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AGRA- तहसील किरावली में मत्स्य पालन हेतु तालाबों के आवंटन के लिए शिविर का आयोजन 09 जुलाई को तालाबों के आवंटन हेतु अधिक जानकारी के लिए कार्यालय उप जिलाधिकारी किरावली में करें सम्पर्क

मत्स्य पालन तालाब आवंटन शिविर किरावली 2024: पात्र आवेदकों के लिए 9 जुलाई को आयोजित होगा शिविर, आवेदन 8 जुलाई तक

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा। मत्स्य पालन को बढ़ावा देने और ग्रामीण आजीविका को सशक्त करने की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए उप जिलाधिकारी किरावली ने अवगत कराया है कि मत्स्य पालन तालाब आवंटन शिविर किरावली 2024 के अंतर्गत 9 जुलाई 2024 को एक महत्वपूर्ण शिविर का आयोजन किया जाएगा। यह शिविर तहसील किरावली के अंतर्गत आने वाले ग्राम फतेहपुरा, नागर, अरूआखास, बैमन, रामपुर, छैः पोखर, जाजऊ तथा इम्लाबदा के तालाबों के आवंटन हेतु आयोजित किया जाएगा।

आवंटन प्रक्रिया: ‘जैसा है, जहाँ है’ आधार पर

तालाबों का आवंटन “जैसा है, जहाँ है” (As is, where is) के सिद्धांत पर किया जाएगा, यानी तालाब की वर्तमान स्थिति को स्वीकार करते हुए ही पात्र आवेदकों को सौंपा जाएगा। यदि किसी एक तालाब के लिए एक से अधिक आवेदन प्राप्त होते हैं, तो ऐसे मामलों में नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से आवंटन किया जाएगा।

यह प्रक्रिया पारदर्शिता, निष्पक्षता और सहभागिता के सिद्धांतों के तहत आयोजित की जाएगी ताकि अधिकतम पात्र आवेदकों को लाभ मिल सके।

महत्वपूर्ण तिथियाँ:

  • शिविर की तिथि: 09 जुलाई 2024

  • आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि: 08 जुलाई 2025, सांय 5:00 बजे तक

  • स्थान: तहसील किरावली, रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय

  • प्रवेश: केवल आवेदन रसीद दिखाने वाले आवेदकों को ही शिविर में प्रवेश मिलेगा

आवेदन से संबंधित दिशा-निर्देश:

  1. आवेदन कहां जमा करें?
    सभी इच्छुक आवेदक अपना आवेदन-पत्र 8 जुलाई की सांय 5:00 बजे तक तहसील किरावली के रजिस्ट्रार कानूनगों कार्यालय में जमा करें।

  2. प्राप्ति रसीद अनिवार्य:
    आवेदन जमा करने पर आवेदक को प्राप्ति रसीद दी जाएगी, जिसे शिविर में प्रवेश हेतु प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

  3. आवेदक की उपस्थिति आवश्यक:
    केवल वही व्यक्ति शिविर में प्रवेश पा सकेगा, जिसने आवेदन पत्र जमा किया है। किसी भी अन्य व्यक्ति को शिविर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

  4. अनिवार्य दस्तावेज:

    • संबंधित तालाब की अद्यतन खतौनी की प्रति

    • जाति प्रमाण-पत्र

    • यदि कोई समिति (सहकारी समिति या स्वयं सहायता समूह) आवेदन कर रही है, तो उसका पंजीकरण प्रमाण-पत्र

    • समिति के सभी सदस्यों की सक्षम अधिकारी द्वारा सत्यापित सूची

  5. अपूर्ण आवेदन अस्वीकार्य:
    आवेदन में कोई कमी या अपूर्णता पाए जाने पर वह स्वतः निरस्त माना जाएगा।

  6. निर्णय का अधिकार:
    आवेदनों की स्वीकृति या अस्वीकृति का अंतिम अधिकार उप जिलाधिकारी के पास रहेगा।

नीलामी प्रक्रिया का विवरण:

यदि किसी तालाब पर एक से अधिक पात्र आवेदन प्राप्त होते हैं, तो उस तालाब का आवंटन नीलामी प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा। यह नीलामी शिविर के दौरान ही पारदर्शी तरीके से संपन्न की जाएगी और उच्चतम बोली लगाने वाले पात्र व्यक्ति या समिति को तालाब आवंटित किया जाएगा।

नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवेदकों को सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित समय पर उपस्थित रहना अनिवार्य होगा।

मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की पहल

मत्स्य पालन तालाब आवंटन शिविर किरावली 2024 का उद्देश्य न केवल ग्रामीन रोजगार के अवसर बढ़ाना है, बल्कि स्थानीय खाद्य सुरक्षा और पोषण स्तर को भी बेहतर बनाना है। इस योजना के माध्यम से गाँवों में स्थित परित्यक्त या कम उपयोग में लाए जा रहे तालाबों का सदुपयोग सुनिश्चित किया जाएगा।

इससे न केवल मत्स्य उत्पादन को बल मिलेगा, बल्कि जल संसाधनों का संरक्षण, जैव विविधता का संवर्धन, और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण भी होगा।

उत्तर प्रदेश मत्स्य विभाग (Fisheries Department, Uttar Pradesh)


राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही मत्स्य पालन योजनाओं, तालाब आवंटन, प्रशिक्षण और सब्सिडी से संबंधित जानकारी के लिए:

https://fymis.up.gov.in

अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें:

इच्छुक आवेदक और ग्रामवासी अधिक जानकारी के लिए सीधे उप जिलाधिकारी किरावली कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। वहां से उन्हें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता मानदंड और दस्तावेजों से संबंधित सभी विवरण उपलब्ध कराए जाएंगे।

निष्कर्ष:

मत्स्य पालन तालाब आवंटन शिविर किरावली 2024 ग्रामीण क्षेत्र के मत्स्य पालकों के लिए एक अवसर का द्वार है। पारदर्शी व्यवस्था, स्पष्ट दिशा-निर्देश और प्रशासनिक सहयोग से यह योजना गाँवों में आत्मनिर्भरता और सतत विकास की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

जो भी ग्रामीण मत्स्य पालन को आजीविका या व्यवसाय के रूप में अपनाना चाहते हैं, उनके लिए यह शिविर एक सुनहरा मौका है — जिससे वे जलस्रोतों का लाभ लेकर एक समृद्ध और सुरक्षित भविष्य की ओर अग्रसर हो सकते हैं।

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