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AGRA- विद्यालय मर्जर के नाम पर छात्रों के अधिकार के साथ ना हो खिलवाड़, शिक्षकों का उत्पीड़न यूटा नहीं करेगा बर्दाश्त 

यूटा आगरा ने एत्मादपुर विधायक डॉ0 धर्मपाल सिंह को दिया ज्ञापन

मर्जर

यूटा आगरा ने एत्मादपुर विधायक डॉ0 धर्मपाल सिंह को दिया ज्ञापन

 

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) – 

आगरा। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन यूटा

आगरा के जिला अध्यक्ष के. के. शर्मा एवं जिला महामंत्री राजीव वर्मा के नेतृत्व में एत्मादपुर विधानसभा के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह के निवास पर परिषदीय विद्यालयों के मर्जर एवं सरप्लस शिक्षकों के नाम पर शिक्षकों के उत्पीड़न किए जाने के संदर्भ में ज्ञापन दिया। जिसमें जिला अध्यक्ष के. के. शर्मा एवं जिला महामंत्री राजीव वर्मा ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा न्यून संख्या वाले विद्यालयों को मर्ज कर बंद किये जाने की प्रक्रिया गतिमान है, जबकि पेयरिंग की यह व्यवस्था भविष्य में शिक्षक, शिक्षार्थी व आम समाज के गरीब तबके के लिए बहुत ही नुकसानदायक साबित होगी।

 

परिषदीय विद्यालयों के प्रस्तावित विलय पर तत्काल रोक लगाई जाए, जिससे समाज के पिछड़े व आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे पढ़ते हैं ।उनकी शिक्षा व उनके विकास की जिम्मेदारी पर सदैव परिषदीय विद्यालयों के भरोसे है। प्रत्येक गांव में विद्यालय होने से बच्चा साक्षर बन रहा है अगर यह विद्यालय दूर दराज के विद्यालयों में विलय किए जाएंगे तो ग्राम वासी अपने बालक/ बालिकाओं को विद्यालय नहीं भेजेंगे, जिससे निरक्षरता बढ़ेगी।

 

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जबकि गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों को परिषदीय विद्यालय में मर्ज किया जाए, जिससे छात्र संख्या भी बढ़ेगी साथ ही शिक्षकों की नियुक्ति को पूर्ण किया जाए। प्राथमिक शिक्षा को सर्वसुलभ व सुगम बनाने के लिए भारतीय संसद द्वारा बनाये गये शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 में यह उल्लेख किया गया है प्रत्येक 300 की आबादी वाले मजरे/गॉंवों में और प्रत्येक 1 किमी के दायरे पर प्राथमिक विद्यालय की स्थापना की जायेगी। किसी भी गाॅंव/मजरे में स्थापित प्राथमिक विद्यालयों को सिर्फ गिनती में समेटना गैर-संवैधानिक है।

 

हमारे प्राथमिक विद्यालयों में समाज की मूल धारा से संबंधित बच्चों के अतिरिक्त वंचित, शोषित, कमजोर वर्ग संबंधित बच्चे भी शिक्षित होकर राष्ट्र के सजग प्रहरी बनने की ओर अग्रसर होते हैं।आबादी से निकटतम दूरी में विद्यालयों की स्थापना होने से बालिकाओं को आसानी के साथ भयमुक्त माहौल में शिक्षा प्राप्त करने का सुअवसर प्राप्त होता है। यदि छात्र संख्या के आधार पर विद्यालय बंद कर दिये जायेंगें तो तमाम बच्चे खासकर बालिकाएं शिक्षा की मुख्य धारा से वंचित हो जायेंगी। विद्यालयों की संख्या घटने से अत्यल्प मानदेय पर सेवा दे रहीं रसोइयों की छंटनी होने की आशंका है।शिक्षकों के नवीन पद भी कम हो जायेंगें जिससे कि तमाम पात्र डिग्रीधारक युवाओं के समक्ष बेरोजगारी का संकट भी बढ़ने की आशंका रहेगी। संगठन ने श्री सिंह विधायक से पूर्ण विश्वास के साथ यह अपेक्षा की है वे अपने स्तर से हम शिक्षकों की पीड़ा को मुख्यमंत्र तक पहुॅंचाकर छात्र-शिक्षक समुदाय के हित में विद्यालयों की पेयरिंग/मर्जिंग रोकवाने में अपना बहुमूल्य सहयोग प्रदान करें।

 

एत्मादपुर विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने शिक्षकों की मांग को गंभीरता से सुना समझा और सरकार तक पहुंचा कर निराकरण करने का वादा किया। ज्ञापन देने वालों में शमशाबाद, फतेहपुर सीकरी, सैया, खंदौली, एत्मादपुर, नगर क्षेत्र, बरौली अहीर, जैतपुर कलां, अकोला, फतेहाबाद, बाह, पिनहाट, खेरागढ़, बिचपुरी आदि ब्लाकों के शिक्षक गण उपस्थित रहे। यूटा आगरा परिषदीय विद्यालयों को मर्ज किए जाने के विरोध में प्रतिदिन जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन देगा और उत्तर प्रदेश सरकार तक अपनी आवाज को पहुंचाएगा।

 

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