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भारत-माल्टा व्यापार सहयोग को नई उड़ान: आगरा में SP सिंह बघेल की जोसेफ मस्कट से भेंट

भारत-माल्टा व्यापार

केंद्रीय राज्यमंत्री एस.पी. सिंह बघेल ने माल्टा के पूर्व प्रधानमंत्री एवं लेबर पार्टी के पूर्व नेता जोसेफ मस्कट से की शिष्टाचार भेंट

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-

आगरा। भारत और माल्टा के बीच आर्थिक सहयोग के नए द्वार खुल रहे हैं। शुक्रवार को केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने आगरा स्थित आईटीसी मुगल होटल में माल्टा के पूर्व प्रधानमंत्री एवं लेबर पार्टी के पूर्व प्रमुख जोसेफ मस्कट से शिष्टाचार भेंट की। इस अहम बैठक में माल्टा के उच्चायुक्त रेउबन गाउसी भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

इस बैठक को भारत और माल्टा के संबंधों को नई दिशा देने की पहल के रूप में देखा जा रहा है, जहां दोनों देशों के बीच व्यापार, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, आईटी सेवाएं, विश्वविद्यालय साझेदारी, पर्यटन एवं औषधि उद्योग में सहयोग को लेकर गहन चर्चा हुई।

केंद्रीय मंत्री प्रो. बघेल ने कहा कि भारत और माल्टा के बीच 1965 से कूटनीतिक संबंध हैं। दोनों देशों के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल समय-समय पर एक-दूसरे के देशों में जाकर द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त बना रहे हैं। इस भेंट के दौरान भारत और माल्टा के बीच कृषि और पशुपालन क्षेत्र में सहयोग को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। माल्टा में जहां उच्च गुणवत्ता के छोटे स्तर के डेयरी फार्म और पशु प्रजनन केंद्र हैं, वहीं भारत में बड़े स्तर पर पशुपालन और डेयरी उद्योग कार्यरत है।

भारत-माल्टा व्यापार

पशुपालन व डेयरी में संयुक्त सहयोग

प्रो. बघेल ने बताया कि दोनों देश बड़े पशुओं (गाय-भैंस) व छोटे पशुओं (बकरी-भेड़) की नस्ल सुधार, डेयरी उत्पादन जैसे पनीर और घी निर्माण तकनीकों, गुणवत्ता प्रशिक्षण और आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाओं में संयुक्त शोध व प्रशिक्षण की दिशा में कार्य करेंगे। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में पशुपालन लाखों किसानों की आजीविका का आधार है, वहीं माल्टा की दक्ष तकनीक से इस क्षेत्र में सुधार संभव है।

मत्स्य पालन में तकनीकी सहयोग

माल्टा के पास तटीय मछली पालन और समुद्री खाद्य के टिकाऊ उत्पादन में अच्छी दक्षता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत के तटीय राज्यों जैसे गोवा, केरल और तमिलनाडु में इस तकनीक को अपनाकर मछली उत्पादन को और सुदृढ़ किया जा सकता है। दोनों देशों के बीच मत्स्य पालन से संबंधित उपकरणों, प्रशिक्षण, अनुसंधान और तकनीक साझा करने पर सहमति बनी है।

आईटी और औषधि क्षेत्र में निर्यात अवसर

भारत की आईटी सेवाएं, चाय, मसाले, औषधियाँ और वाहन पुर्जे माल्टा में निर्यात हो रहे हैं। प्रो. बघेल ने बताया कि भारतीय कंपनियाँ जैसे टोरेंट फार्मा और ऑरोबिंदो फार्मा माल्टा में निवेश कर रही हैं, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। भविष्य में इस निवेश को और विस्तारित करने पर जोर दिया गया।

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माल्टा

पर्यटन और शिक्षा में साझेदारी

माल्टा यूरोप का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। भारत और माल्टा के बीच विश्वविद्यालयों की साझेदारी, संयुक्त पाठ्यक्रम और छात्र विनिमय कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की योजना भी बैठक में रखी गई। साथ ही, नागपुर में प्रस्तावित इंटरनेशनल ट्रेड सेंटर में माल्टा को साझेदारी के लिए आमंत्रित किया गया। यह केंद्र दोनों देशों के व्यापारिक प्रतिनिधियों को एक साथ लाने का मंच प्रदान करेगा।

कृषि और नवाचार में साझा शोध

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत और माल्टा के बीच कृषि उत्पादों के व्यापार को भी बढ़ावा दिया जाएगा। दोनों देशों के बीच जैविक खेती, मसालों की गुणवत्ता, कृषि यंत्रों और नवोन्मेषी तकनीकों पर संयुक्त शोध की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं।

सामाजिक और आर्थिक संबंधों को नई दिशा

यह बैठक केवल व्यापार तक सीमित नहीं रही बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक आदान-प्रदान की संभावनाओं को भी बल मिला। केंद्रीय मंत्री प्रो. बघेल ने कहा कि माल्टा जैसे देश से भारत को तकनीक और गुणवत्ता में मदद मिल सकती है, वहीं भारत माल्टा को मानव संसाधन और सेवाओं में सहयोग दे सकता है।

माल्टा

निष्कर्ष

भारत और माल्टा के संबंधों में यह बैठक एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। आगरा में हुई यह मुलाकात दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के भविष्य को सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम है। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच व्यापार, तकनीक, कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में बहुआयामी प्रगति देखने को मिलेगी।

 

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