सांसद राजकुमार चाहर का चम्बल क्षेत्रों का निरीक्षण
चम्बल क्षेत्रों का निरीक्षण

सांसद राजकुमार चाहर ने चम्बल प्रभावित बाह क्षेत्र का किया दौरा, ग्रामीणों को दी राहत सामग्री
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)-
आगरा/बाह, 03 अगस्त 2025।
चम्बल नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण बाह तहसील के कई गांवों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जनमानस की पीड़ा को समझते हुए फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र से सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने शुक्रवार को प्रभावित गांवों का स्थलीय निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद ग्रामीणों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और तत्काल राहत सामग्री वितरित कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
चम्बल डाल नहर का लिया जायजा, दिए आवश्यक निर्देश
सांसद चाहर ने दौरे की शुरुआत पिनाहट क्षेत्र स्थित चम्बल डाल नहर से की। यहां उन्होंने नहर के जलस्तर, तटबंधों की स्थिति और जल निकासी की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। बाढ़ से निपटने के लिए सिचाई विभाग, राजस्व विभाग और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने तथा हर परिस्थिति के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि “प्राकृतिक आपदा के समय किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
पुरा भगवान गांव में पहुंचे सांसद, ग्रामीणों को दी राहत सामग्री
इसके बाद सांसद चाहर का काफिला बाह तहसील के पुरा भगवान गांव पहुंचा, जहां चम्बल नदी का पानी रिहायशी क्षेत्रों के करीब पहुंच चुका है। गांव के खेत जलमग्न हो चुके हैं और कई घरों में पानी घुसने का खतरा बना हुआ है। स्थिति को गंभीर देखते हुए सांसद ने खाद्य सामग्री, पीने का पानी, मच्छरदानी, दवाइयां आदि की किटें ग्रामीणों को वितरित कीं।
उन्होंने एसडीएम हेमंत कुमार, बीडीओ नीरज तिवारी और अन्य संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने में कोई कोताही न हो।
सांसद ने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर जाना हाल
पुरा भगवान गांव में पहुंचकर सांसद चाहर ने पीड़ित परिवारों से सीधे संवाद किया और पूछा कि क्या उन्हें प्रशासन से उचित सहयोग मिल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय भी जलस्तर बढ़ने का डर बना रहता है। इस पर सांसद ने भरोसा दिलाया कि शासन-प्रशासन पूरी तरह सतर्क है और जरूरत पड़ने पर राहत शिविर एवं नावों की व्यवस्था भी की जाएगी।
प्रतिनिधियों व अधिकारियों के साथ हुआ समन्वय
सांसद चाहर के निरीक्षण में स्थानीय प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका देखी गई। मौके पर पूर्व विधायक जितेंद्र वर्मा, जिला पंचायत सदस्य कृष्णपाल सिंह, सुग्रीव चौहान, मुन्नाल लंबरदार, नितिन वर्मा, कप्तान सिंह वर्मा, गुड्डू विधोलिया, सतेंद्र बरुआ, परमवीर चाहर, सतेंद्र यादव समेत कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। सभी ने क्षेत्र की परिस्थिति को सांसद के सामने रखा और राहत कार्यों की जरूरतों को रेखांकित किया।
आपदा में राहत, सेवा और समर्पण जरूरी – राजकुमार चाहर
मीडिया से बात करते हुए सांसद चाहर ने कहा,
“हमारे लिए राजनीति का सबसे बड़ा धर्म जनसेवा है। चम्बल नदी की इस आपदा में हम अपने क्षेत्र के एक-एक व्यक्ति के साथ खड़े हैं। प्रशासन के साथ समन्वय बनाकर राहत और बचाव कार्यों को प्राथमिकता दी जा रही है।”
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार से हर संभव सहयोग लिया जाएगा और किसानों को हुई फसली क्षति का मुआवजा भी दिलाया जाएगा।
सोशल मीडिया पर भी वायरल हुए दौरे के दृश्य
सांसद राजकुमार चाहर के इस दौरे की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। स्थानीय लोगों ने उनके जमीनी जुड़ाव की सराहना करते हुए कहा कि जब भी क्षेत्र पर संकट आता है, सांसद खुद मैदान में उतरते हैं।
फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #ChambalFloodRelief #MPRajkumarChahar जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
प्रशासनिक इंतजामों का भी लिया जायजा
निरीक्षण के दौरान सांसद ने प्रशासन द्वारा तैयार की गई राहत सूची, संभावित जलभराव क्षेत्रों के चिन्हांकन, बचाव दलों की तैनाती, तथा आवासीय व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने बाढ़ पूर्व चेतावनी तंत्र को और मजबूत करने पर बल दिया और बताया कि भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार की जाएगी।
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चम्बल क्षेत्र में संभावित खतरे:
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चम्बल नदी का जलस्तर मानसून में तेजी से बढ़ता है
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पुराने तटबंध क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में गांवों में पानी घुसने की संभावना
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फसलें जलमग्न होकर किसानों को आर्थिक नुकसान
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पशुओं के लिए चारा व चिकित्सा व्यवस्था की कमी
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मच्छरों व जलजनित बीमारियों का खतरा
क्या हैं राहत की मांगें:
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सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को राशन किट, दवाइयां और मच्छरदानी
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जिनके घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें मुआवजा राशि
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फसल क्षति पर विशेष सर्वे कर राहत पैकेज
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भविष्य के लिए स्थायी बांध निर्माण या ऊँचाई बढ़ाने की योजना
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नावों व आपातकालीन बचाव संसाधनों की उपलब्धता
निष्कर्ष: जनता के साथ खड़े सांसद
सांसद राजकुमार चाहर का यह दौरा न केवल चम्बल प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति को उजागर करता है, बल्कि यह भी सिद्ध करता है कि जब जनप्रतिनिधि जनता के साथ खड़े होते हैं तो राहत व पुनर्वास कार्य अधिक प्रभावी होते हैं। प्रशासन, जनता और जनप्रतिनिधि – तीनों के समन्वय से ही किसी आपदा का सामना दृढ़ता से किया जा सकता है।
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