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खेरागढ़ के विद्यालय में गुरु पूर्णिमा पर सांस्कृतिक उत्सव

ज्ञान और गुरु की महिमा पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गूंज उठा विद्यालय परिसर

गुरु पूर्णिमा पर शिक्षकों का सम्मान कर बच्चों को उपहार स्वरूप वितरित की लेखन सामग्री

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आज दिनांक 10 जुलाई 2025 को जनपद आगरा के खेरागढ़ ब्लॉक के अंतर्गत स्थित प्राथमिक विद्यालय कछपुरा सरेंडा में गुरु पूर्णिमा पर्व का आयोजन बड़े ही श्रद्धा और सांस्कृतिक भावनाओं के साथ किया गया। विद्यालय प्रांगण को रंगोली और फूलों से सजाया गया, बच्चों और शिक्षकों ने पारंपरिक परिधान पहनकर इस उत्सव को और भी खास बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मां शारदे की वंदना से

कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के इंचार्ज प्रधानाध्यापक डॉ. सतीश कुमार द्वारा ज्ञान की देवी मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर की गई। उपस्थित सभी अभिभावकों और शिक्षकों ने “सरस्वती वंदना” के साथ कार्यक्रम को शुभारंभ किया।

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गुरु पूर्णिमा का महत्व: आध्यात्मिक और शैक्षणिक दृष्टिकोण

अपने संबोधन में प्रधानाध्यापक डॉ. सतीश कुमार ने कहा:

गुरु पूर्णिमा भारतीय परंपरा में न केवल धार्मिक बल्कि शैक्षिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन हमें जीवन में गुरु के महत्व का स्मरण कराता है, जिन्होंने हमें अंधकार से प्रकाश की ओर मार्गदर्शन दिया है।

उन्होंने यह भी बताया कि इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था।

अकादमिक रिसोर्स पर्सन सौरभ शर्मा का प्रेरणादायक उद्बोधन

ARP सौरभ शर्मा ने बच्चों, शिक्षकों और उपस्थित अभिभावकों को गुरु की महिमा समझाते हुए 5 मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

  1. गुरु का स्थान ईश्वर से ऊपर – जो ज्ञान का दीप जलाता है।

  2. आध्यात्मिक उन्नति – गुरु आत्मिक विकास के पथ प्रदर्शक हैं।

  3. गुरु-शिष्य संबंध – यह संबंध विश्वास और समर्पण पर आधारित है।

  4. वेदव्यास की महत्ता – जिन्होंने वेदों, पुराणों और महाभारत की रचना की।

  5. ज्ञान से जीवन परिवर्तन – गुरु सिर्फ विषय नहीं, जीवन जीने की कला सिखाते हैं।

शिक्षकों की सहभागिता और संदेश

शिक्षक राकेश कुमार और मोहित वर्मा ने अपने उद्बोधन में कहा कि गुरु पूर्णिमा वह दिन है, जब हमें अपने शिक्षक और मार्गदर्शकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट करनी चाहिए। उन्होंने छात्रों को सतत अध्ययन, अनुशासन और नैतिक मूल्यों पर चलने की प्रेरणा दी।

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छात्रों को भेंट स्वरूप लेखन सामग्री वितरित

कार्यक्रम के अंत में विद्यालय में नामांकित सभी छात्र-छात्राओं को मोहित वर्मा द्वारा निःशुल्क लेखन सामग्री किट (पेन, कॉपी, पेंसिल, रबर आदि) उपहार में दी गई। बच्चों ने उपहार पाकर आनंद व्यक्त किया और उनके चेहरे प्रसन्नता से खिल उठे।

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अभिभावकों और ‘मां समूह’ की सहभागिता

इस उत्सव में बच्चों के साथ-साथ अभिभावकगण व मां समूह की भी सक्रिय भागीदारी रही। उपस्थित माताओं ने कहा कि विद्यालय द्वारा बच्चों में संस्कारों और संस्कृति का बीजारोपण किया जा रहा है, जो सराहनीय है।

कार्यक्रम की झलकियां

  • बच्चों द्वारा ‘गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु’ श्लोक का गायन

  • बाल कविता पाठ प्रतियोगिता जिसमें “मेरे प्यारे गुरुजी” विषय पर सुंदर प्रस्तुति दी गई

  • सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भजन, नाटिका, व नृत्य प्रस्तुतियाँ

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सफल आयोजन, प्रेरणादायक पहल

कार्यक्रम का सफल संचालन प्रधानाध्यापक डॉ. सतीश कुमार द्वारा किया गया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विद्यालयों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार, संस्कृति और नैतिक मूल्यों का केंद्र बनाया जाना चाहिए।

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इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख जन

  • डॉ. सतीश कुमार – प्रधानाध्यापक

  • सौरभ शर्मा – ARP (अकादमिक रिसोर्स पर्सन)

  • राकेश कुमार – सहायक अध्यापक

  • मोहित वर्मा – सहायक अध्यापक

  • विद्यालय के समस्त छात्र-छात्राएं

  • ग्राम के अभिभावकगण एवं मां समूह की महिलाएं

निष्कर्ष:

प्राथमिक विद्यालय कछपुरा सरेंडा, खेरागढ़ में मनाई गई गुरु पूर्णिमा न केवल एक पर्व थी, बल्कि यह संस्कार, श्रद्धा और शिक्षा के अद्भुत संगम की जीवंत प्रस्तुति थी। इस आयोजन से बच्चों में गुरु के प्रति सम्मान, जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और नैतिकता की भावना उत्पन्न हुई।

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