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आगरा में औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण, नहीं मिला अनियमितता का मामला

औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण

आगरा में जिलाधिकारी के निर्देश पर औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण – अनुदानित यूरिया के दुरुपयोग का मामला नहीं

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा, 12 अगस्त 2025

जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी के निर्देश पर, शहर की औद्योगिक इकाइयों में अनुदानित नीम-कोटेड यूरिया के संभावित दुरुपयोग की जांच के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत 3 विशेष टीमों का गठन किया गया, जिन्होंने 10 प्रमुख औद्योगिक इकाइयों में निरीक्षण किया।

जांच के दौरान, किसी भी इकाई में नाइट्रोजिनस कंपाउंड, टेक्निकल ग्रेड यूरिया या फॉर्मेल्डीहाइड यूरिया के स्थान पर अनुदानित यूरिया के ग़ैरकानूनी इस्तेमाल का कोई मामला सामने नहीं आया।

जांच टीम का गठन और जिम्मेदारियां

जिलाधिकारी के निर्देशानुसार गठित तीनों टीमों में शामिल थे:

  • अपर नगर मजिस्ट्रेट – प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय

  • उप कृषि निदेशक

  • जिला कृषि अधिकारी

  • सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक (सहकारिता)

  • उप संभागीय कृषि प्रसार अधिकारी, एत्मादपुर

  • उद्योग विभाग के अधिकारी

इन अधिकारियों का दायित्व था कि वे औद्योगिक इकाइयों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि अनुदानित नीम-कोटेड यूरिया, जो किसानों के लिए सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है, उसे औद्योगिक उत्पादन में रॉ मटेरियल के रूप में उपयोग न किया जाए।

औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण, जिलाधिकारी, अरविन्द मल्लप्पा बंगारी

निरीक्षण की गई प्रमुख औद्योगिक इकाइयाँ

निरीक्षण के दौरान टीमों ने जिन 10 औद्योगिक इकाइयों का दौरा किया, उनमें शामिल हैं:

  1. मै० अनिल पेन्टस, ई-12, फाउण्ड्री नगर, आगरा

  2. मै० मिली अग्रवाल, सी-61, फाउण्ड्री नगर, आगरा

  3. मै० बंसल एग्रो फूड, रामबाग, आगरा

  4. मै० शक्ति फीड्स, रामबाग, आगरा

  5. मै० विन्को पेन्ट्स, रहनकला रोड, कुबेरपुर, आगरा

  6. मै० बालमुकुन्द रमेशचन्द सोप मैन्यूफैक्चर, फतेहाबाद रोड, आगरा

  7. मै० सेफकोन लाई साइंसेस, बी-36, औद्योगिक क्षेत्र ई.पी.आई.पी., शास्त्रीपुरम, आगरा

  8. मै० स्टक कैमिकल प्रा. लि., ई-4, साईट-सी, सिकंदरा, आगरा

  9. मै० श्री आर.आर. बायोफ्यूल इंडस्ट्रीज, आगरा

  10. मै० सलीन पेन्टस, कुबेरपुर, आगरा

निरीक्षण की प्रक्रिया

निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने:

  • कच्चे माल (Raw Material) के रिकॉर्ड की जांच की

  • उत्पादन प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले रसायनों का सैंपल लिया

  • स्टॉक रजिस्टर और परचेज-बिल्स की जांच की

  • कर्मचारियों से बातचीत कर जानकारी ली

टीम का मुख्य उद्देश्य यह देखना था कि कहीं अनुदानित यूरिया को कृषि उपयोग के बजाय औद्योगिक निर्माण में तो नहीं लगाया जा रहा।

औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण, जिलाधिकारी, अरविन्द मल्लप्पा बंगारी

निरीक्षण का परिणाम – कोई गड़बड़ी नहीं

जांच के बाद यह स्पष्ट हुआ कि:

  • किसी भी निरीक्षित औद्योगिक इकाई में अनुदानित नीम-कोटेड यूरिया का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था।

  • सभी इकाइयों में केवल अधिकृत रसायन और अनुमोदित कच्चा माल ही प्रयोग में लाया जा रहा था।

  • नाइट्रोजिनस कंपाउंड, फॉर्मेल्डीहाइड यूरिया या टेक्निकल ग्रेड यूरिया के स्थान पर सब्सिडी वाले यूरिया के उपयोग का कोई सबूत नहीं मिला।

जांच जारी रहेगी

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह केवल प्रारंभिक निरीक्षण था।
अभी बाकी औद्योगिक इकाइयों का भी क्रमवार निरीक्षण किया जाएगा।
जिन इकाइयों में अनियमितता पाए जाने की संभावना होगी, वहां कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

जिलाधिकारी का बयान

जिलाधिकारी अरविन्द मल्लप्पा बंगारी ने कहा:

“हम किसानों के हितों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। अनुदानित यूरिया केवल कृषि कार्यों के लिए है, और उसका औद्योगिक उपयोग एक गंभीर अपराध है। निरीक्षण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह मूल्यवान संसाधन सही जगह पर पहुंचे।”

उन्होंने साथ ही उद्योगपतियों को सचेत किया कि किसी भी तरह की अनियमितता पकड़े जाने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण, जिलाधिकारी, अरविन्द मल्लप्पा बंगारी

क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?

  • अनुदानित नीम-कोटेड यूरिया सरकार द्वारा किसानों को कम कीमत पर दिया जाता है ताकि कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिल सके।

  • यदि इसे उद्योगों में उपयोग कर लिया जाए, तो किसानों को यह उपलब्ध नहीं हो पाता, जिससे फसल उत्पादन प्रभावित होता है।

  • यूरिया के डायवर्जन को रोकना खाद्य सुरक्षा और किसानों के आर्थिक हित दोनों के लिए आवश्यक है।

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औद्योगिक इकाइयों का सहयोग

निरीक्षण के दौरान अधिकांश औद्योगिक इकाइयों ने प्रशासन के साथ पूरा सहयोग किया।
उन्होंने अपने उत्पादन प्रोसेस और रॉ मटेरियल की जानकारी खुलकर साझा की।
इससे जांच तेजी और पारदर्शिता के साथ पूरी हो सकी।

आगे की योजना

जिला प्रशासन अगले कुछ दिनों में:

  • बाकी औद्योगिक क्षेत्रों का औचक निरीक्षण करेगा

  • कृषि विभाग और उद्योग विभाग की संयुक्त रिपोर्ट तैयार करेगा

  • संदिग्ध इकाइयों पर विशेष निगरानी रखेगा

निष्कर्ष

जिलाधिकारी के नेतृत्व में चल रहा यह निरीक्षण अभियान आगरा में औद्योगिक पारदर्शिता और किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए एक सराहनीय कदम है।
अब तक की जांच में भले ही कोई गड़बड़ी सामने न आई हो, लेकिन प्रशासन की सख्ती ने यह संदेश जरूर दे दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए यहां कोई जगह नहीं।

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