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आगरा में 1500 शिक्षकों के लिए शिक्षक प्रशिक्षण शुरू

नवीन शिक्षण विधियों, नवाचारों से अवगत कराने में प्रशिक्षणों की भूमिका महत्वपूर्णः पुष्पा कुमारी

शिक्षक प्रशिक्षण आगरा: नवीन शिक्षण विधियों और नवाचारों पर आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू

 

 

1500 शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य, प्रथम बैच में शामिल हुए 100 शिक्षक

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)-

आगरा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) आगरा के सभागार में शुक्रवार को एक नई शुरुआत देखने को मिली। आगरा में प्राथमिक शिक्षकों के लिए एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण मॉड्यूल पर आधारित पांच दिवसीय शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें प्रथम बैच के 100 शिक्षकों ने भाग लिया। इस विशेष प्रशिक्षण का उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण विधियों, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, और निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षण के उन्नत तरीकों से अवगत कराना है।

मां सरस्वती की वंदना से हुई शुरुआत

शिक्षक प्रशिक्षण का शुभारंभ डायट प्राचार्य पुष्पा कुमारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा,

“प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के पेशेवर जीवन को बेहतर दिशा देने का माध्यम है। जब शिक्षक प्रशिक्षण में सीखी गई बातों को कक्षा में लागू करते हैं, तभी उसका असली लाभ छात्रों तक पहुँचता है।”

शिक्षक प्रशिक्षण, आगरा

15 बैचों में 1500 शिक्षक होंगे प्रशिक्षित

डॉ. मनोज कुमार वार्ष्णेय, जो इस शिक्षक प्रशिक्षण के प्रभारी हैं, ने बताया कि यह पूरा कार्यक्रम 15 बैचों में आयोजित किया जाएगा, जिसके अंतर्गत 1500 प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित किए जाएंगे। यह शिक्षक प्रशिक्षण अगले एक माह तक अलग-अलग चरणों में चलेगा।

उन्होंने बताया कि यह एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम शिक्षकों की पेशेवर दक्षताओं को सशक्त करने के साथ-साथ छात्रों के लिए उत्तम शिक्षण वातावरण तैयार करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

“जब शिक्षक पूरे मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, तो उसका प्रभाव सीधे तौर पर बच्चों के सीखने के स्तर पर दिखाई देता है।”

शिक्षक प्रशिक्षण क्यों है जरूरी?

शिक्षा जगत में निरंतर हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए अब जरूरी हो गया है कि शिक्षक भी स्वयं को नए दौर के अनुरूप ढालें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2023 जैसी योजनाओं ने कक्षा शिक्षण की दिशा को पूरी तरह बदल दिया है। अब शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रही, बल्कि कला, संगीत, खेलकूद और स्वास्थ्य शिक्षा जैसे विषयों को भी शिक्षण में एकीकृत किया जा रहा है।

इस शिक्षक प्रशिक्षण में शिक्षकों को इन सभी विषयों पर विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है, जिससे वे अपने विद्यालयों में नई सोच के साथ कक्षाओं का संचालन कर सकें।

शिक्षक प्रशिक्षण, आगरा

निपुण भारत मिशन का भी रहेगा फोकस

शिक्षक प्रशिक्षण के दौरान निपुण भारत मिशन पर भी विशेष सत्र आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य कक्षा 3 तक के बच्चों को भाषा और गणित में दक्ष बनाना है। शिक्षकों को बताया गया कि मिशन के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए उन्हें कैसे शिक्षण गतिविधियों में नवाचार अपनाना होगा।

संदर्भदाताओं ने दिए विषयवार सत्र

शिक्षक प्रशिक्षण के पहले दिन प्रशिक्षण संस्थान के वरिष्ठ प्रवक्ताओं ने विषयवार सत्रों का संचालन किया। इनमें शामिल रहे:

  • यशवीर सिंह – एकीकृत शिक्षण की अवधारणा पर

  • कल्पना सिन्हा – कला एवं संगीत आधारित शिक्षण

  • डॉ. प्रज्ञा शर्मा – राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

  • हिमांशु सिंह – निपुण भारत मिशन

  • लक्ष्मी शर्मा – स्वास्थ्य एवं खेलकूद समन्वित शिक्षण

  • रंजना पांडे, धर्मेंद्र प्रसाद गौतम, अबु मुहम्मद आसिफ और मुकेश सिन्हा – विषयवार समूह चर्चाओं में शामिल रहे

सभी प्रशिक्षकों ने शिक्षकों को वास्तविक उदाहरणों और गतिविधियों के माध्यम से बताया कि वे कैसे कक्षा शिक्षण को अधिक प्रभावी और बाल-केंद्रित बना सकते हैं।

नोडल अधिकारियों की सराहनीय भूमिका

प्रशिक्षण को सुचारु रूप से संचालित करने में नोडल प्रभारी अनिल कुमार, संजीव सत्यार्थी, पुष्पेंद्र सिंह और यशपाल सिंह की विशेष भूमिका रही। इन अधिकारियों ने प्रशिक्षण के हर पहलू पर नजर रखते हुए यह सुनिश्चित किया कि प्रतिभागियों को हर विषय पर सही जानकारी और पर्याप्त संसाधन प्राप्त हों।

“यह प्रशिक्षण शिक्षकों के लिए अत्यंत उपयोगी है। जब शिक्षक इन विधियों को अपनी कक्षा में अपनाएंगे, तो निश्चित रूप से बेसिक शिक्षा प्रणाली पर सकारात्मक असर दिखेगा।” – अनिल कुमार

प्रतिभागियों ने साझा किए अनुभव

प्रशिक्षण में शामिल शिक्षकों ने पहले दिन के अनुभव साझा करते हुए कहा कि उन्हें अब तक जो प्रशिक्षण मिला, वह व्यावहारिक, प्रेरक और अत्यधिक उपयोगी रहा। कई शिक्षकों ने यह भी कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें अपनी शिक्षण शैली में नवीनता लाने की प्रेरणा मिलती है।

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प्रशिक्षण से जुड़े प्रमुख बिंदु

  • स्थान: जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट), आगरा

  • अवधि: 5 दिन

  • उद्देश्य: नवीन शिक्षण विधियों और राष्ट्रीय नीतियों पर शिक्षकों को प्रशिक्षित करना

  • प्रशिक्षण विषय:

    • राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020

    • निपुण भारत मिशन

    • एकीकृत शिक्षण (कला, संगीत, खेल, स्वास्थ्य शिक्षा)

    • मॉड्यूल आधारित शिक्षण

    • बाल-केंद्रित पठन-पाठन

  • कुल बैच: 15

  • प्रशिक्षित होने वाले शिक्षक: 1500 प्राथमिक शिक्षक

निष्कर्ष

आगरा में प्रारंभ हुआ यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल शिक्षकों के ज्ञान को समृद्ध करेगा, बल्कि प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को भी नई दिशा देगा। डायट आगरा द्वारा संचालित यह प्रयास भविष्य की शिक्षा को नवाचारों से जोड़ने में एक सशक्त कदम है। आने वाले दिनों में जब यह प्रशिक्षित शिक्षक अपने विद्यालयों में जाकर सीखी गई विधाओं को बच्चों के साथ साझा करेंगे, तो निश्चित रूप से निपुण भारत जैसे अभियानों को नई गति मिलेगी।

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