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सोम शिक्षक महासभा ने 23 सूत्रीय मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन

आगरा में सोम शिक्षक महासभा उ.प्र. ने 23 सूत्रीय मांगों पर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन राज्यपाल व मुख्यमंत्री को भेजा।

सोम शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश ने 23 सूत्रीय मांगों पर दिया ज्ञापन, आगरा में धरना-प्रदर्शन

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा।
अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश (Som Shikshak Mahasabha Uttar Pradesh) ने अपनी 23 सूत्रीय मांगों को लेकर 26 अगस्त 2025 को आगरा में जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल हुए और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाई।

महासभा ने कहा कि शिक्षा विभाग में व्याप्त कई समस्याएं अब भी अनसुलझी हैं और शिक्षकों की मांगों की अनदेखी लंबे समय से हो रही है। इसी क्रम में प्रांतीय आव्हान पर यह धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, माध्यमिक शिक्षा मंत्री और शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को संबोधित ज्ञापन सौंपा, जिसे जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के माध्यम से भेजा गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता और संचालन

धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष (महिला) डॉ. आशा रानी ने की। उन्होंने शिक्षकों की समस्याओं को जोरदार ढंग से रखा और कहा कि सरकार को तत्काल संज्ञान लेना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन प्रांतीय संगठन मंत्री केशव प्रसाद कर्दम ने किया। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन शिक्षकों के सम्मान, अधिकार और भविष्य की सुरक्षा के लिए है।

सोम शिक्षक महासभा, आगरा में धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन

मंच पर उपस्थित प्रमुख पदाधिकारी

धरना-प्रदर्शन में कई वरिष्ठ पदाधिकारी मंच पर उपस्थित रहे, जिनमें शामिल थे:

  • रामवीर सिंह (प्रांतीय संरक्षक)

  • डॉ. राम औतार (वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष)

  • दिनेश कुमार (मंडल संरक्षक)

  • डा. धर्मेंद्र जाटव (मंडल अध्यक्ष)

  • सोमवीर सिंह (वरिष्ठ मंडल उपाध्यक्ष)

  • सीमा सिंह (मंडल उपाध्यक्ष)

इसके अलावा सत्य प्रकाश, राकेश कुमार, रतिराम, जगदीश प्रसाद, दलेल सिंह, मनोज कुमार (जिला संयोजक), प्रवीण कुमार (जिला मंत्री), मुकेश यादव, अतुलकांत गौतम, राजकुमार, पवन कुमार, अरुण कुमार, ममता सागर (जिला उपाध्यक्ष), संजय भारती (जिला कोषाध्यक्ष), योगेश कुमार, नेतराम (प्रचार मंत्री), अवधेश कुमार, बंटू सिंह, कृष्ण कुमार, मदनलाल सरोज, सरिता, राखी सिंह, डॉ. संतोष मौर्या समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे।

जिलाध्यक्ष का संबोधन

धरना कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष डॉ. बीरेंद्र कुमार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार की नीतियां शिक्षकों के हित में नहीं हैं और लगातार उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक के समक्ष 23 सूत्रीय मांगपत्र प्रस्तुत किया और सभी शिक्षकों से एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई जारी रखने का आह्वान किया।

सोम शिक्षक महासभा, आगरा में धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन

शिक्षकों की 23 सूत्रीय प्रमुख मांगें

धरना-प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बिंदु महासभा की 23 सूत्रीय मांगें थीं। इनमें से प्रमुख इस प्रकार हैं:

  1. अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक वर्ग के शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा।

  2. शिक्षकों के समय पर वेतन और एरियर का भुगतान।

  3. प्रोन्नति और पदोन्नति की प्रक्रिया में पारदर्शिता।

  4. सेवा सुरक्षा और स्थानांतरण में भेदभाव खत्म करना।

  5. नई भर्ती में आरक्षण नीति का सही अनुपालन।

  6. सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन व्यवस्था में सुधार।

  7. शिक्षा के निजीकरण पर रोक।

  8. शिक्षक पात्रता परीक्षा और भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता।

  9. अध्यापकों को डिजिटल उपकरण और आधुनिक प्रशिक्षण की सुविधा।

  10. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता।

इसी तरह सभी 23 सूत्रीय मांगों को विस्तार से रखा गया और कहा गया कि यदि सरकार शीघ्र ही संज्ञान नहीं लेती, तो आंदोलन और अधिक व्यापक होगा।

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शिक्षकों के विचार

धरना स्थल पर उपस्थित शिक्षकों ने भी अपने विचार रखे।

  • डा. धर्मेंद्र जाटव ने कहा कि शिक्षक समाज की रीढ़ हैं, लेकिन उन्हें उचित सम्मान और सुविधाएं नहीं मिल रही हैं।

  • सीमा सिंह ने महिला शिक्षकों की समस्याओं पर ध्यान आकर्षित किया और मातृत्व अवकाश, सुरक्षा और कार्यस्थल पर समान अवसर की मांग की।

  • रामवीर सिंह ने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ शिक्षकों का नहीं बल्कि शिक्षा व्यवस्था को सुधारने का है।

लोकतांत्रिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन

धरना-प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीके से किया गया। शिक्षकगण हाथों में तख्तियां और बैनर लिए नारे लगाते रहे – “शिक्षक एकता जिंदाबाद”, “हमारी मांगें पूरी करो”

कार्यक्रम शाम 5 बजे ज्ञापन सौंपने के बाद संपन्न हुआ।

महासभा का संदेश

सोम शिक्षक महासभा ने स्पष्ट कहा कि यदि 23 सूत्रीय मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती है तो आगे बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता तभी सुधरेगी जब शिक्षक सुरक्षित और संतुष्ट होंगे।

निष्कर्ष

आगरा में हुए इस धरना-प्रदर्शन ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि शिक्षक अब अपने अधिकारों के लिए आवाज बुलंद करने को तैयार हैं। सोम शिक्षक महासभा उत्तर प्रदेश (Som Shikshak Mahasabha UP) की यह पहल न केवल शिक्षकों के हित में है बल्कि शिक्षा व्यवस्था के सुधार की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

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