SAIYAN- ग्राम पंचायत सौरा में टूटी बिजली लाइन से रातभर बेहाल रहे ग्रामीण, शिकायत के बाद विद्युत आपूर्ति बहाल
विद्युत तार टूटने से नहीं आई बिजली, उमस भरी गर्मी में लोग हुए बेहाल

ग्राम पंचायत सौरा में टूटी बिजली लाइन से रातभर बेहाल रहे ग्रामीण, शिकायत के बाद विद्युत आपूर्ति बहाल
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा/सैयां।
विकास खण्ड सैयां के अंतर्गत ग्राम पंचायत सौरा में बीती रात उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब डीपी (डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट) के पास विद्युत लाइन का तार टूट गया। इस तकनीकी खराबी के चलते पूरे गांव की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई और गांववासी रातभर उमस भरी गर्मी में परेशान होते रहे।
ग्रामीणों ने जैसे ही यह देखा कि समस्या गंभीर है और खुद से ठीक नहीं हो सकती, उन्होंने विद्युत उपखंड कार्यालय सैयां में तुरंत शिकायत दर्ज कराई। विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया से कुछ ही घंटों में लाइन की मरम्मत कर दी गई और विद्युत आपूर्ति को सुचारु कर दिया गया।
बिजली लाइन टूटने से सौरा गांव में अंधेरा और बेचैनी
शनिवार की रात करीब 9:30 बजे के आसपास सौरा गांव की मुख्य बिजली लाइन में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे तार टूटकर गिर गया। बिजली गुल होते ही पूरे गांव में अंधेरा छा गया और लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
गर्मी और उमस का मौसम वैसे ही लोगों की परेशानी बढ़ा रहा था, ऊपर से बिजली कटने से स्थिति और बिगड़ गई। पंखे, कूलर, लाइटें सब बंद हो गए। छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी गर्मी और मच्छरों से परेशान होते रहे।
ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से तत्काल शिकायत की
स्थिति को गंभीर देखते हुए ग्रामवासियों ने मिलकर विद्युत उपखंड कार्यालय सैयां में संपर्क किया। शिकायत करने वालों में सीताराम सविता, रमाकांत ठाकुर, पूर्व प्रधान राजवीर सिंह त्यागी, नरेन्द्र ठाकुर, श्याम त्यागी, धर्मेन्द्र जाटव सहित अन्य ग्रामीण शामिल थे।
ग्रामीणों की एकजुटता और तत्परता का असर यह हुआ कि विद्युत विभाग ने तुरंत संज्ञान लिया और तकनीकी टीम को मौके पर भेजा गया।
विद्युत कर्मियों ने रात में ही दुरुस्त की लाइन
शिकायत मिलते ही विद्युत उपखंड कार्यालय सैयां की टीम हरकत में आई और लाइनमैनों की एक टीम को सौरा गांव भेजा गया। टीम ने मौके पर पहुंचकर टूटे हुए तार और डीपी की स्थिति का निरीक्षण किया और मरम्मत कार्य प्रारंभ किया।
लगभग डेढ़ घंटे के प्रयास के बाद बिजली लाइन को फिर से जोड़कर सप्लाई बहाल कर दी गई। जैसे ही बिजली आई, ग्रामीणों के चेहरों पर राहत की मुस्कान लौट आई।
गर्मी में बिजली जाना बना ग्रामीणों के लिए संकट
इस समय उत्तर प्रदेश में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास चल रहा है, और उमस ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है। ऐसे में रात में बिजली का कट जाना किसी संकट से कम नहीं था।
सौरा गांव में बिजली कटौती ने यह स्पष्ट कर दिया कि ग्रामीण इलाकों में अब 24 घंटे बिजली आपूर्ति की आवश्यकता बन चुकी है। ग्रामीणों ने मांग की है कि लाइन की नियमित रूप से जांच और समय-समय पर मरम्मत की जाए ताकि भविष्य में ऐसी समस्या उत्पन्न न हो।
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ग्रामीणों की मांग – बिजली ढांचे को किया जाए मजबूत
पूर्व प्रधान राजवीर सिंह त्यागी ने बताया कि सौरा गांव में कई स्थानों पर पुराने और जर्जर विद्युत तार लगे हुए हैं जो कभी भी टूट सकते हैं। कई बार विभाग को इस बारे में अवगत कराया गया लेकिन मरम्मत नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि गांव की बिजली व्यवस्था को स्थायी रूप से सुधारने के लिए विभाग को समय रहते कार्रवाई करनी चाहिए।
स्थानीय नागरिकों की प्रतिक्रिया
नरेंद्र ठाकुर ने कहा, “बिजली के बिना रात गुजारना मुश्किल था। शुक्र है कि विद्युत विभाग ने हमारी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की। लेकिन यह भी ज़रूरी है कि ऐसी स्थिति दोबारा न आए।”
धर्मेंद्र जाटव ने कहा, “गांव में कई जगह बिजली के खंभे झुके हुए हैं और तार बहुत ढीले हैं। गर्मी के मौसम में इस तरह की खराबी और बढ़ सकती है।”
विद्युत विभाग की त्वरित कार्रवाई की सराहना
हालांकि समस्या गंभीर थी, लेकिन विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया और जिम्मेदारी भरा व्यवहार काबिल-ए-तारीफ रहा। लाइनमैन और तकनीकी टीम ने देर रात तक काम कर बिजली बहाल की, जिससे ग्रामीणों को थोड़ी देर की परेशानी के बाद राहत मिली।
विभाग ने लोगों से अपील की है कि अगर भविष्य में किसी तरह की बिजली से जुड़ी समस्या सामने आए तो तत्काल नजदीकी विद्युत कार्यालय में शिकायत दर्ज करें ताकि समय रहते समाधान किया जा सके।
निष्कर्ष: जागरूक ग्रामीणों और तत्पर प्रशासन से टली बड़ी समस्या
ग्राम पंचायत सौरा में जो समस्या आई, वह किसी बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती थी यदि समय पर मरम्मत न की जाती। लेकिन ग्रामीणों की सजगता और विद्युत विभाग की त्वरित कार्रवाई ने मिलकर संकट को टाल दिया।
यह घटना यह भी दर्शाती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत और टिकाऊ बिजली ढांचे की आवश्यकता है। अगर समय रहते पुरानी लाइनें बदली जाती हैं, तो ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है।