तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण: जिलाधिकारी ने गंभीरता से सुनीं फरियादें, 140 में से 06 शिकायतों का हुआ मौके पर समाधान
तहसील बाह में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में संपूर्ण समाधान दिवस हुआ सम्पन्न

तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण: जिलाधिकारी ने गंभीरता से सुनीं फरियादें, 140 में से 06 शिकायतों का हुआ मौके पर समाधान
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा (ब्यूरो रिपोर्ट):
जनसमस्याओं के त्वरित समाधान और प्रशासनिक पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे “संपूर्ण समाधान दिवस” का आयोजन तहसील बाह में किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में नागरिकों की समस्याएं सुनी गईं और कई मामलों में त्वरित कार्यवाही भी सुनिश्चित की गई।
140 शिकायतें हुईं दर्ज, 06 का मौके पर निस्तारण
तहसील दिवस में कुल 140 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 06 शिकायतों का निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया, जो प्रशासन की सक्रियता और जनप्रतिनिधियों की तत्परता को दर्शाता है। इन शिकायतों में भूमि विवाद, पेंशन से जुड़ी समस्याएं, राशन वितरण की गड़बड़ियां, विद्युत आपूर्ति में अव्यवस्था, समाज कल्याण योजनाओं से संबंधित मुद्दे और अवैध अतिक्रमण जैसी गंभीर जनसमस्याएं प्रमुख रहीं।
शिकायतों का विभागवार विवरण
तहसील दिवस में दर्ज की गई शिकायतों का विभागवार विवरण निम्नलिखित है:
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राजस्व विभाग: 48 शिकायतें
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पुलिस विभाग: 19 शिकायतें
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वन विभाग: 07 शिकायतें
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विद्युत विभाग: 05 शिकायतें
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समाज कल्याण विभाग: 08 शिकायतें
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खाद्य एवं रसद विभाग: 12 शिकायतें
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विकास विभाग: 36 शिकायतें
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अन्य विभाग: 05 शिकायतें
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि जनसामान्य की सबसे अधिक समस्याएं भूमि विवाद और विकास से संबंधित कार्यों को लेकर हैं। इस प्रकार, “तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण” प्रशासन की प्राथमिकता बन चुका है।
जिलाधिकारी ने दिया गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश
जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने समाधान दिवस के दौरान सभी शिकायतकर्ताओं की समस्याओं को गंभीरता से सुना और संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रत्येक शिकायत का निस्तारण समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण ढंग से किया जाए। विशेष रूप से भूमि विवादों के मामलों में राजस्व और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने कहा कि शिकायतकर्ताओं को समाधान की स्थिति से अवगत कराना अनिवार्य है। इसके लिए संबंधित अधिकारी स्थलीय निरीक्षण कर समाधान के उपरांत रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करें, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और शिकायतकर्ता को भी संतुष्टि मिले।
आइजीआरएस रैंकिंग में आगरा का सराहनीय प्रदर्शन
जनपद आगरा की प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है कि उत्तर प्रदेश शासन द्वारा संचालित “आईजीआरएस (IGRS)” पोर्टल पर जिले की रैंकिंग 14वें स्थान पर है। जिलाधिकारी ने बताया कि लखनऊ मुख्यालय द्वारा लिए गए फीडबैक में भी जिले को अच्छे अंक प्राप्त हुए हैं, जो जनपद की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस प्रदर्शन को बनाए रखने के लिए शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
“तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण” बना जनसुनवाई का प्रभावी माध्यम
प्रशासन द्वारा आयोजित तहसील दिवस अब मात्र एक औपचारिकता नहीं, बल्कि जनसुनवाई का प्रभावी मंच बन चुका है। यहां आमजन अपनी समस्याएं सीधे जिलाधिकारी और उच्चाधिकारियों के सामने रख पाते हैं, जिससे त्वरित कार्रवाई संभव होती है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि प्रत्येक अधिकारी को चाहिए कि वह सिर्फ पोर्टल पर खानापूर्ति करके मामले बंद न करें, बल्कि वास्तविक समाधान सुनिश्चित करें और शिकायतकर्ता से प्रत्यक्ष संवाद स्थापित करें। इसी से जनविश्वास कायम होगा और प्रशासन के प्रति लोगों का भरोसा मजबूत होगा।
उच्चाधिकारियों की मौजूदगी बनी समाधान दिवस की विशेषता
इस समाधान दिवस में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
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अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) ज़ुबैर बेग
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उप जिलाधिकारी बाह
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उपायुक्त मनरेगा रामायन यादव
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जिला पंचायत राज अधिकारी मनीष कुमार
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अन्य जनपद स्तरीय अधिकारीगण
इन अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी ने समाधान दिवस को सार्थक और परिणामदायी बनाया।
समस्याओं का समाधान ही प्रशासन की सफलता का पैमाना
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संचालित “संपूर्ण समाधान दिवस” जैसे कार्यक्रम ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों में शासन की पहुंच और प्रभाव को मजबूत करने में कारगर सिद्ध हो रहे हैं। खासकर जब “तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण” गंभीरता और पारदर्शिता से किया जाता है, तो प्रशासनिक दक्षता में भी वृद्धि होती है।
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निष्कर्ष
तहसील बाह में आयोजित समाधान दिवस न केवल जनसुनवाई का माध्यम बना, बल्कि यह भी दर्शाया कि प्रशासन अब सिर्फ सुनता नहीं, बल्कि तत्काल कार्यवाही भी करता है। 140 में से 06 मामलों का मौके पर निस्तारण इसका जीवंत उदाहरण है। उम्मीद की जा सकती है कि भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन और अधिक प्रभावी होंगे और “तहसील दिवस में प्राप्त शिकायतों का निस्तारण” प्रशासन की प्राथमिकता बना रहेगा।