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आगरा: मिलावटी दूध और मिठाई पर खाद्य विभाग की सख्त कार्रवाई 2025

दो बच्चों की मौत के बाद आगरा में खाद्य सुरक्षा विभाग ने डेयरी, मिठाई दुकान और वाहन से 8 खाद्य नमूने लेकर जांच शुरू की।

आगरा में मिलावटी दूध पीने से दो बच्चों की मौत के बाद खाद्य विभाग ने डेयरी और मिठाई दुकानों पर छापेमारी कर 8 नमूने जांच के लिए भेजे।

आगरा, 11 जुलाई 2025।

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा जनपद में मिलावटी दूध और अस्वच्छ मिठाई निर्माण को लेकर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने बड़ी कार्यवाही करते हुए एक ही दिन में विभिन्न स्थानों पर छापेमारी कर कुल 8 विधिक नमूने जाँच के लिए संग्रहित किए। यह कार्रवाई दो मासूम बच्चों की दूध पीने से हुई मौत के मामले को लेकर की गई, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया।

घटना की शुरुआत: दूध पीने से दो बच्चों की मौत

खाद्य सुरक्षा विभाग को उपजिलाधिकारी खेरागढ़ और थाना कागारौल से यह सूचना प्राप्त हुई कि दूध पीने के बाद दो बच्चों की मौत हो गई है। यह सूचना मिलते ही खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, आगरा की टीम तत्काल हरकत में आई और संबंधित थाना क्षेत्र में जाकर ACP से वार्ता कर आगे की कार्रवाई शुरू की।

कागारौल की डेयरी पर तत्काल छापा

परिजनों की निशानदेही के आधार पर बच्चू पुत्र बाबूलाल की डेयरी, जो जगनेर रोड, कागारौल आगरा में स्थित है, का तत्काल निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान दो बड़े ड्रमों में मिश्रित दूध भंडारित पाया गया। प्रथम दृष्टया दूध की गुणवत्ता संदिग्ध प्रतीत हुई, जिसके आधार पर दोनों ड्रमों से दूध के नमूने संकलित किए गए। जिलाधिकारी महोदय द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुसार यह नमूने तत्काल आगरा की प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेज दिए गए।

जांच रिपोर्ट के बाद होगी विधिक कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ही दूध में मिलावट की पुष्टि की जा सकेगी। यदि नमूनों में मिलावट पाई जाती है तो संबंधित डेयरी संचालक के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम 2006 के अंतर्गत कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी। विभाग का कहना है कि जन स्वास्थ्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा

बीकानेर स्वीट्स सहित कई प्रतिष्ठानों पर निरीक्षण

इसी क्रम में, 11 जुलाई 2025 को सहायक आयुक्त (खाद्य)-II महेन्द्र श्रीवास्तव के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह परमार एवं कोमल सिंह ने खंदारी चौराहा, मऊ रोड स्थित बीकानेर स्वीट्स का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान बूंदी लड्डू, बेसन, घी एवं पनीर जैसे उत्पादों के नमूने लिए गए।

इन खाद्य पदार्थों के नमूनों को विश्लेषण हेतु भेजा गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि ये उत्पाद स्वास्थ्य मानकों के अनुरूप हैं या नहीं। मिठाई की दुकानों पर त्योहारों या अधिक भीड़भाड़ वाले सीज़न में मिलावटी सामग्री के उपयोग की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं, जिसके दृष्टिगत यह कार्रवाई बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

खाद्य विभाग

फतेहाबाद और डॉक्टर का पुरा से भी लिए गए नमूने

खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने फतेहाबाद तहसील क्षेत्र से एक वाहन में ले जाए जा रहे दूध का नमूना भी जांच के लिए लिया। साथ ही ग्राम डॉक्टर का पुरा से एक क्रीम का नमूना भी संकलित किया गया। इस प्रकार एक ही दिन में कुल आठ विधिक नमूने विभिन्न स्थानों से लिए गए। विभाग का कहना है कि ये नमूने पूरी प्रक्रिया के तहत विधिक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं और रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए गए व्यक्तियों/प्रतिष्ठानों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

जनस्वास्थ्य की रक्षा के लिए अभियान जारी

आगरा मिलावटी दूध और मिठाई जांच 2025 अभियान के तहत जिला प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग नियमित छापेमारी और निरीक्षण के जरिए लोगों को मिलावटखोरी से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। दो बच्चों की मौत के दुखद प्रकरण ने प्रशासन को सख्त रुख अपनाने के लिए बाध्य किया है।

जिलाधिकारी आगरा अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में मिलावटी खाद्य पदार्थों की बिक्री और उत्पादन को रोकने के लिए तत्परता से निरीक्षण करें और दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करें।

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की टीम सतर्क

खाद्य सुरक्षा अधिकारी रविन्द्र सिंह परमार और कोमल सिंह लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और उन्होंने आम जनता से भी अपील की है कि अगर उन्हें कहीं भी मिलावटी दूध, घी, मिठाई, या अन्य खाद्य पदार्थ की शंका हो, तो वे तुरंत खाद्य विभाग को सूचना दें। विभाग पूरी गोपनीयता के साथ ऐसी शिकायतों पर कार्रवाई करेगा।

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मिलावटखोरी के खिलाफ सख्त संदेश

इस ताजा कार्रवाई से खाद्य कारोबारियों को साफ संदेश गया है कि अगर वे जनस्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करेंगे तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग का यह स्पष्ट संदेश है कि वह किसी भी दशा में मिलावट को बर्दाश्त नहीं करेगा।

निष्कर्ष: जनता की भागीदारी भी आवश्यक

आगरा मिलावटी दूध और मिठाई जांच 2025 अभियान केवल सरकारी विभागों की जिम्मेदारी नहीं है। इसमें जनता की भागीदारी भी बेहद आवश्यक है। यदि आम नागरिक जागरूक रहें, संदिग्ध खाद्य वस्तुओं की रिपोर्ट करें, और प्रमाणित दुकानों से ही खाद्य पदार्थ खरीदें, तो मिलावटखोरी को पूरी तरह समाप्त किया जा सकता है।

आगरा जैसे ऐतिहासिक और पर्यटन केंद्र शहर में मिलावट जैसी घटनाएं न केवल जनस्वास्थ्य के लिए खतरा हैं, बल्कि यह शहर की छवि को भी प्रभावित करती हैं। अतः प्रशासन और नागरिकों को मिलकर स्वस्थ आगरा, स्वच्छ आगरा और सुरक्षित आगरा बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए।

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