प्राथमिक विद्यालय में रक्षाबंधन का पर्व प्रेम

भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक पर्व रक्षाबंधन को आगरा के खेरागढ़ ब्लॉक स्थित प्राथमिक विद्यालय कछपुरा सरेंडा में बड़े उत्साह, उल्लास और सजीव पारंपरिक माहौल में मनाया गया। स्कूल परिसर रक्षाबंधन के रंगों और भावनाओं से सराबोर हो गया।

रक्षाबंधन: बच्चों ने सीखा भाई-बहन के रिश्ते का महत्व

शिक्षक मोहित वर्मा ने इस अवसर पर बच्चों को रक्षाबंधन से जुड़ी कुछ प्रसिद्ध पौराणिक कथाएं सुनाईं। इनमें श्रीकृष्ण और द्रौपदी, रानी कर्णावती और हुमायूं, यम और यमुनाजी की कथाएं शामिल थीं, जो बच्चों को भारतीय संस्कृति की गहराई से रूबरू कराती हैं।

शिक्षकों ने बच्चों को रक्षाबंधन का सांस्कृतिक महत्व बताया

बच्चों में उत्साह अपने चरम पर था। छात्राओं ने सुंदर-सजावटी राखियां अपने भाई समान सहपाठियों की कलाई पर बांधीं। पहले उन्हें तिलक लगाया गया और फिर राखी बांधते हुए उनकी लंबी उम्र, सफलता और सुरक्षा की कामना की गई।

सांस्कृतिक शिक्षा: पाठ्यक्रम से परे सीखने की दिशा

विद्यालय के इस आयोजन का मूल उद्देश्य बच्चों में केवल पर्व की जानकारी देना ही नहीं था, बल्कि उन्हें जीवन मूल्यों, सांस्कृतिक पहचान और भावनात्मक विकास की शिक्षा देना भी था।