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आगरा: बैंक ऋण वितरण की धीमी प्रगति पर CDO ने दिए निर्देश

सभी बैंकों को 1 सप्ताह में सुधार के आदेश

आगरा: बैंकर्स मीटिंग में ऋण वितरण की धीमी प्रगति पर सख्त रुख, सीडीओ प्रतिभा सिंह ने एक सप्ताह में सुधार के दिए निर्देश

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)-

आगरा | दिनांक: 31 जुलाई 2025

आगरा। जिला प्रशासन द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैंकर्स समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह ने बैंकों की ऋण वितरण प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़ी हिदायतें दीं। उन्होंने कहा कि शासन की योजनाओं के तहत पात्र लाभार्थियों को ऋण समयबद्ध रूप से मिले, यह सुनिश्चित करना बैंकों की जिम्मेदारी है।

बैठक में लीड बैंक मैनेजर एवं समस्त बैंक जिला समन्वयक उपस्थित रहे, जिनसे विभागवार ऋण वितरण की स्थिति पर फीडबैक लिया गया और प्रगति की समीक्षा की गई।

मुख्य बिंदु: सरकारी योजनाओं की ऋण वितरण पर रही चर्चा

बैठक में निम्नलिखित प्रमुख योजनाओं को लेकर गहन समीक्षा की गई:

  1. प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना (PMFME)उद्यान विभाग

  2. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजनाउद्योग विभाग

  3. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनाकृषि विभाग

  4. समूह (CCL) ऋण योजनाएनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन)

  5. किसान क्रेडिट कार्ड योजनापशुपालन एवं मत्स्य विभाग

इन योजनाओं के लाभार्थियों को बैंक से ऋण मिलने में जो बाधाएं आ रही हैं, उनके समाधान हेतु बैंकवार समीक्षा की गई। बैठक में यह सामने आया कि कई बैंकों की ऋण वितरण प्रगति अत्यंत धीमी है, जिससे पात्र हितग्राही योजनाओं से वंचित रह जा रहे हैं।

बैंक, ऋण वितरण

सीडीओ ने जताई नाराज़गी, दिए समयबद्ध निर्देश

मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रतिभा सिंह ने कहा:

“वित्तीय समावेशन और रोजगार सृजन जैसे संवेदनशील विषयों में देरी अस्वीकार्य है। जिन बैंकों की ऋण वितरण प्रगति संतोषजनक नहीं है, वे एक सप्ताह के भीतर ठोस सुधार दिखाएं। अन्यथा कार्रवाई तय है।”

उन्होंने आगे कहा कि योजनाओं का लाभ ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं, महिलाओं, किसानों और स्वरोजगार चाहने वालों को मिलना चाहिए। इसके लिए बैंक, विभाग और प्रशासन को एकजुट होकर काम करना होगा।

किस योजना में क्या रही स्थिति?

PMFME योजना – सूक्ष्म उद्यमियों को बढ़ावा

उद्यान विभाग द्वारा संचालित PMFME योजना का उद्देश्य ग्रामीण खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को सशक्त बनाना है। योजना के अंतर्गत पात्र आवेदकों को 10 लाख रुपए तक के ऋण पर सब्सिडी दी जाती है। परंतु समीक्षा में पाया गया कि बैंकों द्वारा ऋण स्वीकृति दर अपेक्षाकृत कम रही है।

मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना – स्टार्टअप्स को संबल

यह योजना उद्योग विभाग के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ने की कोशिश करती है। इस योजना में भी कई आवेदन प्रतीक्षा सूची में अटके हुए हैं।

फसल बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड – किसानों की रीढ़

कृषि, पशुपालन और मत्स्य विभाग की योजनाएं किसानों को ऋण सुविधा और बीमा सुरक्षा देती हैं। परंतु रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि KCC आवेदनों का तेजी से निस्तारण नहीं हुआ, जिससे ग्रामीण किसानों में असंतोष की स्थिति है।

CCL योजना – महिला समूहों को ऋण सुविधा

एनआरएलएम विभाग की CCL योजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों को कार्यशील पूंजी के रूप में ऋण उपलब्ध कराया जाता है। समीक्षा में यह पाया गया कि कई बैंक समूहों के साथ समन्वय में कमी के कारण प्रक्रिया अधूरी छोड़ रहे हैं

बैंक, ऋण वितरण

बैंकों को दिए गए सुझाव व समाधानात्मक दिशा

मुख्य विकास अधिकारी ने बैंकों को सुझाव दिए कि:

  • लाभार्थी सूची का जल्द सत्यापन करें

  • बैकलॉग को प्राथमिकता से निपटाएं

  • विभागीय अधिकारियों के साथ नियमित बैठक करें

  • ग्राम पंचायत स्तर पर कैंप लगाकर ऋण स्वीकृति करें

  • डिजिटल पोर्टल पर आवेदनों की निगरानी बढ़ाएं

उन्होंने कहा कि सभी बैंक अपने-अपने नोडल अधिकारियों को सक्रिय करें, और यह सुनिश्चित करें कि सरकार की मंशा के अनुरूप गरीब, किसान और युवा को समय पर सहायता मिले

समन्वय और निगरानी होगी मजबूत

बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रत्येक योजना की साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी और प्रगति रिपोर्ट सीधे मुख्य विकास अधिकारी को प्रेषित की जाएगी। इसके अलावा, जिलास्तरीय योजनाओं की स्थिति की रिपोर्ट लीड बैंक अधिकारी नियमित रूप से साझा करेंगे।

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प्रस्तावित आगामी कदम:

  • सभी बैंकों को विकासखंडवार लक्ष्यों के अनुसार अगले 7 दिनों में कार्य करना होगा।

  • बैकलॉग वाले आवेदनों की सूची मुख्यालय को सौंपी जाएगी।

  • सीएलएफ और बैंक शाखा प्रतिनिधियों की बैठक 5 अगस्त से पहले होगी।

  • डिजिटल ऋण आवेदन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाएगा।

समीक्षा बैठक में ये अधिकारी रहे उपस्थित

  • मुख्य विकास अधिकारी – श्रीमती प्रतिभा सिंह

  • लीड बैंक मैनेजर,

  • कृषि, उद्यान, पशुपालन, उद्योग, मत्स्य, एनआरएलएम, बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, ग्रामीण बैंक सहित अन्य बैंकों के जिला समन्वयक

निष्कर्ष

आगरा में हुई यह बैंकर्स समीक्षा बैठक प्रशासन की उन प्राथमिकताओं में से एक रही, जिसका सीधा संबंध जन कल्याण और वित्तीय समावेशन से है।
मुख्य विकास अधिकारी द्वारा समयबद्ध निर्देशों से यह स्पष्ट है कि अब योजनाओं के लाभार्थियों को ऋण वितरण में अनावश्यक देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

सरकार की मंशा है कि हर पात्र व्यक्ति तक योजना पहुंचे, और हर लाभार्थी तक ऋण समय पर—अब यह लक्ष्य तभी पूरा होगा जब बैंक, विभाग और प्रशासन तीनों एकसाथ मिलकर सक्रिय रूप से कार्य करेंगे।

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