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मुख्यमंत्री से मिले योगेन्द्र उपाध्याय, शिवाजी स्मारक निर्माण को मिली ऐतिहासिक गति

कोठी मीना बाजार की भूमि अधिग्रहण रिपोर्ट संस्कृति विभाग को सौंपी, जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से की भेंट

लखनऊ / आगरा | 07 जुलाई, 2025

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

उत्तर प्रदेश सरकार ने आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक के निर्माण को लेकर बड़ी पहल की है। ऐतिहासिक स्थल कोठी मीना बाजार पर स्मारक और संग्रहालय निर्माण की दिशा में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को गति मिल गई है। सोमवार को इस विषय में राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में शिष्टाचार भेंट कर रिपोर्ट प्रस्तुत की।

स्मारक सिर्फ भवन नहीं, राष्ट्रभक्ति की मूर्त प्रेरणा: योगेन्द्र उपाध्याय

योगेन्द्र उपाध्याय, जो आगरा दक्षिण से विधायक भी हैं, ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह स्मारक महज स्थापत्य परियोजना नहीं, बल्कि यह राष्ट्र की वीर परंपरा, संस्कृतिक चेतना और युवाओं में राष्ट्रभक्ति की भावना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।

उन्होंने बताया कि यह स्थल शिवाजी महाराज की रणनीतिक कुशलता, बुद्धिचातुर्य और अद्वितीय साहस का प्रतीक है। स्मारक का निर्माण देशभर से आने वाले पर्यटकों, छात्रों और इतिहास प्रेमियों को महानायक शिवाजी महाराज के जीवन से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगा।

कोठी मीना बाजार में हुआ था शिवाजी महाराज का बंदीकरण

यह स्मारक उसी कोठी मीना बाजार में प्रस्तावित है, जो इतिहासकारों के अनुसार जयपुर नरेश राजा जयसिंह के पुत्र राजा राम सिंह की कोठी थी। यहीं पर मुगल शासक औरंगजेब ने छलपूर्वक शिवाजी महाराज को बंदी बनाकर रखा था

लेकिन, शिवाजी महाराज ने यहां से योजनाबद्ध पलायन कर मुगल किले की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए स्वतंत्रता प्राप्त की। यह भारत के इतिहास में रणनीति और साहस का एक अद्वितीय उदाहरण है। स्मारक स्थल उस ऐतिहासिक घटना को अमर करेगा।

भूमि अधिग्रहण रिपोर्ट भेजी गई पर्यटन व संस्कृति विभाग को

आगरा प्रशासन ने जून के पहले सप्ताह में कोठी मीना बाजार की भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रशासनिक रिपोर्ट उत्तर प्रदेश सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति विभाग को भेज दी है।

उच्च शिक्षा मंत्री ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इस रिपोर्ट पर शीघ्र कार्यवाही कर स्मारक निर्माण प्रक्रिया शुरू की जाए। इस संबंध में मुख्यमंत्री को एक प्रतिवेदन भी सौंपा गया, ताकि निर्माण की प्रक्रिया में कोई विलंब न हो।

 शिवाजी स्मारक के साथ बनेगा संग्रहालय और डिजिटल गैलरी

इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत एक संग्रहालय और डिजिटल गैलरी का भी निर्माण प्रस्तावित है। यहां शिवाजी महाराज की युद्धनीति, नौसेना विस्तार, प्रशासनिक सुधारों और मुगलों के विरुद्ध संघर्षों को डिजिटल माध्यमों, इंटरैक्टिव डिस्प्ले और थ्री-डी एनिमेशन के जरिए प्रदर्शित किया जाएगा।

यह संग्रहालय शिवाजी के इतिहास को आधुनिक पीढ़ी तक पहुँचाने, शिक्षण एवं शोध में उपयोगी संसाधन के रूप में कार्य करेगा।

आगरा का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व बढ़ेगा

आगरा, जो पहले से ही ताजमहल, फतेहपुर सीकरी जैसे विश्वप्रसिद्ध धरोहर स्थलों के लिए जाना जाता है, अब शिवाजी स्मारक के माध्यम से ऐतिहासिक विविधता और सांस्कृतिक विस्तार का केंद्र बन जाएगा।

यह स्मारक महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक संबंधों को भी सशक्त करेगा, जिससे राष्ट्रीय एकता का संदेश जनमानस तक पहुंचेगा।

पर्यटन, रोजगार और स्थानीय विकास को मिलेगा बल

शिवाजी स्मारक के निर्माण से पर्यटन क्षेत्र को बल मिलेगा। इस परियोजना के चलते:

  • स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे

  • होटल, हस्तशिल्प, गाइडिंग सेवाएं विकसित होंगी

  • पर्यटन पर आधारित अर्थव्यवस्था को नया आधार मिलेगा

इसके साथ ही आगरा में पर्यटकों की औसत ठहराव अवधि (average stay duration) भी बढ़ेगी।

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 वर्षों से चली आ रही मांग को मिली मंज़ूरी

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय पिछले कई वर्षों से कोठी मीना बाजार में छत्रपति शिवाजी स्मारक और संग्रहालय की मांग कर रहे हैं।

27 अप्रैल, 2025 को उन्होंने आगरा सर्किट हाउस में मंडलायुक्त शैलेन्द्र सिंह, जिलाधिकारी अरविन्द मलप्पा बंगारी और एडीए उपाध्यक्ष एम. अरुणमोली के साथ बैठक कर अधिग्रहण प्रक्रिया को शुरू करने के निर्देश दिए थे। उसी के तहत रिपोर्ट बनाकर जून में विभाग को भेजी गई।

ऐतिहासिक एकात्मता का प्रतीक बनेगा स्मारक

यह स्थल भविष्य में न केवल एक ऐतिहासिक धरोहर होगा, बल्कि शिवाजी महाराज की प्रेरणास्रोत गाथा को विश्व स्तर पर पहुंचाने का माध्यम बनेगा। साथ ही, यह स्मारक उत्तर भारत और महाराष्ट्र के बीच सांस्कृतिक सेतु का कार्य करेगा।

निष्कर्ष:

छत्रपति शिवाजी स्मारक का आगरा में निर्माण न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण निर्णय है, बल्कि यह राष्ट्रीय भावना, युवाओं के लिए प्रेरणा और पर्यटन विकास का वाहक भी साबित होगा।

उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल इतिहास को पुनर्जीवित कर उसे आधुनिक पीढ़ी से जोड़ने का सराहनीय प्रयास है। आने वाले समय में यह स्मारक देश को राष्ट्रभक्ति, रणनीति और आत्मबल का संदेश देता रहेगा।

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