Haryana- मनुमुक्त ‘मानव’ ट्रस्ट द्वारा प्रथम हरियाणवी कवि-सम्मेलन आयोजित, छह‌ देशों के डेढ़ दर्जन कवियों ने की सहभागिता

 

“धरम-करम का पालणा, अड़ै गीता का उपदेस। सच म्हैं हरी का बास सै यो हरियाणा परदेस।”

 

नारनौल। मनुमुक्त ‘मानव’ मेमोरियल ट्रस्ट ने हरियाणा-दिवस के उपलक्ष्य में गत शाम प्रथम वर्चुअल ‘अंतरराष्ट्रीय हरियाणवी कवि-सम्मेलन’ का आयोजन कर एक नया इतिहास रच दिया। राज्य शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षक-कवि डॉ. जितेंद्र भारद्वाज द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना-गीत के उपरांत चीफ ट्रष्टी डॉ. रामनिवास ‘मानव’ के प्रेरक सान्निध्य तथा डॉ. पंकज गौड़ के कुशल संचालन में संपन्न हुए इस कवि-सम्मेलन में भारत, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, माॅरिशस, डेनमार्क और अमेरिका सहित छह देशों के लगभग डेढ़ दर्जन कवियों ने हरियाणी भाषा में काव्य-पाठ किया।कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि तथा ग्रामीण विकास विभाग, हरियाणा, चंडीगढ़ के निदेशक डॉ. जयकृष्ण आभीर ने हरियाणवी को जन-मानस की भाषा बताते हुए कहा कि इसमें हरियाणा की माटी की महक और संस्कृति की मिठास को सहज ही अनुभव किया जा सकता है।

 

विशिष्ट अतिथि तथा हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, पंचकूला के निदेशक डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी ने ट्रस्ट द्वाराहरियाणवी के विकास हेतु किये जा रहे प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि “हरियाणा का जनम-दिवस पै थमनै चाळा पाड़्य दिया। दूर-दूर का देसां म्हैं बी थमनैं लट्ठ-सा गाड़्य दिया।‌ बहम जगत का काढ दिया, चमकै बोली म्हारी रै।” विश्व बैंक, वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) की वरिष्ठ अर्थशास्त्री डॉ. एस अनुकृति ने हरियाणवी को अपनी मातृभाषा बताते हुए कहा कि प्रत्येक हरियाणावासी को इस पर गर्व होना चाहिए।

कोल इंडिया लिमिटेड के पूर्व महाप्रबंधक और वर्जीनिया (अमेरिका) से जुड़े वरिष्ठ कवि राजपाल यादव ‘राज’ ने अध्यक्षीय वक्तव्य में हरियाणवी भाषा और संस्कृति के महत्त्व को रेखांकित किया। ‘वो म्हारा हरियाणा देखो’ गीत के माध्यम से उनका कहना था- “खेल-खिलाड़ी का ओलंपिक मैं दमखम खूब दिखाणा देखो। जीत भतेरे मैडल, झंडा केसरिया फैराणा देखो।” आॅकलैंड (न्यूजीलैंड) के वरिष्ठ कवि रोहितकुमार हैप्पी ने भी अपने दोहों द्वारा इसी भावबोध को कुछ यूं स्पष्ट किया-दूध, दही अर राबड़ी सै म्हारी पैचाण। यो हरियाणा आपणा सै भारत की शान।।”

 

सिडनी (आस्ट्रेलिया) की कवयित्री डॉ. भावना कुंअर ने दुनियादारी की बात करते हुए अपनी गजल के माध्यम से कुछ यूं फरमाया- “जितणा सह्ता जावैगा, जग यो ओर सतावैगा। तुन्नैं खूब निभाया सै, इतणा कूंण निभावैगा।”

 

चर्चित स्तंभकार डॉ. सत्यवान सौरभ ने, हरियाणा प्रदेश का परिचय देते हुए, इसकी विशेषताएं कुछ यूं बताईं- “धरम-करम का पालणा, अड़ै गीता का उपदेस। सच म्हैं हरी का बास सै यो हरियाणा परदेस।” इससे पूर्व चीफ ट्रस्टी डॉ. रामनिवास ‘मानव’ ने हरियाणवी भाषा के स्वरूप और स्थिति पर प्रकाश डाला तथा अपने हरियाणवी दोहे प्रस्तुत किये। उनका एक दोहा देखिए- “चाह्ये घर-परिवार व्है, चाह्ये देस-समाज। हर माणस बेचैन सै, बेरा ना क्यूं आज।।”ज्ञातव्य है कि लगभग अढ़ाई घंटों तक चला यह हरियाणवी भाषा का प्रथम अंतरराष्ट्रीय कवि-सम्मेलन था, जिसे श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली।

 

इस अवसर पर वाशिंगटन डीसी (अमेरिका) के प्रो. सिद्धार्थ रामलिंगम, सिडनी (आस्ट्रेलिया) के प्रगीत कुंअर तथा भारत से ट्रस्टी डॉ. कांता भारती, दिल्ली की उर्वशी अग्रवाल ‘उर्वी’, हिसार की प्रियंका सौरभ, हिमांशु शर्मा और शगुन शर्मा, आदमपुर के डाॅ. नरेश कुमार, भिवानी के डॉ. रमाकांत शर्मा, महेंद्रगढ़ के राजेंद्र आर्य तथा नितिन यादव, सीमा रंगा, विपिन संधु आदि गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति महत्त्वपूर्ण रही।

Related Posts

AGRA- पीड़ित परिवार से मिले सांसद चाहर, पुलिस सख्त क़ानूनी कार्यवाई अमल में लाए – चाहर 

🌍 एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)   खेरागढ़ /आगरा। खेरागढ़ क्षेत्र में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म की हृदयविदारक घटना सामने आने के बाद, सांसद राजकुमार चाहर पीड़ित परिवार से…

Read more

AGRA-जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर रक्त संजीवनी कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) – आगरा। दिनांक 13 अप्रैल 2025 को निर्वाचन कर्मचारी वेलफेयर समिति उत्तर प्रदेश के द्वारा जलियांवाला बाग हत्याकांड में वीरगति को प्राप्त वीर सैनानियों एवं वीरांगनाओं…

Read more

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *