डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने डिजिलॉकर पर जारी किया प्री-Ph.D. कोर्स वर्क परीक्षा परिणाम, डिजिटल बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक कदम
अंबेडकर विवि का डिजिटल कदम, डिजिलॉकर पर जारी कर किया पहला परीक्षा परिणाम

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-
आगरा। उत्तर प्रदेश के प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के प्री-Ph.D. कोर्स वर्क परीक्षा परिणाम को डिजिलॉकर के माध्यम से जारी कर डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल की है। यह विश्वविद्यालय का पहला ऐसा परीक्षा परिणाम है जिसे छात्रों ने अपनी ABC ID (Academic Bank of Credits ID) के माध्यम से डिजिलॉकर से ऑनलाइन प्राप्त किया।
यह कदम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल सशक्तिकरण को बढ़ावा देता है, बल्कि छात्रों की सुविधा, पारदर्शिता और सुरक्षा को भी एक नई दिशा देता है।
डिजिलॉकर से सीधे परिणाम प्राप्त कर रहे छात्र
डीन रिसर्च प्रोफेसर बी.पी. सिंह ने जानकारी दी कि इस सत्र में कुल 859 छात्रों ने प्री-Ph.D. कोर्स वर्क की परीक्षा दी थी, जिनमें से 855 छात्र सफल घोषित किए गए हैं। अब इन सभी छात्रों का परिणाम समर्थ पोर्टल के माध्यम से डिजिलॉकर से लिंक किया गया है।
यह व्यवस्था इस प्रकार कार्य करती है:
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छात्र अपनी ABC ID और डिजिलॉकर लॉगिन के माध्यम से परिणाम देख सकते हैं।
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वे PDF प्रारूप में प्रमाणित परिणाम डाउनलोड कर सकते हैं।
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परिणाम को ऑनलाइन सत्यापित भी किया जा सकता है, जिससे फर्जीवाड़े की संभावना समाप्त हो जाती है।
क्या है ABC ID और डिजिलॉकर सुविधा?
ABC ID (Academic Bank of Credits ID) केंद्र सरकार की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शुरू की गई एक डिजिटल पहचान है, जिसमें छात्रों की सभी शैक्षणिक उपलब्धियाँ डिजिटल रूप में संग्रहीत की जाती हैं।
वहीं, डिजिलॉकर भारत सरकार का एक अधिकृत डिजिटल दस्तावेज़ भंडारण प्लेटफ़ॉर्म है, जहां से छात्र—
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अपनी मार्कशीट, प्रमाणपत्र, डिग्री आदि डाउनलोड कर सकते हैं।
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उसे ऑनलाइन साझा कर सकते हैं।
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नौकरी, उच्च शिक्षा, छात्रवृत्ति या विदेशी संस्थानों में आवेदन के लिए डिजिटल दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकते हैं।
डिजिलॉकर पर परिणाम जारी करने वाला पहला विभाग बना रिसर्च डिपार्टमेंट
इस पहल के तहत डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय का शोध विभाग (Research Department) प्रदेश में पहला ऐसा विभाग बना है, जिसने डिजिलॉकर से परीक्षा परिणाम को जोड़कर छात्रों को डिजिटल सुविधा प्रदान की है।
प्रोफेसर बी.पी. सिंह ने बताया कि अब छात्रों को कॉलेज या विश्वविद्यालय जाकर हार्ड कॉपी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। डिजिटल प्रमाणपत्र न केवल तुरंत उपलब्ध होगा, बल्कि उसके खोने या फटने जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिलेगी।
कुलपति प्रो. आशु रानी का बयान: डिजिटल शिक्षा की दिशा में मील का पत्थर
कुलपति प्रो. आशु रानी ने इस ऐतिहासिक पहल को डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने कहा “डिजिटल इंडिया अभियान के तहत शिक्षा का डिजिटलीकरण अत्यंत आवश्यक है। डिजिलॉकर और ABC ID के माध्यम से शैक्षणिक दस्तावेज़ों की पहुँच को सरल, सुरक्षित और पारदर्शी बनाया जा रहा है। यह कदम भविष्य के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय भविष्य में—
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सभी डिग्री, अंक पत्र और प्रमाणपत्रों को डिजिलॉकर से लिंक करेगा।
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विद्यार्थियों को ABC ID बनवाना अनिवार्य किया जाएगा।
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ऑनलाइन सत्यापन प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे दस्तावेज़ों की जांच मिनटों में हो सकेगी।
छात्रों के लिए कैसे उपयोगी है यह सुविधा?
प्रमुख लाभ:
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कहीं से भी परिणाम की उपलब्धता – देश या विदेश में कहीं से भी दस्तावेज़ देखे जा सकते हैं।
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भविष्य में उपयोग – उच्च शिक्षा या नौकरियों के आवेदन में डिजिटल दस्तावेज़ मान्य।
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कागजी प्रक्रिया से मुक्ति – प्रिंटेड कॉपी की आवश्यकता नहीं।
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दस्तावेज़ों का केंद्रीकृत डिजिटल संग्रह – सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र एक ही स्थान पर।
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फर्जीवाड़े की समाप्ति – डिजिटली प्रमाणित दस्तावेजों की ऑनलाइन सत्यता।
शोधार्थियों ने की पहल की सराहना
इस पहल से जुड़े छात्रों ने बताया कि उन्हें पहली बार किसी परिणाम के लिए विश्वविद्यालय नहीं जाना पड़ा। एक शोधार्थी ने बताया, “हमने डिजिलॉकर में लॉग इन कर केवल दो मिनट में अपनी मार्कशीट प्राप्त कर ली। यह प्रक्रिया न केवल तेज़ है, बल्कि बेहद सरल और विश्वसनीय भी है।”
भविष्य की योजनाएँ: समस्त पाठ्यक्रमों के परिणाम होंगे डिजिटल
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा अब इस व्यवस्था को UG, PG और अन्य पेशेवर पाठ्यक्रमों में भी लागू करने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए तकनीकी समन्वय और डेटा डिजिटलाइजेशन का कार्य प्रारंभ हो चुका है।
कुलसचिव कार्यालय के अनुसार, अगली परीक्षाओं के परिणामों को भी डिजिलॉकर और ABC ID से जोड़ा जाएगा। इससे डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया सरल और तेज़ हो जाएगी, जो कि कई सरकारी और निजी क्षेत्रों की एक प्रमुख मांग रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और डिजिटल परिवर्तन
यह कदम NEP 2020 (नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के डिजिटलीकरण, क्रेडिट ट्रांसफर और शिक्षा में पारदर्शिता जैसे लक्ष्यों को साकार करने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा आर्किटेक्चर (NDEAR) भी छात्रों के लिए एक डिजिटल इकोसिस्टम तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं, जिसमें डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की यह पहल अग्रणी बनती जा रही है।
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निष्कर्ष: डिजिटल शिक्षा की ओर मजबूत कदम
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय परिणाम 2024 को डिजिलॉकर से जारी करना सिर्फ तकनीकी प्रगति नहीं, बल्कि छात्रों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
यह प्रणाली समय की मांग है और डिजिटल इंडिया अभियान को शिक्षा क्षेत्र में गति देने का सशक्त उदाहरण भी। उम्मीद है कि अन्य विश्वविद्यालय भी इस दिशा में प्रेरणा लेकर अपने परिणामों और प्रमाणपत्रों को डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराने की दिशा में कदम उठाएंगे।