जलभराव से राहत: आगरा डीएम की तेज़ पहल सफल
दो ट्रैक्टर पंपसेट लगाकर रास्ते को कराया गया जलमुक्त, सीसी रोड निर्माण की भी घोषणा

जिलाधिकारी ने सोशल मीडिया पर प्रसारित गांव मनकेड़ा, ब्लॉक अकोला में जल भराव की समस्या का तत्काल लिया संज्ञान, कराया समाधान
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)
आगरा।
जनपद आगरा के अकोला ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले गांव मनकेड़ा में बीते दिनों तेज बारिश और जल निकासी की समस्या के चलते ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में गांव की महिला द्वारा जल भराव के विरोध में “जल समाधि” लेने की घटना ने प्रशासन को झकझोर कर रख दिया।
इस वीडियो के सामने आने के बाद जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने पूरे प्रकरण का त्वरित संज्ञान लिया और तुरंत खंड विकास अधिकारी (BDO) बीरेंद्र सिंह को मौके पर भेजा गया। बीडीओ की देखरेख में प्रशासन ने दो ट्रैक्टर पंपसेट लगाकर जल निकासी कराई और आवागमन के लिए रास्ते को फिर से चालू कर दिया।
क्या है पूरा मामला – जल संकट और “जल समाधि” का विरोध
गांव मनकेड़ा में लगातार बारिश के बाद जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। गांव के मुख्य रास्ते पर इतना पानी भर गया था कि स्कूल, मंदिर और घरों तक पहुंचना मुश्किल हो गया था। ग्रामीणों ने प्रशासन से कई बार शिकायत की, लेकिन समाधान नहीं हुआ। इसी के विरोध में गांव की श्रीमती सावित्री देवी ने जल भराव वाले स्थान पर प्रतीकात्मक रूप से जल समाधि लेने की कोशिश की।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें ग्रामीण महिला को कमर तक पानी में खड़ा देखा गया और साथ ही गांव के अन्य लोग भी विरोध में शामिल नजर आए। इस वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे।
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी की त्वरित प्रतिक्रिया
जैसे ही यह वीडियो डीएम आगरा अरविंद मल्लप्पा बंगारी तक पहुंचा, उन्होंने बिना देर किए तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। डीएम ने खंड विकास अधिकारी अकोला को मौके पर भेजा और जल भराव की स्थिति को तत्काल दूर करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने समस्या का स्थाई समाधान सुनिश्चित करने को भी कहा।
प्रशासन की कार्रवाई – दो ट्रैक्टर पंपसेट से जल निकासी
खंड विकास अधिकारी बीरेंद्र सिंह ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और बताया कि संबंधित रास्ते के एक तरफ गांव का प्राथमिक विद्यालय और मंदिर स्थित है, जबकि दूसरी ओर एक बड़ा तालाब है। बारिश और जल जमाव के कारण रास्ता पूरी तरह पानी में डूब गया था।
स्थानीय ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए दो ट्रैक्टर पंपसेट लगाकर तेजी से जल निकासी कराई गई और कुछ ही घंटों में रास्ता जलमुक्त हो गया। प्रशासन की इस त्वरित कार्रवाई से ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
स्थाई समाधान: मनरेगा से बनेगा सीसी रोड
बी.डी.ओ. बीरेंद्र सिंह ने मीडिया को बताया कि जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान करने के लिए मनरेगा योजना के तहत सीसी रोड का निर्माण कराया जाएगा। इससे आने वाले समय में वर्षा के दौरान भी रास्ता पूरी तरह सुरक्षित और जलमुक्त बना रहेगा।
उन्होंने कहा,
“हमने फिलहाल तत्काल समाधान कर दिया है, लेकिन स्थाई समाधान के लिए सीसी रोड निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है, जिससे गांव में दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो।”
महिला ने जताई संतुष्टि, ग्रामीणों ने खत्म किया विरोध
समस्या के समाधान के बाद श्रीमती सावित्री देवी ने अपना विरोध वापस ले लिया और प्रशासन की त्वरित कार्रवाई पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि,
“अब जब रास्ता साफ हो गया है और बच्चों का स्कूल जाना संभव हो गया है, तो हमें प्रशासन पर भरोसा है कि स्थायी समाधान भी जल्द होगा।”
गांव के अन्य ग्रामवासियों ने भी प्रशासन का धन्यवाद करते हुए कहा कि सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने से ही उनकी बात सुनी गई और तुरंत कार्रवाई हुई।
सोशल मीडिया बना ग्रामीणों की आवाज
यह पूरा मामला एक बार फिर साबित करता है कि सोशल मीडिया अब सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि ग्रामीणों की आवाज को प्रशासन तक पहुंचाने का एक प्रभावी माध्यम बन चुका है। अगर यह वीडियो वायरल नहीं होता, तो शायद यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती।
ग्रामीणों की मांग: तालाब की सफाई और जल निकासी की व्यवस्था हो
हालांकि प्रशासन द्वारा त्वरित समाधान कर दिया गया है, लेकिन ग्रामीणों ने तालाब की नियमित सफाई, ड्रेनेज सिस्टम, और स्थाई जल निकासी की योजना की भी मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक समग्र जल प्रबंधन नहीं किया जाता, तब तक हर मानसून में ऐसी स्थिति उत्पन्न होती रहेगी।
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जिलाधिकारी की सक्रियता बनी चर्चा का विषय
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी की तेजी से लिए गए निर्णय और जमीनी कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों और सोशल मीडिया पर उनकी प्रशंसा की जा रही है। आमतौर पर प्रशासनिक कार्रवाई में देरी की शिकायतें रहती हैं, लेकिन इस मामले में कुछ ही घंटों में समाधान होने से जनता में भरोसा बढ़ा है।
निष्कर्ष: सतर्क प्रशासन, जागरूक जनता
मनकेड़ा गांव का यह उदाहरण सतर्क प्रशासन और जागरूक जनता के मेल का प्रतीक है। जहां एक ओर सोशल मीडिया ने ग्रामीणों की आवाज को जिलाधिकारी तक पहुंचाया, वहीं दूसरी ओर प्रशासन ने भी त्वरित कदम उठाकर समस्या का समाधान कर उदाहरण प्रस्तुत किया।
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