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आगरा में विधिक जागरूकता शिविर, 15100 हेल्पलाइन और महिला अधिकारों पर जोर

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के दिशानिर्देश पर जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन

विधान से समाधान शिविर में महिलाओं को विधिक अधिकारों की जानकारी, 15100 हेल्पलाइन और मध्यस्थता अभियान पर दिया गया जोर

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा | 7 जुलाई 2025

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के दिशा-निर्देशों के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा के तत्वावधान में आज खंड विकास कार्यालय खंदौली के सभागार कक्ष में “विधान से समाधान” कार्यक्रम के अंतर्गत विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस जागरूकता शिविर की अध्यक्षता डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी (अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा) द्वारा की गई।

कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति

कार्यक्रम में खंड विकास अधिकारी विजय कुमार, ब्लॉक प्रमुख खंदौली आशीष कुमार शर्मा, नामित अधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा, महिला संगठन अध्यक्ष श्रीमती संगीता (NGO एडवोकेट एडवाइजरी), तथा अनेक ग्रामीण महिलाएं, अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था – महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों, योजनाओं और कानूनी मदद के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जानकारी देना।

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महिलाओं को बताया गया उनका विधिक अधिकार

शिविर में नामित अधिवक्ता वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा द्वारा विस्तार से नारी सशक्तिकरण, घरेलू हिंसा से सुरक्षा, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम, उत्तराधिकार कानून सहित विभिन्न महत्वपूर्ण कानूनों की जानकारी दी गई।
महिलाओं को यह समझाया गया कि यदि उनके साथ कोई अन्याय हो रहा है तो वे कैसे निःशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकती हैं।

कानून की जानकारी न होने से कई महिलाएं अपने अधिकारों से वंचित रह जाती हैं, लेकिन आज का यह शिविर उन्हें सशक्त बनाएगा।” — वीरेन्द्र सिंह कुशवाहा

 

नालसा की टोल फ्री हेल्पलाइन 15100 की जानकारी

डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी ने शिविर में उपस्थित महिलाओं को विशेष रूप से राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) के टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि

यह नंबर 24×7 उपलब्ध है और इसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे निःशुल्क कानूनी सलाह और सहायता प्राप्त कर सकता है।
महिलाएं विशेष रूप से इसका उपयोग कर सकती हैं क्योंकि उन्हें अक्सर पुलिस थाने या अदालत जाने में हिचकिचाहट होती है।

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राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान: विवादों का समाधान संवाद से

कार्यक्रम में बताया गया कि 01 जुलाई से 30 सितम्बर 2025 तक पूरे देश में राष्ट्रीय मध्यस्थता अभियान (National Lok Adalat Mediation Campaign) चलाया जा रहा है।
इसका उद्देश्य है—

  • लंबित मामलों की पहचान करना

  • पक्षकारों को समझौते के लिए प्रेरित करना

  • मेडिएशन के माध्यम से विवादों का त्वरित निस्तारण

मध्यस्थता के माध्यम से न केवल समय की बचत होती है, बल्कि दोनों पक्षों में आपसी सौहार्द भी बना रहता है।
डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी

 

 

वृक्षारोपण का भी किया गया संदेश

खंड विकास अधिकारी विजय कुमार ने इस अवसर पर सभी उपस्थितों से पर्यावरण संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि

प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर, खेत या आस-पास खाली भूमि पर कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए।
यह प्रकृति के प्रति हमारी जिम्मेदारी है।

 

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ब्लॉक स्तर की योजनाओं की जानकारी भी दी गई

ब्लॉक प्रमुख आशीष शर्मा ने उपस्थित ग्रामीणों को बताया कि खंदौली ब्लॉक में ग्रामीण विकास, महिला सशक्तिकरण, रोजगार सृजन और पोषण मिशन जैसी योजनाएं सक्रिय रूप से संचालित की जा रही हैं।
लाभार्थियों को योजनाओं की पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और शिकायत निवारण के तरीके भी समझाए गए।

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महिलाओं ने रखे अपने सवाल, मिला समाधान

कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने खुलकर घरेलू हिंसा, संपत्ति विवाद, पति द्वारा त्याग, भरण-पोषण और तलाक जैसे मामलों में अपनी समस्याएं रखीं।
अधिवक्ता व विधिक सेवा प्राधिकरण की टीम ने महिलाओं को उनके कानूनी रास्तों और अधिकारों की विस्तृत जानकारी दी।

कभी किसी ने हमें कानून की इतनी सीधी और सरल भाषा में जानकारी नहीं दी थी। अब हम निडर होकर आगे बढ़ सकते हैं।” — एक महिला प्रतिभागी

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शिविर का सौहार्दपूर्ण समापन, प्रसन्नता जताई गई

कार्यक्रम के अंत में डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी ने सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, अधिवक्ताओं और महिलाओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि

इस प्रकार के शिविर समाज में कानूनी जागरूकता और समानता की भावना पैदा करते हैं।
हम सबकी ज़िम्मेदारी है कि जो जानकारी हमें मिली है, उसे अन्य लोगों तक भी पहुँचाएं।

उन्होंने आगामी समय में ऐसे और जागरूकता शिविरों के आयोजन की बात कही।

 

 

 

निष्कर्ष: विधिक जागरूकता ही सशक्त समाज की नींव

विधान से समाधान कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित यह विधिक जागरूकता शिविर महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
जहां उन्हें पहली बार कानूनी प्रावधानों, सहायता के साधनों और अपने अधिकारों के बारे में सीधे न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं से जानकारी प्राप्त हुई।

इस तरह के शिविर कानूनी साक्षरता बढ़ाने, महिला सशक्तिकरण को जमीन पर उतारने और विवादों को अदालत से पहले ही सुलझाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

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