आगरा मेट्रो अपडेट 2025: मनःकामेश्वर से आईएसबीटी तक निर्माण में आई तेजी
प्रथम कॉरिडोर के शेष ऐलिवेटेड भाग में 500 से अधिक पाइल का रफ़्तार से निर्माण हुआ पूरा

आगरा मेट्रो का निर्माण कार्य तेज़ी पर, मनःकामेश्वर से आईएसबीटी तक यू गर्डर और पाइल निर्माण में आई तेजी
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-
आगरा, 15 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) ने आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर में तेज़ी से निर्माण कार्य को आगे बढ़ाते हुए मनःकामेश्वर से आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन तक यात्री सेवाओं के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति दर्ज की है।
वर्तमान में खंदारी स्थित आरबीएस रैंप से सिकंदरा तक के ऐलिवेटेड सेक्शन में यू गर्डर रखने, पाइल, पाइलकैप, और पियर के निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहे हैं।
506 पाइल का निर्माण पूर्ण, यू गर्डर और पियरकैप का कार्य तेजी से जारी
UPMRC के तकनीकी अधिकारियों के अनुसार, इस ऐलिवेटेड खंड में कुल 654 पाइल, 150 पाइलकैप और 150 पियर के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है।
अब तक 506 पाइल, 87 पाइलकैप, और 74 पियर का निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया जा चुका है।
इसके साथ ही अब तक 50 पियरकैप और 78 यू गर्डर का परिनिर्माण भी कर लिया गया है।
“निर्माण की गुणवत्ता और गति दोनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि निर्धारित समय सीमा में परियोजना पूरी हो सके।“
— यूपीएमआरसी के वरिष्ठ अभियंता
यू गर्डर निर्माण: तेज रफ्तार से हो रहा है ढांचा तैयार
यू गर्डर, मेट्रो के एलिवेटेड ट्रैक का प्रमुख हिस्सा होता है।
खंदारी से सिकंदरा के बीच के खंड में कुल 272 यू गर्डर स्थापित किए जाने हैं।
UPMRC ने अब तक 78 यू गर्डर का निर्माण पूरा कर लिया है और हर सप्ताह औसतन 8–10 यू गर्डर इंस्टॉल किए जा रहे हैं।
इनका निर्माण अरतौनी स्थित कास्टिंग यार्ड में किया जा रहा है, जहां पर गुणवत्ता मानकों के अनुरूप ढलाई का कार्य नियमित रूप से हो रहा है।
अरतौनी कास्टिंग यार्ड बना निर्माण का प्रमुख केंद्र
अरतौनी में स्थापित कास्टिंग यार्ड आगरा मेट्रो परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।
यहां पर पाइल, पाइलकैप, पियर, पियरकैप, और यू गर्डर जैसी संरचनाओं की ढलाई, क्यूसी टेस्टिंग और स्टोरेज की व्यापक सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
“कास्टिंग यार्ड निर्माण को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने में रीढ़ साबित हो रहा है।“
— यूपीएमआरसी प्रोजेक्ट मैनेजर
ताज ईस्ट गेट से मनःकामेश्वर मेट्रो स्टेशन तक सफल संचालन
गौरतलब है कि आगरा मेट्रो परियोजना के पहले कॉरिडोर का ताज ईस्ट गेट से मनःकामेश्वर स्टेशन तक का हिस्सा पहले ही जनता को समर्पित किया जा चुका है।
इस खंड में मेट्रो संचालन सफलता पूर्वक और समयबद्ध रूप से किया जा रहा है, जिससे रोज़ाना हजारों यात्री लाभान्वित हो रहे हैं।
भूमिगत सेक्शन में भी ट्रैक और सिस्टम इंस्टॉलेशन का कार्य प्रगति पर
ताज ईस्ट गेट से मनःकामेश्वर के बाद, प्रथम कॉरिडोर के शेष भाग में भूमिगत सेक्शन भी शामिल है, जिसमें 4 अंडरग्राउंड स्टेशन पहले ही सिविल रूप से तैयार हो चुके हैं।
अब इन स्टेशनों में—
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ट्रैक बिछाने
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सिग्नल और कंट्रोल सिस्टम
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विद्युत आपूर्ति
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स्टेशन फिनिशिंग
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सुरक्षा उपकरण स्थापित करने का कार्य
तेज़ी से किया जा रहा है।
“सितंबर 2025 तक भूमिगत सेक्शन भी ट्रायल रन के लिए तैयार हो सकता है।” — UPMRC अधिकारियों का अनुमान
कुल परियोजना लक्ष्य और प्राथमिकताएं
आगरा मेट्रो के प्रथम कॉरिडोर की कुल लंबाई लगभग 14 किलोमीटर है, जो दो हिस्सों में विभाजित है—
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ऐलिवेटेड सेक्शन: ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा
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भूमिगत सेक्शन: ताजमहल के आसपास के क्षेत्र
यूपीएमआरसी का लक्ष्य है कि 2026 तक प्रथम कॉरिडोर का पूरा संचालन जनता के लिए शुरू कर दिया जाए।
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यात्री सुविधा और शहरी विकास में मेट्रो की भूमिका
मेट्रो परियोजना से आगरा शहर में:
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
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पर्यावरण प्रदूषण में कमी
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यातायात दबाव में राहत
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शहर का इन्फ्रास्ट्रक्चर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा
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नई नौकरियों और सेवाओं के अवसर बनेंगे
“मेट्रो के आगमन से आगरा स्मार्ट सिटी की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है।“
— शहरी विकास अधिकारी
निष्कर्ष: आगरा मेट्रो बन रहा आधुनिक शहर की पहचान
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) द्वारा किए जा रहे प्रयासों के तहत आगरा मेट्रो परियोजना अब अंतिम चरणों की ओर अग्रसर है।
जहां एक ओर ऐलिवेटेड ट्रैक का ढांचा खड़ा हो रहा है, वहीं भूमिगत स्टेशनों पर तकनीकी कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं।
आगामी महीनों में जब मनःकामेश्वर से आईएसबीटी तक मेट्रो संचालन शुरू होगा, तब आगरा न केवल ऐतिहासिक महत्व का केंद्र रहेगा, बल्कि वह स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम से युक्त एक आधुनिक नगरी के रूप में स्थापित होगा।
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