, पोस्टर प्रतियोगिता, वृक्ष मित्र अभियान जैसे कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इससे बच्चों में पर्यावरणीय सोच और प्रकृति के प्रति जुड़ाव बढ़ेगा।
इसके अलावा, सोशल मीडिया पर वृक्षारोपण चैलेंज, सेल्फी विद ट्री, और वृक्ष मित्र सम्मान जैसे डिजिटल अभियान भी चलाए जाएंगे जिससे युवाओं की भागीदारी बढ़ाई जा सके।
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निष्कर्ष
वृक्षारोपण महाअभियान 2025 केवल एक सरकारी परियोजना नहीं, बल्कि भविष्य की सुरक्षा और पर्यावरणीय संतुलन के लिए उठाया गया सामूहिक कदम है। यह अभियान तभी सफल होगा जब प्रत्येक नागरिक, हर संस्थान और समुदाय एकजुट होकर पौधारोपण और उसके संरक्षण की जिम्मेदारी उठाए।
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हरियाली से ही खुशहाली संभव है, और वृक्षारोपण में आपकी भागीदारी ही इसका मूल मंत्र है। आइए, इस वृक्षारोपण महाअभियान 2025 को एक जनक्रांति बनाएं!
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