आगरा: बेसिक शिक्षकों को बड़ी राहत, दो दिन में मिलेगा जून का वेतन
आगरा के बेसिक शिक्षकों और कर्मचारियों को राहत : एक-दो दिन में खाते में आ जाएगा वेतन

आगरा के 12 हजार बेसिक शिक्षकों को बड़ी राहत, डीएम के आदेश पर जल्द मिलेगा जून माह का वेतन
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा | 15 जुलाई 2025
जून 2025 से वेतन न मिलने की समस्या झेल रहे आगरा के 12,000 से अधिक बेसिक शिक्षक एवं कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है।
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर सोमवार को वेतन भुगतान के लिए विशेष वित्त अधिकारी की नियुक्ति कर दी गई है। इससे अगले एक-दो दिनों के भीतर वेतन खातों में ट्रांसफर हो जाने की पूरी संभावना है।
वेतन भुगतान के लिए विशेष व्यवस्था
बेसिक शिक्षा विभाग के जून माह का वेतन लंबे समय से वित्तीय अधिकारी के स्थानांतरण के कारण अटका हुआ था।
नए अधिकारी की नियुक्ति शासन से नहीं हो सकी थी, जिसके चलते विभागीय कार्यवाही रुकी रही।
इससे जुड़े लगभग 12 हजार शिक्षक और कर्मचारी आर्थिक तनाव से गुजर रहे थे।
स्थानांतरण के बाद अटका वेतन, शिक्षक संगठन भी हुए सक्रिय
जानकारी के अनुसार, बेसिक शिक्षा विभाग के पूर्व वित्त अधिकारी के स्थानांतरण के बाद न तो नया अधिकारी आया और न ही अस्थायी रूप से किसी को स्थाई रूप से चार्ज मिला।
शिक्षकों के वेतन बिल पास नहीं हो पा रहे थे।
इससे परेशान होकर विभिन्न शिक्षक संगठनों ने कई बार जिलाधिकारी से मिलकर इस विषय पर ज्ञापन और अनुरोध प्रस्तुत किया।
अस्थायी चार्ज भी नहीं आया काम
कुछ दिनों पूर्व डीएम ने अस्थायी रूप से जिला पंचायत विभाग के वित्त अधिकारी को बेसिक शिक्षा विभाग का अतिरिक्त प्रभार देने का आदेश जारी किया था, लेकिन संबंधित अधिकारी ने चार्ज लेने से इनकार कर दिया।
इस कारण स्थिति जस की तस बनी रही और वेतन अटका रहा।
डीएम का आदेश बना समाधान की कुंजी
इस पूरी समस्या को गंभीरता से लेते हुए डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने सोमवार को केवल वेतन बिल पास कराने के लिए एक विशेष वित्त अधिकारी की नियुक्ति कर दी।
उन्होंने कहा:
“हमने शिक्षकों की समस्या को प्राथमिकता पर लिया है। सोमवार को विशेष वित्त अधिकारी नियुक्त किया गया है और वे मंगलवार को वेतन बिल पास कर सकते हैं।“
“संभावना है कि मंगलवार रात या बुधवार तक सभी कर्मचारियों के खाते में वेतन ट्रांसफर हो जाएगा।“
शिक्षक संगठनों ने जताया आभार, जताई स्थायी समाधान की अपेक्षा
वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू होते ही जिले के शिक्षक संगठनों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गई।
यूनाइटेड टीचर्स एसोशिएसन (यूटा), उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, शिक्षामित्र एसोसिएशन, अनुदेशक संगठन, सभी ने जिलाधिकारी के इस निर्णय का आभार व्यक्त किया और अपेक्षा जताई कि आगे ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न न हो।
“हमने लगातार इस विषय को उठाया। आज समाधान होते देख हम जिलाधिकारी के आभारी हैं। लेकिन शासन से अनुरोध है कि इस प्रकार के प्रशासनिक अंतराल भविष्य में न हों।“
— प्रभाकर मिश्रा, जिला अध्यक्ष, शिक्षक संघ
12 हजार परिवारों पर पड़ा असर
लगभग 12,000 शिक्षकों और कर्मचारियों का वेतन न मिलने से जुलाई के पहले पखवाड़े तक आर्थिक तंगी बनी रही।
कई शिक्षक क्रेडिट कार्ड, लोन, बच्चों की फीस आदि के भुगतान को लेकर चिंतित रहे।
“हम घर चलाने की स्थिति में नहीं थे। डीएम साहब ने समय पर हस्तक्षेप कर राहत दी है।“
— कुसुमलता, प्राथमिक विद्यालय शिक्षिका, एत्मादपुर
शासन को भेजा गया संस्तुति पत्र
प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिलाधिकारी द्वारा शासन को विशेष संस्तुति पत्र भेजा गया है ताकि बेसिक शिक्षा विभाग में खाली पदों पर वित्त अधिकारी की स्थायी नियुक्ति शीघ्र की जा सके।
इससे भविष्य में वेतन भुगतान या अन्य वित्तीय कार्य बाधित न हों।
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वेतन भुगतान की प्रक्रिया का चरणबद्ध विवरण
कार्य | स्थिति |
---|---|
पूर्व वित्त अधिकारी का स्थानांतरण | जून 2025 |
नए अधिकारी की नियुक्ति लंबित | शासन स्तर पर |
अस्थायी चार्ज का प्रयास | असफल |
विशेष वित्त अधिकारी की नियुक्ति | 14 जुलाई 2025 |
वेतन बिल पास होने की संभावना | 15 जुलाई 2025 |
वेतन ट्रांसफर अनुमानित तिथि | 15–16 जुलाई 2025 |
बेसिक शिक्षा विभाग आगरा के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे अब सभी आवश्यक दस्तावेज और बिल तैयार कर चुके हैं।
जैसे ही विशेष वित्त अधिकारी बिल पर हस्ताक्षर करेंगे, ऑनलाइन प्रक्रिया द्वारा वेतन भुगतान किया जाएगा।
“समस्या केवल प्रशासनिक रिक्तता की थी। अब स्थिति नियंत्रण में है।“
— शिवेंद्र सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी
निष्कर्ष: प्रशासनिक सक्रियता से मिली बड़ी राहत
आगरा जिले में 12 हजार बेसिक शिक्षकों और कर्मचारियों को जून माह का वेतन न मिलने की समस्या ने बड़ी संख्या में परिवारों को प्रभावित किया।
लेकिन जिलाधिकारी द्वारा लिए गए त्वरित निर्णय और विशेष वित्त अधिकारी की नियुक्ति ने इस संकट का समाधान निकाल दिया।
यह घटना दर्शाती है कि यदि प्रशासन संवेदनशील और तत्पर हो, तो बड़ी से बड़ी जमीनी समस्या का हल संभव है।
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