
🌍एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। मुख्य कोषाधिकारी आगरा श्रीमती रीता सचान ने अवगत कराया है कि ऐसे समस्त पेंशनर जिन लोगों ने राशिकरण की कटौती सम्बन्धी वाद दाखिल किये गये हैं। जिनमें उच्च न्यायालय इलाहाबाद एवं खण्डपीठ लखनऊ द्वारा आदेश पारित किये गये है। अतः इस सम्बन्ध में समस्त वादों की प्रकृति एक समान होने के कारण क्लब करके इस संबंध में उच्चाधिकारियों द्वारा विधिक कार्यवाही /न्यायालय के आदेशों का अनुपालन कराया जा रहा है। इस सम्बन्ध में मुख्य कोषाधिकारी आगरा को निदेशक कोषागार द्वारा शासन के निर्देशों के क्रम में राशिकरण की कटौती स्थगन के स्थगन आदेश मा.न्यायालय के आदेशों के समादर में निर्गत किये गये हैं। जिसमें निर्देश हैं कि ऐसे पेंशनर जो कोर्ट आदेश की प्रति के साथ व्यक्तिगत सूचना यथा नाम, ट्रेजरी इन्डेक्स नंबर, बैंक के डिटेल के साथ कोषागार में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें। उनकी तत्काल राशिकरण कटौती अग्रिम आदेशों तक स्थगित रखी जाय। जिसके अनुपालन में कोषागार स्तर से पेंशनर द्वारा अभिलेख सहित न्यायालय के आदेश प्राप्त कराने पर राशिकरण कटौती स्थगित की जा रही है। परन्तु कई पेशनरों द्वारा अभी भी अपनी व्यक्तिगत सूचना न्यायालय के आदेश के साथ प्रस्तुत नहीं की जा रही है। जिससे कटौती स्थगित किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। क्योंकि एक वाद में से लेकर 50 से अधिक पेंशनर सम्मिलित है। जिससे पेंशनर को चिन्हित करने में समस्यायें उत्पन्न हो रही है। जिससे कटौती स्थगन किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है।
अतः समस्त ऐसे पेंशनरों से अनुरोध है कि अपना व्यक्तिगत विवरण न्यायालय के आदेश के साथ कोषागार में आवश्यक रूप से उपलब्ध कराएं।