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उत्तर प्रदेश मिलेटस पुनरुद्वार कार्यक्रम के तहत : मिनी किट किसानों को निःशुल्क की गईं वितरित

किसानों के समृद्ध भविष्य की ओर एक और कदम

उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम के तहत संकुल बाजरा मिनी किट का निशुल्क वितरण

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा / फतेहपुरसीकरी। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में चलाए जा रहे विविध नवाचारों एवं योजनाओं की श्रृंखला में एक और महत्वपूर्ण पहल सामने आई है। फतेहपुरसीकरी ब्लॉक क्षेत्र के राजकीय कृषि बीज भंडार मंडी मिर्जा खां में ‘उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम’ के अंतर्गत किसानों को संकुल बाजरा की निशुल्क मिनी किट वितरित की गई। इस अवसर पर ग्राम ओलेडा के ग्राम प्रधान रूपेंद्र सिंह एवं कृषि विभाग के विषय वस्तु विशेषज्ञ विज्ञान सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।

सरकार की पहल: मोटे अनाजों को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम

वर्तमान समय में जहां जलवायु परिवर्तन, घटती उपजाऊ भूमि और खाद्यान्न संकट जैसी समस्याएं उभर रही हैं, वहीं राज्य सरकार ने मोटे अनाजों (मिलेट्स) जैसे बाजरा, ज्वार, कोदो, कुटकी आदि को पुनः जनजीवन में स्थापित करने के लिए मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम शुरू किया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को मोटे अनाजों की खेती के लिए प्रोत्साहित करना और उन्हें आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना राज्य भर में तेज़ी से लागू की जा रही है, जिससे एक ओर किसानों की आय में वृद्धि हो रही है, वहीं दूसरी ओर समाज को पौष्टिक और टिकाऊ भोजन विकल्प भी प्राप्त हो रहे हैं।

बीज वितरण कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं

राजकीय कृषि बीज भंडार, मंडी मिर्जा खां में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में किसानों को उन्नत किस्म के संकुल बाजरा बीज की मिनी किट निशुल्क वितरित की गई। कार्यक्रम में कृषि विभाग के अधिकारियों और तकनीकी सहायकों ने किसानों को बाजरे की वैज्ञानिक खेती, सिंचाई प्रणाली, फसल सुरक्षा एवं लाभकारी बाजार मूल्य की जानकारी भी प्रदान की।

इस अवसर पर हनुमान सहाय बुनकर (सहायक विकास अधिकारी), कृषि रक्षा सलाहकार सलीम अली खां, तकनीकी सहायक सच्चिदानंद दुबे, तकनीकी सहायक सर्वेश कुमार, राजकीय कृषि बीज भंडार प्रभारी सोनू खान, प्राविधिक सहायक विनोद कुमार शर्मा, एटीएम सेवक राम समेत अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।

किसानों में दिखा उत्साह

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय कृषक समुदाय ने भाग लिया। किसानों ने बाजरा बीज वितरण योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह योजना उनके लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगी, विशेष रूप से उन किसानों के लिए जो सीमित संसाधनों के साथ खेती करते हैं। बाजरे की खेती जहां कम पानी और कम खाद में भी संभव है, वहीं इसकी मांग भी बाजार में निरंतर बढ़ रही है।

ग्राम ओलेडा के ग्राम प्रधान रूपेंद्र सिंह ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा “मिलेट्स की खेती से न केवल पोषण सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्रीय जलवायु के अनुकूल होने के कारण किसानों की आर्थिक स्थिति को भी सुदृढ़ करेगा।”

विज्ञान सिंह ने दी तकनीकी जानकारी

कार्यक्रम के विषय वस्तु विशेषज्ञ विज्ञान सिंह ने किसानों को बताया कि बाजरा एक जल-संवेदनशील फसल है जिसे कम पानी, कम उर्वरक एवं कम लागत में उगाया जा सकता है। इसके पौष्टिक गुण, विशेष रूप से प्रोटीन, आयरन, फाइबर और कैल्शियम की उपस्थिति, इसे अन्य खाद्यान्नों से अधिक उपयोगी बनाते हैं। उन्होंने बताया कि बाजरे को अगले कुछ वर्षों में सुपर फूड के रूप में वैश्विक पहचान मिलने की पूरी संभावना है।

बाजरा: पोषण का भंडार

बाजरा एक प्राचीन और पारंपरिक अनाज है जो भारत में सदियों से उगाया जाता रहा है। आज जब ग्लोबल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) मोटे अनाजों की पुनः खेती की आवश्यकता पर ज़ोर दे रहे हैं, ऐसे में भारत सरकार का यह कदम सामयिक और दूरदर्शी है।

बाजरे के प्रमुख लाभ:

  • ग्लूटन फ्री होने के कारण सीलिएक रोगियों के लिए उपयुक्त।

  • मधुमेह और उच्च रक्तचाप रोगियों के लिए लाभकारी।

  • बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए अत्यंत पौष्टिक।

  • हृदय रोगों की संभावना को कम करता है।

योजना के लाभ

इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली संकुल बाजरा मिनी किट किसानों को प्रायोगिक तौर पर बाजरा उगाने का अवसर देती है, जिससे वे भविष्य में बड़े स्तर पर इसकी खेती करने के लिए प्रेरित होते हैं। इस योजना के लाभ इस प्रकार हैं:

  1. निशुल्क बीज वितरण: किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बाजरे के बीज मुफ्त प्रदान किए जा रहे हैं।

  2. तकनीकी मार्गदर्शन: कृषि वैज्ञानिकों व विषय विशेषज्ञों के माध्यम से संपूर्ण जानकारी व सहयोग।

  3. जैविक खेती का प्रोत्साहन: कम रसायनों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

  4. बाजार से जोड़ने की पहल: कृषि उत्पादों की सही कीमत दिलाने हेतु मंडी एवं निजी क्षेत्र से समन्वय।

  5. जलवायु अनुकूल खेती: कम वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श फसल।

किसानों से संवाद व प्रेरणा

इस अवसर पर किसानों के साथ सीधे संवाद स्थापित किया गया, जहां उन्होंने अपने अनुभव साझा किए और सुझाव भी दिए। कई किसानों ने कहा कि पहले वे केवल पारंपरिक गेहूं-धान की खेती तक सीमित थे, लेकिन अब इस योजना के तहत मोटे अनाजों की ओर रुझान बढ़ा है। विशेषकर युवा कृषकों ने इसे एक नए अवसर के रूप में देखा।

भविष्य की योजनाएं

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस योजना को अन्य ब्लॉकों एवं जनपदों में भी विस्तार देने की योजना बनाई जा रही है। भविष्य में यह योजना कृषक उत्पादक संगठनों (FPOs) से जोड़कर उन्हें बाजरा उत्पाद विपणन एवं मूल्य संवर्धन में भागीदार बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा।

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निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम न केवल कृषि क्षेत्र में नवाचार और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि यह ग्रामीण अंचलों में पोषण, स्वास्थ्य और आर्थिक समृद्धि लाने का एक प्रभावी माध्यम भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह पहल किसानों को नई दिशा प्रदान कर रही है और भविष्य की खेती को जलवायु के अनुकूल एवं लाभकारी बना रही है।

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