आगरा स्कूलों में ट्रैफिक जाम से राहत: अब विद्यालय परिसर में खड़े होंगे वाहन, सड़क पर नहीं लगेगा जाम
शहर की यातायात व्यवस्था के मद्देनजर : अब स्कूल वाहन और अभिभावकों की गाड़ियां खड़ी होंगी विद्यालय परिसर में, ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। आगरा शहर की यातायात व्यवस्था लंबे समय से स्कूल समय के ट्रैफिक जाम की गंभीर समस्या से जूझ रही है। विशेष रूप से स्कूल शुरू होने और छुट्टी के समय, शहर की प्रमुख सड़कों — जैसे एमजी रोड, दीपनगर, हरीपर्वत, कमला नगर, बल्केश्वर आदि पर वाहन रेंगते हुए नजर आते हैं। अब इस ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए यातायात पुलिस ने ठोस कदम उठाया है।
नई व्यवस्था के तहत, स्कूल वाहन और अभिभावकों की निजी गाड़ियाँ अब विद्यालय परिसर में ही पार्क की जाएंगी, जिससे सड़क पर लगने वाले भारी ट्रैफिक जाम से राहत मिल सकेगी। इस प्रयास को “आगरा स्कूल ट्रैफिक जाम समाधान” के नाम से प्रचारित किया जा रहा है।
डीसीपी ट्रैफिक अभिषेक अग्रवाल की पहल: स्कूल प्रबंधकों को दिए स्पष्ट निर्देश
पुलिस लाइन मीटिंग हॉल में आयोजित एक बैठक में डीसीपी ट्रैफिक अभिषेक अग्रवाल ने शहर के प्रमुख विद्यालयों के प्रबंधकों के साथ यातायात सुधार योजना पर चर्चा की। इस बैठक में स्कूल प्रबंधकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए कि—
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विद्यालय परिसर में वाहनों की पार्किंग अनिवार्य रूप से की जाए।
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स्कूल बसों और वैन को छुट्टी के समय एक साथ बाहर न निकाला जाए, बल्कि 3-5 मिनट के अंतराल पर छोड़ा जाए।
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अभिभावकों के निजी वाहनों को भी सड़क के बजाय परिसर में ही खड़ा किया जाए।
इस सक्रिय हस्तक्षेप से ना केवल एमजी रोड जैसे व्यस्त मार्गों पर ट्रैफिक दबाव कम होगा, बल्कि छात्रों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
विद्यालय परिसर में पार्किंग व्यवस्था अनिवार्य
आगरा की स्कूल ट्रैफिक सुधार योजना का मूल उद्देश्य है — विद्यालयों के अंदर ही वाहनों की व्यवस्थित पार्किंग। इसके लिए प्रत्येक स्कूल को अपने परिसर का स्थान चिन्हित करने, सुरक्षा गार्ड तैनात करने और ट्रैफिक वालंटियर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
डीसीपी ट्रैफिक ने कहा कि “अब समय आ गया है कि हम सड़क को पार्किंग स्थल बनने से रोकें। यदि प्रत्येक विद्यालय इस दिशा में गंभीरता से काम करे, तो आगरा ट्रैफिक समस्या का हल निकाला जा सकता है।”
फिटनेस सर्टिफिकेट और ओवरलोडिंग पर सख्ती
यातायात पुलिस ने विद्यालय प्रबंधकों को स्पष्ट किया कि—
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हर स्कूल वाहन के पास वैध फिटनेस सर्टिफिकेट, प्रदूषण प्रमाण पत्र और बीमा होना चाहिए।
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ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना अनिवार्य है।
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ओवरलोडिंग (बच्चों की अधिक संख्या) पर सख्त कार्रवाई होगी।
डीसीपी अभिषेक अग्रवाल ने चेतावनी दी कि यदि कोई चालक नशे की हालत में वाहन चलाते हुए पाया गया, या वाहन के कागजात अधूरे मिले, तो मौके पर ही कार्रवाई की जाएगी।
यह पहल न केवल ट्रैफिक सुधार की दिशा में, बल्कि छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भी एक बड़ा प्रशासनिक कदम है।
ट्रैफिक वालंटियर और सुरक्षा गार्ड अनिवार्य
अगले चरण में, प्रत्येक विद्यालय को निर्देश दिया गया है कि वे ट्रैफिक वालंटियर की नियुक्ति करें, जो छुट्टी के समय ट्रैफिक को नियंत्रित करने में सहयोग करें। इसके साथ ही, सुरक्षा गार्ड स्कूल गेट पर वाहनों की आवाजाही को नियंत्रित करें, ताकि किसी प्रकार की अव्यवस्था न फैले।
इस व्यवस्था के तहत, यातायात विभाग और विद्यालयों के बीच एक सीधा संवाद और समन्वय स्थापित किया जाएगा।
मेट्रो निर्माण के बीच जाम से राहत: एक बड़ी चुनौती का समाधान
आगरा मेट्रो परियोजना के चलते शहर की प्रमुख सड़कों पर पहले से ही यातायात दबाव बना हुआ है। ऐसे में विद्यालय समय में लगने वाले जाम ने हालात और जटिल बना दिए थे।
यह नई व्यवस्था, जिसमें वाहन स्कूल परिसर के अंदर खड़े किए जाएंगे, मेट्रो निर्माण से उत्पन्न अस्थायी संकट के दौरान स्थायी समाधान के रूप में देखा जा रहा है।
विद्यालयों की जिम्मेदारी: ट्रैफिक सुधार में भागीदारी जरूरी
यातायात विभाग ने दोहराया कि यह बदलाव तभी सफल होगा जब विद्यालय प्रबंधन और अभिभावक दोनों मिलकर सहयोग करें। यदि कोई विद्यालय इस व्यवस्था का पालन नहीं करता, तो उसके विरुद्ध कार्रवाई भी की जाएगी।
स्कूल संचालकों को निर्देशित किया गया है कि—
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पार्किंग स्लॉट को चिह्नित करें।
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गेट पर ट्रैफिक वालंटियर तैनात करें।
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बच्चों के छुट्टी समय में सुव्यवस्थित निकासी सुनिश्चित करें।
अभिभावकों को भी करनी होगी भागीदारी
आगरा ट्रैफिक पुलिस ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे—
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स्कूल गेट के बाहर अनावश्यक रुकने से बचें।
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परिसर में निर्धारित स्थान पर ही वाहन खड़ा करें।
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छात्रों को समय पर लेने-पहुंचाने का प्रयास करें।
यह सामूहिक प्रयास ही ट्रैफिक समस्या के स्थायी समाधान की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
जनसहभागिता से ही मिलेगा ट्रैफिक सुधार का लक्ष्य
इस प्रयास को “स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट इन स्कूल ज़ोन” की दिशा में पहला कदम माना जा रहा है। यदि इसे सफलता मिली, तो जल्द ही इसे आगरा के सभी विद्यालयों में लागू किया जाएगा। इस नीति के दूरगामी परिणाम होंगे, जैसे—
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सड़क दुर्घटनाओं में कमी
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छात्रों की सुरक्षा में बढ़ोतरी
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समय की बचत
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पर्यावरण प्रदूषण में कमी (वाहनों के लंबे समय तक चालू रहने से बचाव)
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निष्कर्ष: वाहन व्यवस्था का सुधार ही सुरक्षित शिक्षा की नींव
विद्यालय परिसर में वाहन पार्किंग व्यवस्था, फिटनेस सर्टिफिकेट की अनिवार्यता, ट्रैफिक वालंटियर की तैनाती, और डीसीपी ट्रैफिक द्वारा सक्रिय मॉनिटरिंग — ये सभी कदम मिलकर आगरा की ट्रैफिक समस्या के समाधान की दिशा में एक मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।
स्कूलों के आसपास का जाम सिर्फ एक प्रशासनिक नहीं, सामाजिक समस्या भी है, और इसका समाधान सभी की साझेदारी से ही संभव है। यह प्रयास न केवल सड़क सुरक्षा, बल्कि सामाजिक अनुशासन की भी मिसाल बनेगा।