खेरागढ़ कंपोजिट विद्यालय में अभिभावक शिक्षक बैठक आयोजित
अभिभावक शिक्षक बैठक (PTM)

अभिभावक शिक्षक बैठक (PTM)
कंपोजिट विद्यालय पर माता उन्मुखीकरण के तहत अभिभावक शिक्षक (PTM) बैठक का हुआ आयोजन
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-
खेरागढ़/आगरा।
सरकारी स्कूलों की तस्वीर अब बदल रही है। खेरागढ़ के उच्च प्राथमिक कंपोजिट विद्यालय में इसकी एक मिसाल देखने को मिली, जब बड़ी संख्या में माताएं अपने बच्चों की शिक्षा में सीधा जुड़ाव दिखाने पहुंचीं। माता उन्मुखीकरण के अंतर्गत आयोजित अभिभावक शिक्षक बैठक (PTM) में न सिर्फ शिक्षकों और छात्रों की उपस्थिति रही, बल्कि अभिभावकों की भागीदारी ने भी साबित किया कि अब सरकारी स्कूलों की ओर लोगों का भरोसा लौट रहा है।
शिक्षा के क्षेत्र में जनभागीदारी की अनूठी पहल
खण्ड शिक्षाधिकारी महेश चंद्र के दिशा-निर्देशन में आयोजित इस अभिभावक शिक्षक बैठक का उद्देश्य केवल एक औपचारिक संवाद नहीं था, बल्कि माताओं को बच्चों की शिक्षा में सहभागी बनाना था। यह बैठक खेरागढ़ ब्लॉक के उच्च प्राथमिक विद्यालय कंपोजिट (1st) पर आयोजित हुई, जिसकी अध्यक्षता नगर पंचायत सभासद अमरनाथ और विद्यालय प्रबंध समिति (SMC) की अध्यक्ष श्रीमती मधु ने की।
मुख्य अतिथियों का सम्मान और माताओं को मिला विशेष आदर
अभिभावक शिक्षक बैठक, कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथियों को सम्मानित कर की गई। स्मृति चिन्ह और गिफ्ट देकर उन्हें मंच पर बुलाया गया। इस दौरान विद्यालय की इंचार्ज एवं एसआरजी मीना पुष्कर ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा, “यह विद्यालय अब सिर्फ पढ़ाई का केंद्र नहीं रहा, बल्कि समाज को शिक्षित करने का केंद्र बनता जा रहा है।” उनकी इस सोच को मंच पर बैठे सभी अधिकारियों और आगंतुकों ने सराहा।
सरकार की योजनाएं और बच्चों के लिए शिक्षा का संकल्प
मीना पुष्कर ने माताओं को संबोधित करते हुए बताया कि वर्तमान सरकार शिक्षा के क्षेत्र में पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, “सरकार की मंशा है कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। इसके लिए मुफ्त पुस्तकें, ड्रेस, मिड डे मील और डिजिटल लर्निंग जैसे कई प्रयास किए जा रहे हैं।”
इस मौके पर उन्होंने माताओं से कहा कि वे अपने बच्चों को नियमित विद्यालय भेजें और उनकी पढ़ाई में रुचि लें। उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि अभिभावक-शिक्षक संवाद बच्चों की प्रगति के लिए बेहद आवश्यक है।
खेल-खेल में शिक्षा की अपील
मीना पुष्कर ने शिक्षकों से भी संवाद किया और कहा, “बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें, लेकिन वह पढ़ाई बोझ न बने। खेल-खेल में शिक्षा का जो तरीका है, वह आज की जरूरत है।” इसी क्रम में उन्होंने निपुण भारत मिशन के तहत कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को भी साझा किया।
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स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों में माता-पिता की भागीदारी
बैठक में आगामी 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस समारोह की रूपरेखा भी रखी गई। माताओं और अभिभावकों से आग्रह किया गया कि वे इस आयोजन में सहभागी बनें, ताकि बच्चों में देशभक्ति की भावना और अधिक प्रबल हो। विद्यालय की तरफ से यह भी कहा गया कि बच्चों की विद्यालय में उपस्थिति और ठहराव शत-प्रतिशत सुनिश्चित करने के लिए एक सामूहिक प्रयास जरूरी है।
अभिभावकों से संवाद बनाए रखने की अपील
मीना पुष्कर ने सभी शिक्षकों को निर्देशित किया कि वे समय-समय पर बच्चों के अभिभावकों से संपर्क करें और उन्हें बच्चों की प्रगति से अवगत कराएं। हर बच्चा नियमित विद्यालय आए, इसके लिए अभिभावक-शिक्षक संवाद को मजबूत करना बेहद आवश्यक है।
अभिभावकों ने रखे अपने विचार
अभिभावक शिक्षक बैठक में उपस्थित कई अभिभावकों ने भी मंच से अपने विचार साझा किए। उन्होंने विद्यालय की शिक्षा पद्धति और शिक्षक-शिक्षिकाओं के समर्पण की सराहना की। कुछ माताओं ने कहा कि पहले वे बच्चों की पढ़ाई को लेकर उतनी जागरूक नहीं थीं, लेकिन अब वे समझ रही हैं कि शिक्षा ही जीवन को बदल सकती है।
बच्चों और माताओं को गिफ्ट से किया गया सम्मानित
अभिभावक शिक्षक बैठक के अंत में विद्यालय में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को गिफ्ट देकर सम्मानित किया गया। इसी के साथ उपस्थित माताओं को भी सम्मान स्वरूप उपहार भेंट किए गए। यह एक प्रेरणात्मक पहल थी, जिससे माताओं को यह संदेश गया कि वे भी समाज के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
अभिभावक शिक्षक बैठक के बाद जलपान की व्यवस्था
कार्यक्रम के समापन के बाद सभी अतिथियों, शिक्षकों और अभिभावकों के लिए जलपान की व्यवस्था की गई। इस मौके पर सभी ने बैठकर आपसी संवाद किया और भविष्य में भी इसी प्रकार की बैठकों के आयोजन की सहमति जताई।
पूर्ण स्टाफ की उपस्थिति और समर्पण
अभिभावक शिक्षक बैठक में विद्यालय का समस्त स्टाफ पूरी निष्ठा और उत्साह के साथ मौजूद रहा। सभी शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि वे बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।
निष्कर्ष:
खेरागढ़ कंपोजिट विद्यालय की अभिभावक शिक्षक बैठक (पीटीएम) केवल एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं, बल्कि शिक्षा में समाज की सहभागिता का जीवंत उदाहरण बनी। माताओं की भागीदारी, सरकार की योजनाओं की जानकारी, बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की चिंता और शिक्षकों की प्रेरणादायक बातें, इन सबने मिलकर इस बैठक को खास बना दिया।
इस आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर माता-पिता, शिक्षक और प्रशासन मिलकर काम करें तो शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति संभव है। निपुण भारत मिशन और माता उन्मुखीकरण कार्यक्रम जैसे प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों को नई दिशा दे रहे हैं।
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