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AGRA- उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने पीड़ित बच्ची से एस.एन.मेडिकल कॉलेज में की मुलाकात

महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने फिरोजाबाद दुष्कर्म पीड़िता से मिलकर उच्च स्तरीय इलाज और रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना के तहत आर्थिक सहायता के निर्देश दिए।

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

दुष्कर्म पीड़िता बच्ची को मिलेगा न्याय और सहायता: रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना के तहत तत्काल राहत के निर्देश

आगरा/फिरोजाबाद। उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में हुई 10 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म की दर्दनाक घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर कर रख दिया है। इस जघन्य मामले में पीड़िता को त्वरित न्याय और बेहतर उपचार दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान ने व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया है।

उन्होंने एसएन मेडिकल कॉलेज, आगरा में भर्ती पीड़िता बच्ची से मुलाकात कर न केवल उसका हालचाल जाना, बल्कि अस्पताल प्रशासन को तत्काल उच्च स्तरीय इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही उन्होंने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों को आदेशित किया कि बच्ची को “रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना” के अंतर्गत सहायता तत्काल प्रभाव से दी जाए।

महिला आयोग अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने संभाली कमान

घटना के बारे में जानकारी मिलते ही राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश की अध्यक्ष डॉ. बबीता सिंह चौहान स्वयं सक्रिय हुईं। उन्होंने शनिवार को आगरा स्थित एसएन मेडिकल कॉलेज पहुंचकर पीड़िता और उसके परिजनों से मुलाकात की।

पीड़िता का मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ उन्होंने माता-पिता को भरोसा दिलाया कि सरकार और आयोग दोनों बच्ची के साथ हैं और उसे हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

डॉ. चौहान ने मीडिया को बताया कि इस तरह की घटनाएं बेहद दुखद हैं और समाज को झकझोर देती हैं। उन्होंने कहा “एक 10 वर्षीय मासूम के साथ ऐसा अमानवीय कृत्य बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इस प्रकरण में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाएगी।”

रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना के तहत तुरंत सहायता के निर्देश

महिला आयोग की अध्यक्ष ने पीड़िता को सरकार द्वारा चलाई जा रही “रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना” के तहत त्वरित आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए।

रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना दुष्कर्म पीड़िता सहायता

क्या है रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना?

यह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उन महिलाओं और बालिकाओं के लिए शुरू की गई है जो दुष्कर्म, यौन शोषण, एसिड अटैक या अन्य हिंसक अपराधों की शिकार होती हैं। इस योजना के अंतर्गत पीड़िताओं को न केवल आर्थिक मदद, बल्कि उच्च स्तरीय चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक परामर्श और कानूनी सहायता भी दी जाती है।

इस प्रकरण में डॉ. बबीता सिंह चौहान ने यह सुनिश्चित किया कि पीड़िता को इस योजना के तहत:

  • तत्काल वित्तीय सहायता राशि दी जाए,

  • बेहतर मनोचिकित्सीय और मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं,

  • तथा आगे भी पुनर्वास योजना के तहत मदद सुनिश्चित की जाए।

एसएसपी फिरोजाबाद से बातचीत, कड़ी कार्यवाही के निर्देश

घटना की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष ने फिरोजाबाद जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से फोन पर वार्ता कर प्रकरण में शीघ्र और कठोर कार्यवाही के निर्देश दिए।

उन्होंने यह स्पष्ट किया कि ऐसे जघन्य अपराधों में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि पुलिस स्तर पर किसी भी तरह की कोताही सामने आती है, तो आयोग स्वयं हस्तक्षेप करेगा।

डॉ. चौहान ने यह भी कहा कि घटना में संलिप्त दोषियों को जल्द गिरफ्तार कर पॉक्सो एक्ट व अन्य कठोर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए, ताकि पीड़िता और उसके परिवार को न्याय मिल सके।

पीड़िता का इलाज उच्च प्राथमिकता पर

एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में भर्ती बच्ची की हालत स्थिर बताई जा रही है। आयोग की अध्यक्ष द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसे विशेष चिकित्सीय देखभाल और काउंसलिंग की व्यवस्था शुरू कर दी है।

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने कहा कि पीड़िता को ना केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्तर पर भी पूरी देखभाल की जरूरत है। इसीलिए आयोग के निर्देश पर बच्ची को विशेषज्ञ काउंसलर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

 

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महिला आयोग की सक्रियता सराहनीय: स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया

इस पूरे प्रकरण में महिला आयोग की तत्परता और संवेदनशीलता को स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने खूब सराहा है।

स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता रेखा यादव का कहना है “अक्सर ऐसे मामलों में पीड़िता और परिजन अकेले पड़ जाते हैं, लेकिन इस बार महिला आयोग की अध्यक्ष स्वयं अस्पताल पहुंचीं और बच्ची को हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। यह सकारात्मक कदम है।”

भविष्य की रणनीति: महिला सुरक्षा को लेकर आयोग की प्रतिबद्धता

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए नीति स्तर पर बदलाव की जरूरत है

डॉ. बबीता सिंह चौहान ने बताया कि आयोग आने वाले समय में:

  • बच्चियों और महिलाओं के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाएगा,

  • विद्यालयों और कॉलेजों में महिला सुरक्षा पर कार्यशालाएं आयोजित करेगा,

  • तथा पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर पीड़िता सहायता केंद्रों की संख्या और कार्यक्षमता बढ़ाएगा

निष्कर्ष

“रानी लक्ष्मीबाई सम्मान योजना दुष्कर्म पीड़िता सहायता” के तहत उत्तर प्रदेश महिला आयोग की त्वरित प्रतिक्रिया और निर्देश इस बात का संकेत हैं कि सरकार और संबंधित संस्थाएं संवेदनशील मामलों में गंभीरता से काम कर रही हैं।

10 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ हुई यह दर्दनाक घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर और अधिक मजबूत कदम उठाने की जरूरत है

साथ ही यह भी स्पष्ट होता है कि यदि संवेदनशील नेतृत्व और प्रभावी योजनाएं मौजूद हों, तो पीड़ितों को त्वरित राहत, न्याय और पुनर्वास मिल सकता है।

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