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आगरा में लीगल एड क्लीनिक का उद्घाटन, सेवानिवृत्त सैनिकों को राहत

लीगल एड क्लीनिक का उद्घाटन

आगरा में लीगल एड क्लीनिक का भव्य उद्घाटन, सेवानिवृत्त सैनिकों को मिलेगी निशुल्क विधिक सहायता

 

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा। जनसामान्य तक न्याय पहुंचाने की दिशा में एक और ठोस कदम बढ़ाते हुए, आगरा में आज लीगल एड क्लीनिक का उद्घाटन किया गया। इस क्लीनिक की स्थापना जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगरा द्वारा की गई है, जिसका शुभारंभ डॉक्टर दिव्यानंद द्विवेदी, अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा फीता काटकर किया गया।

यह कार्यक्रम 05 अगस्त 2025 को कलेक्ट्रेट परिसर स्थित सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय (गेट नंबर 1) में आयोजित हुआ। इस दौरान कैप्टन सुनील कुमार (जिला सैनिक कल्याण अधिकारी), पराविधिक स्वयंसेवक, सेवानिवृत्त सैनिकगण, व अन्य अतिथिगण मौजूद रहे।

विधिक सहायता को सरल और सुलभ बनाने की पहल

कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के उस वर्ग तक निःशुल्क विधिक सहायता पहुंचाना है, जो सामान्यतः महंगे वकीलों और कानूनी प्रक्रिया से दूरी बनाए रखते हैं। खासकर सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए यह क्लीनिक एक बड़ी राहत साबित होगी, जिन्हें कभी-कभी पेंशन, ज़मीन, सेवा-सम्बंधी विवाद या पारिवारिक मामलों में कानूनी मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है।

डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी ने अपने उद्घाटन संबोधन में बताया:

“यह क्लीनिक सिर्फ भवन नहीं, बल्कि एक संविधानिक संकल्प है – कि कोई भी नागरिक विधिक सेवा से वंचित न रहे। नालसा (NALSA) और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सहयोग से यह प्रयास लगातार जारी रहेगा।”

क्या है लीगल एड क्लीनिक?

लीगल एड क्लीनिक एक ऐसा केंद्र है जहाँ पर लोग बिना किसी शुल्क के कानूनी सलाह और सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह क्लीनिक सप्ताह के निर्धारित दिनों में खुलेगा और वहाँ पर प्रशिक्षित परा-विधिक स्वयंसेवक (PLVs) एवं अधिवक्ता उपस्थित रहेंगे, जो केस की जानकारी लेकर उपयुक्त विधिक परामर्श देंगे।

आगरा में , लीगल एड क्लीनिक, का उद्घाटन

 

टॉल फ्री हेल्पलाइन 15100: घर बैठे विधिक सहायता

डॉ. द्विवेदी ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति क्लीनिक नहीं आ सकता, तो वह टॉल फ्री नंबर 15100 पर कॉल करके भी घर बैठे विधिक सलाह प्राप्त कर सकता है। यह हेल्पलाइन NALSA (National Legal Services Authority) द्वारा संचालित की जाती है और इसका मकसद देश के कोने-कोने में विधिक सेवा पहुंचाना है।

सैनिकों की समस्याओं के लिए विशेष फोकस

इस लीगल एड क्लीनिक को सैनिक कल्याण बोर्ड कार्यालय में स्थापित किया गया है, ताकि पूर्व सैनिकों और उनके परिवारजनों की कानूनी समस्याओं को आसानी से समझा और सुलझाया जा सके।

कैप्टन सुनील कुमार, जो कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी हैं, ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा:

“यह हमारे बहादुर सैनिकों के लिए एक न्याय का द्वार है। कई बार उन्हें कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ते हैं, पर अब वे यहीं समाधान पा सकेंगे।”

विधिक सेवा का संवैधानिक आधार

भारत का संविधान अनुच्छेद 39A के तहत राज्य को यह जिम्मेदारी सौंपता है कि वह विधिक सहायता प्रदान करे ताकि कोई भी व्यक्ति आर्थिक या सामाजिक कारणों से न्याय पाने से वंचित न रह जाए। इसी सिद्धांत को मूर्तरूप देने के लिए NALSA और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण देश भर में लीगल एड क्लीनिक की स्थापना कर रहे हैं।

मुख्य उद्देश्य:

  • सेवा निवृत्त सैनिकों, विधवाओं, वृद्धजनों, दिव्यांगों, महिलाओं, बच्चों को प्राथमिकता देना

  • कानूनी जागरूकता बढ़ाना

  • मुकदमों से पूर्व समाधान की पहल

  • लोक अदालतों और मध्यस्थता के माध्यम से त्वरित न्याय

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किस प्रकार की सहायता मिलेगी?

क्लीनिक में निम्नलिखित कानूनी समस्याओं पर सहायता दी जाएगी:

  • पेंशन/सेवा संबंधी विवाद

  • संपत्ति विवाद

  • पारिवारिक विवाद (विवाह, तलाक, भरण-पोषण)

  • घरेलू हिंसा

  • उपभोक्ता मामले

  • दुर्घटना मुआवजा

  • भूमि संबंधी विवाद

  • पुलिस/प्रशासनिक कार्रवाई के विरुद्ध सहायता

कार्यक्रम की झलकियाँ:

  • डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी द्वारा फीता काटकर उद्घाटन

  • सेवानिवृत्त सैनिकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति

  • पराविधिक स्वयंसेवकों द्वारा क्लीनिक की जानकारी देना

  • सैनिक कल्याण बोर्ड और विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त प्रयास की सराहना

आगरा में, लीगल एड क्लीनिक, का उद्घाटन

 

भविष्य की योजनाएँ:

  • शहर के अन्य क्षेत्रों में भी क्लीनिक खोलने की योजना

  • मोबाइल लीगल एड क्लीनिक की शुरुआत

  • डिजिटल क्लीनिक की संभावनाओं पर विचार

  • विधिक साक्षरता शिविरों की निरंतर श्रृंखला

निष्कर्ष:

आगरा में स्थापित यह लीगल एड क्लीनिक, न्याय तक पहुंच के अधिकार को एक वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह प्रयास न केवल सेवानिवृत्त सैनिकों बल्कि हर उस नागरिक के लिए न्याय की किरण बन सकता है, जो अभी तक कानूनी सहायता से वंचित है। अतः कोई भी व्यक्ति विधिक सेवा से वंचित न रहे।

(डॉ. दिव्यानंद द्विवेदी)
अपर जिला जज/सचिव,
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण,
आगरा

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