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ग्राम स्वराज अभियान पर आगरा में PAI कार्यशाला आयोजित

ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत आगरा में हुई एक दिवसीय कार्यशाला, 50 विभागों की सहभागिता से पंचायती विकास पर मंथन

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)-

आगरा | दिनांक: 31 जुलाई 2025

आगरा। देश में पंचायती सशक्तिकरण और समग्र ग्रामीण विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत, ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत आगरा के विकास भवन सभागार में एक एक दिवसीय जनपद स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य विषय था – पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (PAI) के संस्करण 1.0 और 2.0 का प्रसार और क्रियान्वयन।

इस कार्यशाला में 50 से अधिक विभागों के प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी करते हुए पंचायतों के समग्र और एकीकृत विकास पर विचार-विमर्श किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह ने की।

क्या है पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स?

पंचायत एडवांसमेंट इंडेक्स (PAI) भारत सरकार की एक विश्लेषणात्मक प्रणाली है, जिसके माध्यम से ग्राम पंचायतों के विकास की माप और मूल्यांकन किया जाता है। यह प्रणाली संयुक्त राष्ट्र संघ के 2030 एजेंडा में निर्धारित 17 सतत विकास लक्ष्यों (Sustainable Development Goals – SDGs) पर केंद्रित है, जो स्थानीय स्तर पर सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय प्रगति का आकलन करती है।

PAI 1.0 के माध्यम से पंचायतों में मौजूदा सूचनाओं का संकलन हुआ, वहीं PAI 2.0 में सूचनाओं को विभागवार एकीकृत किया जाएगा।

ग्राम स्वराज अभियान

ग्राम स्वराज अभियान, कार्यशाला में हुए चार प्रमुख सत्र

इस तकनीकी कार्यशाला को चार सत्रों में विभाजित किया गया, जिनमें अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा हुई:

  1. प्रथम सत्र – प्रशिक्षण का उद्देश्य और रूपरेखा पर विस्तृत जानकारी दी गई।

  2. द्वितीय सत्र – PAI 1.0 के प्रारूप और पंचायतों द्वारा दर्ज सूचनाओं की समीक्षा की गई।

  3. तृतीय सत्र – PAI 2.0 में विभागवार जानकारी और फील्ड स्तर पर डेटा संग्रहण की प्रक्रिया समझाई गई।

  4. चतुर्थ सत्र – TNP पोर्टल पर सूचनाओं के सत्यापन और तकनीकी पहलुओं की जानकारी प्रशिक्षित प्रशिक्षक द्वारा दी गई।

पंचायतों में सतत विकास लक्ष्य (SDGs) की भूमिका

ग्राम स्वराज अभियान, कार्यशाला में यह स्पष्ट किया गया कि पंचायतें सभी विभागों की मौलिक इकाई हैं, और इनका सशक्तिकरण तभी संभव है जब विभागीय समन्वय सुनिश्चित हो। पंचायतों को गरीबी उन्मूलन, स्वच्छता, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य, जल संरक्षण, पर्यावरण सुरक्षा, न्याय और सुशासन जैसे 17 सतत विकास लक्ष्यों के 09 विषयगत क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभानी है।

इसमें शामिल प्रमुख लक्ष्य थे:

  • गरीबी मुक्त उन्नत आजीविका पंचायत

  • स्वस्थ पंचायत

  • बाल हितैषी पंचायत

  • पर्याप्त जल युक्त पंचायत

  • स्वच्छ एवं हरित पंचायत

  • आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत

  • सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायत

  • सुशासन युक्त पंचायत

  • महिला हितैषी पंचायत

इन लक्ष्यों की प्राप्ति पंचायतीराज विभाग की योजनाओं के अलावा अन्य 50 विभागों की योजनाओं और कार्यों से भी जुड़ी हुई है, और इसी में समन्वय की आवश्यकता बार-बार रेखांकित की गई।

119 इंडिकेटर और 174 प्रश्नों के आधार पर मूल्यांकन

PAI के माध्यम से ग्राम पंचायतों की प्रगति को 119 संकेतकों और 174 प्रश्नों के माध्यम से मापा जाता है। यह न केवल उनके वर्तमान प्रदर्शन को दर्शाता है, बल्कि सुधार की संभावनाओं की ओर भी इशारा करता है। जिन पंचायतों में क्रिटिकल गैप्स पाए जाते हैं, वहां पर एकीकृत विकास योजनाओं के माध्यम से सुधारात्मक कदम उठाने की योजना है।

इस प्रक्रिया में ग्राम सभाओं, स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, SHGs, किसान समूहों सहित सभी स्थानीय इकाइयों की भूमिका अहम बताई गई।

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प्रमुख अधिकारी और विभाग रहे उपस्थित

इस ग्राम स्वराज अभियान कार्यशाला में आगरा जिले के प्रमुख विभागों और अधिकारियों की सहभागिता रही। इनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे:

  • मुख्य विकास अधिकारी – श्रीमती प्रतिभा सिंह

  • डीसी मनरेगा – रामायण सिंह यादव

  • जिला पंचायतराज अधिकारी – मनीष कुमार

  • जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी – जितेन्द्र कुमार गोंड

  • जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी – विजय लक्ष्मी मौर्य

  • जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी – नीलिमा

  • जिला युवा अधिकारी – श्रवण सक्सेना

इनके अलावा स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, श्रम, सिंचाई, जल निगम, पशुपालन, क्रीड़ा, समाज कल्याण, उद्योग, मत्स्य, लीड बैंक, भूमि विकास जैसे 50 से अधिक विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

ग्राम स्वराज अभियान

समापन संदेश – ग्राम पंचायतें विकास का आधार

ग्राम स्वराज अभियान,  कार्यशाला में यह स्पष्ट किया गया कि जब तक ग्राम पंचायतों को विभागीय योजनाओं से जोड़ा नहीं जाएगा, तब तक पंचायती सशक्तिकरण और सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति अधूरी रहेगी। सभी विभागों को यह निर्देशित किया गया कि वे अपनी योजनाओं की जानकारी ग्राम सभा में साझा करें और पंचायत वार्षिक कार्ययोजना में अपने कार्यक्रमों को सम्मिलित करें।

निष्कर्ष

ग्राम स्वराज अभियान के अंतर्गत यह कार्यशाला एक सार्थक और सामूहिक प्रयास रहा, जो न केवल आंकड़ों के विश्लेषण तक सीमित था, बल्कि जमीनी स्तर पर बदलाव लाने की रणनीति तैयार करने का माध्यम भी बना। यह पहल गांवों को आत्मनिर्भर, समृद्ध और सुशासित बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

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