आगरा मंडल में कर करेत्तर व राजस्व वसूली की समीक्षा
कर करेत्तर व राजस्व वसूली, समीक्षा बैठक सम्पन्न

मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई कर करेत्तर व राजस्व वसूली की ऑनलाइन मण्डलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न
आगरा. 11 अगस्त 2025.
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज सोमवार को कर करेत्तर व राजस्व वसूली की ऑनलाइन मण्डलीय समीक्षा बैठक सम्पन्न हुई। आगरा मण्डल में वाणिज्य कर में मथुरा में अच्छी वसूली की गयी, अन्य जिलों में वसूली बढ़ाने के निर्देश दिए गये।
स्टाम्प व रजिस्ट्रेशन में आगरा में प्रति अमीनवार वसूली इस माह भी सबसे कम रही। आयुक्त द्वारा मांग धनराशि के सापेक्ष वसूली करने एवं पोर्टल पर अंकित मांग वसूली कम दिखाए जाने पर एक बार जांच करने के निर्देश दिए।
इसके अलावा शासन स्तर से सभी जिलों में भेजी गयी पुरानी आरसी के सापेक्ष भी वसूली किए जाने के निर्देश दिए। परिवहन मद में मथुरा की प्रगति अच्छी रही। विद्युत में आगरा में मांग के अनुसार वसूली करने, खनिज मद में आगरा में हुई वसूली के डेटा को पोर्टल पर अपडेट करने के निर्देश दिए।
ओवरऑल वसूली की समीक्षा में मथुरा की सबसे अच्छी प्रगति एवं आगरा में मांग के अनुसार वसूली प्रगति कम रही। मथुरा और फिरोजाबाद में भी वसूली पर ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
कल्याण योजना की समीक्षा
मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की समीक्षा की गयी। आगरा में सबसे ज्यादा लंबित प्रकरण होने पर निस्तारण करने के निर्देश देते हुए कहा कि सभी जिलों में नियमित निस्तारण की प्रक्रिया चलती रहे, कोई भी प्रकरण लंबित न रहे।
ई परवाना पर भी लगातार ध्यान दिया जाए। अंश निर्धारण में त्रुटि सुधार हेतु आने वाले प्रार्थना पत्रों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आयुक्त द्वारा निर्देश दिए कि एक अभियान चलाकर निस्तारण में तेजी लाई जाए, राजस्व निरीक्षक व तहसीलदार द्वारा बड़े पैमाने पर किए जा रहे असहमतों के प्रकरणों की भी जांच की जाए।
अकारण असहमत न हो। वहीं राजस्व वादों के निस्तारण में इस बार मैनपुरी को छोड़कर अन्य जिलों की रैकिंग में गिरावट देखी गयी। सभी जिलों में 3 वर्ष से उपर लंबित वादों के प्रमुखता से निस्तारण किए जाने के निर्देश दिए गये।
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धारा 24 में आगरा और फिरोजाबाद की रैकिंग में गिरावट दर्ज हुई। 6 माह व एक वर्ष से अधिक लंबित वादों के निस्तारण करने के निर्देश दिए।
धारा 34 में मैनपुरी को छोड़कर अन्य जिलों की रैकिंग में गिरावट देखने को मिली। वसूली की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मथुरा में अधिक प्रयास करने एवं लंबित प्रकरणों पर कार्य करने के निर्देश दिए।
धारा 67 में 3 व 5 वर्ष से अधिक लंबित, धारा 80 में आगरा में 45 दिन से अधिक वाले एक लंबित प्रकरण धारा 101 में 3 माह से अधिक लंबित प्रकरणों के निस्तारण करने के निर्देश दिए।
धारा 116 में लंबित प्रकरण अधिक संख्या में होने पर निर्देश दिए गये कि लेखपाल के द्वारा कार्य लेते हुए गुणवत्ता के साथ अधिक से अधिक संख्या में निस्तारण किए जाएं एवं सभी जिलों की रैकिंग में सुधार लायें।
समीक्षा आयुक्त द्वारा निर्देश
जनपदवार जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी न्यायालयों में लंबित वादों की समीक्षा आयुक्त द्वारा निर्देश दिए कि सभी राजस्व न्यायलयों में उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और नायाब तहसीलदार द्वारा नियमित सुनवाई की जाए।
जहां पर भी वकीलों द्वारा हड़ताल की जा रही है, वहीं वकीलों से बातचीत कर समस्या का हल निकाला जाए। जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे आगामी माह में अपर जिलाधिकारी, उपजिलाधिकारी, तहसीलदार एवं नायाब तहसीलदार के साथ बैठकर वाद निस्तारण की समीक्षा करें।
समीक्षा में सबसे ज्यादा और सबसे कम वाद निस्तारण करने वाले अधिकारियों की सूची तैयार कर आगामी बैठक में प्रस्तुत करें। बैठक में अंत में अवर न्यायलयों को प्रेषित लगभग 1612 मांग पत्र उपलब्ध न कराये जाने पर आयुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी। सभी न्यायलयों की सूची जारी करते हुए मांग पत्रावली उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए गये।
बैठक में अपर आयुक्त प्रशासन राजेश कुमार, जिलाधिकारी मथुरा सी पी सिंह, जिलाधिकारी फिरोजाबाद रमेश रंजन, मैनपुरी जिलाधिकारी अंजनी सिंह, अपर जिलाधिकारी वित्त आगरा श्रीमती शुभांगी शुक्ला सहित सभी अपर जिलाधिकारी और उपजिलाधिकारी व तहसीलदार मौजूद रहे।
कर करेत्तर व राजस्व वसूली की हुई मण्डलीय समीक्षा
राजस्व वसूली के बाद कर करेत्तर मासिक व क्रमिक वसूली की भी आयुक्त द्वारा मण्डलीय समीक्षा की गयी। वाणिज्य कर माह लक्ष्य वसूली में आगरा की सबसे खराब प्रगति एवं खराब रैकिंग पर आयुक्त द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गयी।
वहीं अन्य जिलों की अपेक्षा मथुरा की प्रगति अच्छी रही। सभी जिलों में पंजीयन बढ़ाने, पूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति एवं रैकिंग में सुधार लाने के निर्देश दिए। स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन में आगरा की स्थिति व रैकिंग सबसे ज्यादा खराब रही।
मथुरा और फिरोजाबाद की भी मासिक लक्ष्य से कम प्राप्ति रही। पूर्ण लक्ष्य प्राप्ति हेतु प्रयास करने के निर्देश दिए। वहीं मैनपुरी की प्रगति अच्छी रही। रैकिंग मैंटेन करने के निर्देश दिए। आबकारी में आगरा और फिरोजाबाद लक्ष्य प्राप्ति से काफी पीछे रहे। खासतौर से आगरा में ज्यादा मेहनत करने हेतु संबंधित को निर्देश दिए।
जिलों की रैकिंग में काफी गिरावट
परिवहन में मथुरा को छोड़कर अन्य जिलों की रैकिंग में काफी गिरावट हुई। आयुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी। निर्देश दिए गये कि जिलाधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी के साथ समन्वय कर लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास किए जाएं।
आरटीओ प्रशासन मद में जो भी धनराशि प्राप्त हुई है उसे जमा कराया जाए। विद्युत विभाग में विगत वर्ष की तुलना में मथुरा में सबसे कम प्रगति होने पर अधिकारियों से सवाल जबाव तलब किए गये।
फिरोजाबाद और मैनपुरी में वसूली लक्ष्य प्राप्ति हेतु निर्देश दिए गये। खनिज में भी फिरोजाबाद और मैनपुरी के वसूली मासिक लक्ष्य से काफी पीछे रहने पर अपर जिलाधिकारी को इसकी समीक्षा करने के निर्देश दिए।
विधिक माप विज्ञान में माह तक की उपलब्धि प्रगति में आगरा की स्थिति सबसे खराब देखने को मिली। वहीं विगत वर्ष के सापेक्ष आगरा वृद्धि से सापेक्ष 30 प्रतिशत नीचे रहा। इसे लेकर आयुक्त द्वारा कड़ी नाराजगी व्यक्त की गयी।
उन्होंने वसूली की पूर्ण लक्ष्य की प्राप्ति हेतु हरसंभव प्रयास करने अन्यथा की स्थिति में संबंधित अधिकारी के खिलाफ चेतावनी जारी करने के निर्देश दिए। अंत में आयुक्त ने कहा कि चारों जिलों में सभी संबंधित विभागीय अधिकारी जिलाधिकारी के साथ बैठक कर आरसी की वसूली का मिलान कर लें और अगली बैठक से उसका विवरण प्रस्तुत किया जाए.
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