तोरिया बीज मिनीकिट के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू
किसान तोरिया बीज मिनीकिट योजना 2025

तोरिया बीज मिनीकिट (लाही) पाने का सुनहरा अवसर, 1 से 15 अगस्त तक करें ऑनलाइन आवेदन
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक राहत भरी खबर है। प्रदेश सरकार और कृषि विभाग की ओर से निःशुल्क तिलहन बीज मिनीकिट वितरण, प्रदर्शन एवं प्रसार कार्यक्रम के अंतर्गत तोरिया (लाही) की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निःशुल्क तोरिया बीज मिनीकिट वितरित किए जाएंगे। इस योजना के तहत इच्छुक किसान 01 अगस्त 2025 से 15 अगस्त 2025 तक विभागीय पोर्टल agridarshan.up.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
क्या है तोरिया (लाही) बीज मिनीकिट योजना?
तोरिया जिसे स्थानीय रूप में लाही भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है, जिससे तेल निकाला जाता है। इसे रबी सीजन में बोया जाता है और इसकी उपज जल्दी तैयार होती है। किसानों की आमदनी बढ़ाने और तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के उद्देश्य से सरकार यह बीज निःशुल्क दे रही है।
प्रत्येक किसान को दो किलोग्राम का एक तोरिया बीज मिनीकिट मिलेगा, जिससे वे अपने खेत में तोरिया की बुआई कर सकते हैं।
आवेदन की तिथि और प्रक्रिया
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आवेदन प्रारंभ: 01 अगस्त 2025
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अंतिम तिथि: 15 अगस्त 2025
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ऑनलाइन पोर्टल: agridarshan.up.gov.in
ऑनलाइन आवेदन पूरी तरह पारदर्शी प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। किसान को अपना विवरण विभागीय पोर्टल पर दर्ज कराना होगा। यदि आवेदन निर्धारित लक्ष्य से अधिक आते हैं, तो लाभार्थियों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा।
पात्रता शर्तें
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किसान का कृषि विभाग पोर्टल पर पंजीकरण होना अनिवार्य है।
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केवल एक किसान को एक ही मिनीकिट दिया जाएगा।
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किसान के पास कृषि योग्य भूमि होना आवश्यक है।
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पूर्व में लाभ न लिया हो या नियमानुसार पात्र हो।
बीज वितरण की प्रक्रिया
चयनित लाभार्थियों को बीज वितरण के लिए POS मशीन (Point of Sale) के माध्यम से संबंधित राजकीय कृषि बीज भंडार से मिनीकिट वितरित किए जाएंगे। इससे पूरी प्रक्रिया डिजिटल और ट्रेस योग्य होगी।
किसानों को मिलेंगे ये लाभ
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उच्च गुणवत्ता वाला बीज निःशुल्क
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तोरिया फसल से तेल उत्पादन में वृद्धि
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लागत में कमी और मुनाफे में बढ़ोतरी
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सरकार द्वारा प्रायोजित तकनीकी मार्गदर्शन
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प्राकृतिक खेती और जल संरक्षण को बढ़ावा
क्यों जरूरी है तिलहन उत्पादन?
भारत में आज भी खाद्य तेल की बहुत बड़ी मात्रा आयात की जाती है, जिससे देश पर आर्थिक बोझ पड़ता है। तिलहन फसलों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत अभियान को बल देने का प्रयास किया जा रहा है। तोरिया जैसी फसलों से न केवल किसानों की आय में इज़ाफा होगा बल्कि देश की तेल आपूर्ति श्रृंखला भी मजबूत होगी।
कैसे करें ऑनलाइन आवेदन?
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अपने मोबाइल या कंप्यूटर से agridarshan.up.gov.in खोलें।
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“तोरिया बीज मिनीकिट के लिए आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें।
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अपना पंजीकरण नंबर, आधार नंबर, और आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड करें।
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सत्यापन के बाद सबमिट करें।
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आवेदन की प्राप्ति पावती (Acknowledgement Slip) डाउनलोड करें।
विशेषज्ञों की राय
कृषि विज्ञान केंद्र, बिचपुरी के विशेषज्ञों के अनुसार, तोरिया की बुआई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है और यह जल्दी पकने वाली फसल है। यह कम पानी में भी अच्छी उपज देती है और इसकी तोरिया बीज मिनीकिट प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर है। साथ ही, यह फसल मिट्टी की उर्वरता को भी बनाए रखती है।
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अधिकारियों की अपील
आगरा जनपद के जिला कृषि अधिकारी ने सभी पात्र किसानों से अपील की है कि वे समय रहते आवेदन करें ताकि उन्हें योजना का लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि विभागीय निगरानी टीम पूरे वितरण कार्यक्रम की ऑनलाइन निगरानी करेगी और किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार की संभावना शून्य होगी।
सहायता हेतु संपर्क
यदि आवेदन करते समय कोई तकनीकी समस्या आती है, तो किसान विभागीय हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी कृषि सूचना केंद्र पर संपर्क कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सरकार द्वारा किसानों के हित में लाई गई यह योजना न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरणीय संतुलन और देश की खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण है। समय पर आवेदन कर, किसान तोरिया बीज मिनीकिट योजना 2025 का पूरा लाभ उठा सकते हैं।