कागारौल में 19 नवंबर को लगेगी सांसद जन चौपाल | राजकुमार चाहर करेंगे तीन तहसीलों की समस्याओं की सुनवाई
फतेहपुर सीकरी लोकसभा के सांसद राजकुमार चाहर 19 नवंबर को कागारौल, खेरागढ़ में सांसद जन चौपाल लगाएंगे। तीन तहसीलों की समस्याओं पर सीधी सुनवाई होगी और विभिन्न विभाग मौके पर समाधान देंगे। पूरी विस्तृत रिपोर्ट पढ़ें।

खेरागढ़ तहसील के कागारौल में 19 नवंबर को लगेगी सांसद जन चौपाल
फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र में विकास, जनसुनवाई और सरकारी योजनाओं की समीक्षा का बड़ा मंच तैयार
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़)
आगरा | 16 नवम्बर 2025
फतेहपुर सीकरी लोकसभा क्षेत्र के लिए आगामी 19 नवंबर 2025 का दिन बेहद अहम होने जा रहा है।
लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर कागारौल, तहसील खेरागढ़ में एक व्यापक सांसद जन चौपाल का आयोजन करने जा रहे हैं।
यह चौपाल श्री रघुनाथ जी के बड़े मंदिर प्रांगण में सुबह 11 बजे से प्रारंभ होगी।
यह जन चौपाल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि क्षेत्रीय जनसुनवाई, त्वरित समाधान और विकास के लिए तैयार किया गया एक बहु-विभागीय सार्वजनिक संवाद मंच है, जिसमें समाज–प्रशासन–जनप्रतिनिधि एक साथ बैठकर समस्याओं का समाधान तलाशेंगे।
कागारौल—तीन तहसीलों की समस्याओं का मिलन बिंदु
कागारौल की भौगोलिक स्थिति इसे खेरागढ़, सदर और किरावली—इन तीनों तहसीलों का रणनीतिक केंद्र बनाती है।
इसी वजह से यह क्षेत्र:
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कृषि आधारित ग्रामीण इलाकों
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घनी आबादी वाले गांवों
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सड़क व सिंचाई समस्याओं
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राजस्व और चकरोड विवाद
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पेयजल, बिजली और आवास योजनाओं
के समाधान के लिए एक सर्वोत्तम स्थान माना जाता है।
सांसद स्तर पर इस प्रकार की जन चौपालें ग्रामीण जनता को सीधे सशक्त करती हैं, क्योंकि यहाँ समस्या को सुनने और समाधान देने के बीच कोई दूरी नहीं रहती।
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जन चौपाल का उद्देश्य—जनता के मुद्दे सीधे सांसद और प्रशासन के सामने
सांसद राजकुमार चाहर का यह मॉडल “जनता के बीच जाकर शासन” की नीति का प्रभावी रूप है।
इस चौपाल का मुख्य उद्देश्य है:
✔ बिना देरी के सीधे समस्याएँ सुनना
ग्रामीण जनता की शिकायतें अक्सर कागजी कार्रवाई या विभागीय देरी में अटक जाती हैं। जन चौपाल इस बाधा को खत्म करती है।
✔ प्रशासनिक अधिकारियों का मौके पर समाधान
हर विभाग के अधिकारी कार्यक्रम स्थल पर अपनी टीम के साथ मौजूद रहेंगे।
✔ सरकारी योजनाओं की जानकारी और पात्रता जाँच
प्रधानमंत्री आवास, किसान सम्मान निधि, वृद्धावस्था पेंशन, उज्ज्वला, जल जीवन मिशन, खाद्यान्न, कृषि बीमा—
हर योजना की जानकारी वहीं दी जाएगी।
✔ क्षेत्र की विकास परियोजनाओं की समीक्षा
सड़कों, पुलों, जलापूर्ति, विद्युत ट्रांसफार्मर, स्वास्थ्य सुविधाओं और कृषि सिंचाई कार्यों की समीक्षा भी चौपाल का हिस्सा बनेगी।
कैसा रहेगा जन चौपाल का वातावरण? – वास्तविक दृश्य का अनुमान
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सांसद के सामने जनता के बैठने की व्यवस्था
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जिला प्रशासन, तहसील प्रशासन और विभागीय अधिकारी अलग-अलग डेस्क पर
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आवेदन प्राप्त करने हेतु काउंटर
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स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, बिजली विभाग, पुलिस विभाग, सिंचाई और राजस्व विभाग के प्रतिनिधि
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महिलाओं, किसानों, बुजुर्गों और छात्रों के लिए अलग कतार
कई ग्रामीण लोग अपने आवेदन, खतौनी विवाद, आय-जाति प्रमाण पत्र से जुड़ी समस्याएँ, चौधरी विवाद, पीएम आवास की पात्रता, बिजली बिल त्रुटियाँ, पेंशन अटकी फाइलें—इन सभी के समाधान के लिए आएँगे।
अक्सर जन चौपाल में त्वरित आदेश जारी होते हैं और कई समस्याएँ उसी दिन हल भी हो जाती हैं।
सांसद राजकुमार चाहर: “जन चौपाल जनता की आवाज़ को सीधे संसद तक ले जाने का माध्यम”
सांसद ने क्षेत्रीय लोगों से अपील करते हुए कहा—
“केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ आप तक समय पर पहुँचे, यही हमारा संकल्प है।
आप अपनी समस्याएँ, सुझाव और योजनाओं से जुड़ी मांगें लेकर अधिक संख्या में जन चौपाल में अवश्य आएँ।”
उन्होंने कहा कि जन चौपाल से उन्हें ग्रामीण वास्तविकताओं को निकट से समझने का अवसर मिलता है—
क्या काम जमीन पर हुआ?
कहाँ कमी है?
किस क्षेत्र को प्राथमिकता चाहिए?
इन सभी प्रश्नों के उत्तर उन्हें जनता से सीधे मिलते हैं।
क्यों जरूरी है जन चौपाल?—गहराई से समझें
जन चौपाल ग्रामीण भारत के लिए प्रशासनिक पुल की तरह काम करती है।
इसका महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि:
सरकारी दफ्तरों तक पहुँच हर किसी के लिए आसान नहीं
कई वृद्ध, महिलाएँ, मजदूर और किसान दैनिक कार्यों के कारण कार्यालयों तक नहीं जा पाते।
कागजी जटिलताओं से छुटकारा
एक ही मंच पर अधिकारी उपलब्ध होते हैं, जिससे प्रक्रियाएँ तेज होती हैं।
विकास योजनाओं की पारदर्शिता
यह मंच जनता को यह देखने का अवसर देता है कि कौन सा विभाग कितना कार्य कर रहा है।
सामाजिक जुड़ाव
जन प्रतिनिधियों का सीधा संवाद ग्रामीण लोगों में विश्वास बढ़ाता है।
कौन–कौन से विभाग रहेंगे खास फोकस में?
इस जन चौपाल में निम्न विभागों की समस्याएँ सबसे अधिक उठने की संभावना है—
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राजस्व विभाग: चकरोड, सीमांकन, अतिक्रमण
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विद्युत विभाग: बिल सुधार, ट्रांसफार्मर, ओवरलोड
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ग्राम पंचायत: सफाई, स्ट्रीट लाइट, नाली–नाला कार्य
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कृषि विभाग: फसल बीमा, खाद–बीज, सिंचाई
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स्वास्थ्य विभाग: टीकाकरण, दवा उपलब्धता
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पेंशन विभाग: वृद्धावस्था, विधवा, दिव्यांग पेंशन
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आवास विभाग: पीएम आवास पात्रता जाँच
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पुलिस विभाग: स्थानीय विवाद, शिकायतें
यह जन चौपाल प्रभावी समाधान का एक बड़ा प्लेटफॉर्म बनेगी।
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