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आगरा में दृष्टिबाधित बच्चों का भावपूर्ण दीक्षांत समारोह

दीक्षांत समारोह, एक कदम और फाउंडेशन

एक कदम और फाउंडेशन ने दृष्टिबाधित बच्चों के साथ मनाया दीक्षांत समारोह, बढ़ाया आत्मविश्वास और हौसला

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा, 12 अगस्त 2025


ताज नगरी आगरा में समाज सेवा के क्षेत्र में कार्यरत ‘एक कदम और फाउंडेशन’ ने दृष्टिबाधित और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए एक भावनात्मक और प्रेरणादायक दीक्षांत समारोह का आयोजन किया।
यह कार्यक्रम पंडित होती लाल इंटर कॉलेज, सोहल्ला, आगरा में आयोजित हुआ, जिसमें बच्चों की मेहनत और उपलब्धियों का उत्सव पूरे उत्साह और उल्लास के साथ मनाया गया।

दीक्षांत समारोह का उद्देश्य – बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ना

कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दृष्टिबाधित बच्चों के आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाना, उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना और उनके प्रयासों का सम्मान करना था।
फाउंडेशन की प्रोग्राम डायरेक्टर सौम्या त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह के आयोजनों से बच्चों में न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि उन्हें यह भी महसूस होता है कि समाज उनके साथ खड़ा है।

दीक्षांत समारोह, एक कदम और फाउंडेशन

प्रमाणपत्र, सम्मान-पत्र और उपहार – मेहनत का सम्मान

एक कदम और फाउंडेशन टीम के सदस्यों पासंग और विवेक दुबे ने बच्चों को प्रमाणपत्र, सम्मान-पत्र और प्रेरणादायक उपहार प्रदान किए।
इन उपहारों में ब्रेल किताबें, ऑडियो लर्निंग डिवाइस और शैक्षिक सामग्री शामिल थी, जो बच्चों के आगे की पढ़ाई में मदद करेगी।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समा

दीक्षांत समारोह में बच्चों ने:

  • संगीत प्रस्तुतियां दीं

  • कविताएं सुनाईं

  • प्रेरक भाषण दिए

इन प्रस्तुतियों ने वहां मौजूद सभी लोगों को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान बच्चों के चेहरे खुशी से खिले हुए थे, मानो उनके सपनों को उड़ान मिल गई हो।

फाउंडेशन का सामाजिक योगदान – 470 से अधिक बच्चों तक पहुंच

सौम्या त्रिपाठी ने बताया कि एक कदम और फाउंडेशन ने अब तक 8 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश में 470 से अधिक दृष्टिबाधित बच्चों को:

  • ब्रेल साक्षरता

  • डिजिटल सशक्तिकरण

  • समावेशी शिक्षा

की सुविधाएं प्रदान की हैं।
संस्था का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी आधुनिक शिक्षा और तकनीक से जुड़ सकें।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाया उत्साह

कार्यक्रम में श्याम धाकरे, छत्तर सिंह, कृष्ण कांत, मोहम्मद शोएब, नानक चंद और कई अभिभावकों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई।
इन सभी ने बच्चों को आशीर्वाद दिया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।

दृष्टिबाधित बच्चों के लिए शिक्षा क्यों जरूरी है?

भारत में दृष्टिबाधित बच्चों की संख्या लाखों में है, और इनमें से अधिकांश गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हैं।
समावेशी शिक्षा का अर्थ है – सभी बच्चों को, चाहे वे किसी भी शारीरिक या मानसिक चुनौती का सामना कर रहे हों, समान अवसर और सुविधाएं प्रदान करना।
ब्रेल, ऑडियो लर्निंग, डिजिटल टूल्स और विशेष प्रशिक्षण से ये बच्चे भी:

  • उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं

  • नौकरी के अवसर पा सकते हैं

  • आत्मनिर्भर जीवन जी सकते हैं

 

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एक कदम और फाउंडेशन की आगामी योजनाएं

फाउंडेशन ने घोषणा की कि वे:

  • अगले वर्ष तक 1,000 बच्चों को ब्रेल और डिजिटल शिक्षा देंगे

  • विशेष स्कूलों के साथ साझेदारी कर नि:शुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करेंगे

  • मोबाइल लर्निंग वैन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा पहुंचाएंगे

समारोह में बच्चों की मुस्कान – सबसे बड़ी सफलता

समारोह का सबसे भावुक पल तब था जब बच्चों ने अपने प्रमाणपत्र और उपहार प्राप्त किए और उनके चेहरे खुशी से खिल उठे।
वह मुस्कान न केवल उनकी जीत की गवाही थी, बल्कि यह भी दिखा रही थी कि सही मार्गदर्शन और सहयोग से वे किसी भी चुनौती को पार कर सकते हैं।

निष्कर्ष – समाज की जिम्मेदारी

यह दीक्षांत समारोह इस बात का प्रमाण है कि अगर समाज संगठित होकर काम करे, तो विशेष आवश्यकता वाले बच्चे भी नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं।
‘एक कदम और फाउंडेशन’ जैसे संगठनों की पहल से दृष्टिबाधित बच्चों का भविष्य उज्जवल हो सकता है, बशर्ते हम सभी अपनी भूमिका निभाएं।

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