आगरा में प्राइमरी-कंपोजिट स्कूलों पर स्वतंत्रता दिवस उत्सव
79वें स्वतंत्रता दिवस पर आगरा के प्राइमरी व कंपोजिट स्कूलों में ध्वजारोहण, सांस्कृतिक कार्यक्रम, देशभक्ति गीत और बच्चों को उपहार वितरित हुए।

79वें स्वतंत्रता दिवस पर आगरा के प्राइमरी और कंपोजिट विद्यालयों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम
ब्यूरो चीफ़ – एस. शेरवानी
आगरा |
15 अगस्त 2025 को पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की आज़ादी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मना रहा था। इसी अवसर पर आगरा के कंपोजिट स्कूल श्यामा देवी, प्राइमरी स्कूल मंडी सईद खां और कंपोजिट स्कूल बजीरपुरा में संयुक्त रूप से भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
इन विद्यालयों में बच्चों और शिक्षकों ने मिलकर स्वतंत्रता दिवस को केवल एक औपचारिक अवसर न बनाकर, उसे देशभक्ति, एकता और सामुदायिक सहभागिता का उत्सव बना दिया।
ध्वजारोहण और राष्ट्रगान के साथ शुरुआत
कार्यक्रम की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई।
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बच्चों, शिक्षकों और अतिथियों ने मिलकर राष्ट्रध्वज को नमन किया।
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पूरे परिसर में राष्ट्रगान की गूंज से देशभक्ति का माहौल बन गया।
इसके बाद सभी ने शहीदों को याद किया और उनके त्याग को नमन किया।
दीप प्रज्वलन और पुष्पांजलि
ध्वजारोहण के बाद क्षेत्रीय पार्षद शशिकांत गुप्ता और प्रवेश पटेल ने दीप प्रज्वलन किया।
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के वीर शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कहा कि –
“आज का यह दिन हमें उन महान बलिदानियों को याद करने का अवसर देता है, जिनके कारण हम आज़ाद भारत की खुली हवा में सांस ले रहे हैं।”
विशिष्ट अतिथि और सम्मानित उपस्थिति
कार्यक्रम में पंकज अग्रवाल और निधि अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहे।
उनकी उपस्थिति ने समारोह की गरिमा को और बढ़ा दिया।
बच्चों की देशभक्ति से सजी प्रस्तुतियां
विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीतों पर भावनात्मक प्रस्तुतियां दीं।
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“वंदे मातरम्” और “जय हो भारत” जैसे गीतों पर बच्चों के सुर और ताल ने पूरे वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया।
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कुछ बच्चों ने कविता और भाषण प्रस्तुत कर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की गाथा सुनाई।
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वहीं अन्य विद्यार्थियों ने लोकगीत और नृत्य प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
इन प्रस्तुतियों से साफ झलक रहा था कि छोटे-छोटे बच्चों के दिलों में भी अपने देश और संस्कृति के प्रति गहरा लगाव है।
बच्चों का सम्मान और उपहार वितरण
सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी बच्चों को सम्मानित किया गया।
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पार्षद प्रवेश पटेल ने प्रतिभागी बच्चों को उपहार और प्रमाण पत्र प्रदान किए।
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इस अवसर पर बच्चों के चेहरों पर खुशी देखते ही बन रही थी।
इसके अतिरिक्त सभी विद्यार्थियों को मिष्ठान और फल भी वितरित किए गए, जिससे बच्चों का उत्साह और बढ़ गया।
प्रधानाध्यापक और स्टाफ की अहम भूमिका
कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिव कुमार शर्मा ने किया।
उन्होंने पूरे कार्यक्रम को अनुशासन और सौहार्द्र के साथ आगे बढ़ाया।
साथ ही विद्यालय का पूरा स्टाफ –
गीता, राजवीर, मोहम्मद फैसल, रेनू खरे, कविता जैन, सोनिया, पिंकी, प्रतिभा, नीतू कौशिक, विनीता, सरिता जैन, निखिल सिंह, अंशु गौतम, अनम खान, काव्य यादव, अंकित राय, अंशु और अंजलि –
ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग दिया।
उनकी मेहनत और समर्पण से समारोह बच्चों के लिए प्रेरणादायक और यादगार बन सका।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों का महत्व
सांस्कृतिक कार्यक्रम केवल मनोरंजन के साधन नहीं होते, बल्कि यह बच्चों को अपनी संस्कृति, परंपरा और राष्ट्रीय गौरव से जोड़ते हैं।
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स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसरों पर ऐसे आयोजन बच्चों में देशभक्ति और जिम्मेदारी की भावना जगाते हैं।
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मंच पर प्रस्तुति देने से बच्चों का आत्मविश्वास और व्यक्तित्व विकास भी होता है।
इन विद्यालयों द्वारा आयोजित संयुक्त कार्यक्रम ने साबित कर दिया कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि समाज और संस्कृति से गहराई से जुड़ी होती है।
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सामुदायिक एकता का प्रतीक
इस आयोजन ने यह भी दर्शाया कि शिक्षा केवल शिक्षकों और विद्यार्थियों तक सीमित नहीं है।
जब स्थानीय पार्षद, समाजसेवी और अभिभावक भी इसमें शामिल होते हैं तो यह पूरे समाज का उत्सव बन जाता है।
आगरा के इन स्कूलों का स्वतंत्रता दिवस समारोह सामुदायिक सहभागिता और एकता का प्रतीक बन गया।
मिष्ठान वितरण और समापन
कार्यक्रम के अंत में सभी बच्चों और उपस्थित अतिथियों को मिष्ठान और फल वितरित किए गए।
इससे पूरे विद्यालय परिवार में अपनापन और उत्सव का माहौल और गहरा हो गया।
निष्कर्ष
आगरा के प्राइमरी और कंपोजिट विद्यालयों – श्यामा देवी, मंडी सईद खां और बजीरपुरा – द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह बच्चों के लिए यादगार अनुभव रहा।
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बच्चों ने देशभक्ति गीतों से शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
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सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय और समाज के बीच का रिश्ता और मजबूत हुआ।
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उपहार और प्रमाण पत्र पाकर बच्चों का उत्साह दोगुना हो गया।
इस तरह के आयोजन भविष्य में भी बच्चों को न केवल शिक्षा, बल्कि संस्कार, अनुशासन और देशभक्ति की सीख देते रहेंगे।
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