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भूजल सप्ताह 2025: आगरा में जल संरक्षण वर्कशॉप, बच्चों को मिला पर्यावरण संदेश

भूजल सप्ताह 2025

भूजल सप्ताह 2025: आगरा में वर्कशॉप के जरिए बच्चों और आमजन को दिया गया जल संरक्षण का संदेश

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा, 17 जुलाई 2025
जल है तो कल है — इस महत्वपूर्ण संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के उद्देश्य से भूजल सप्ताह-2025 के अंतर्गत आज आगरा में विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। भूगर्भ जल विभाग, आगरा द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों का उद्देश्य था आमजन को जल संरक्षण की आवश्यकता, तकनीक और दैनिक जीवन में इसके अनुप्रयोग के प्रति जागरूक बनाना।

इस क्रम में दिनांक 17 जुलाई को राजकीय इंटर कॉलेज, आगरा के प्रांगण में एक जल संरक्षण वर्कशॉप आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को न केवल जल की गंभीर स्थिति के बारे में बताया गया, बल्कि उन्हें इसके संरक्षण की ठोस विधियाँ भी सिखाई गईं।

जल संरक्षण पर बच्चों को किया गया जागरूक

कार्यक्रम का संचालन भूगर्भ जल विभाग के सीनियर जियोफिजिसिस्ट श्री शशांक शेखर सिंह के निर्देशन में हुआ। वर्कशॉप में मौजूद विद्यार्थियों को सबसे पहले यह बताया गया कि भूजल हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और यदि इसका समय रहते संरक्षण नहीं किया गया, तो भविष्य में हमें जल संकट का सामना करना पड़ेगा।

हाइड्रोलॉजिस्ट अवधेश भास्कर ने छात्रों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग यानी वर्षा जल संचयन की तकनीकों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने यह समझाया कि कैसे छत पर गिरने वाला पानी एकत्र कर भूजल को रिचार्ज किया जा सकता है। उन्होंने बच्चों को प्रैक्टिकल उदाहरणों के माध्यम से बताया कि उनके घरों, स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर जल संचयन को कैसे अपनाया जा सकता है।

हाइड्रोलॉजिस्ट राहुल देव शर्मा ने दैनिक जीवन में जल बचाने के छोटे लेकिन असरदार उपाय साझा किए। उन्होंने कहा कि हाथ धोते वक्त या ब्रश करते समय नल को बंद करना, कार धोने के लिए पाइप की बजाय बाल्टी का उपयोग करना, और वर्षा जल को पौधों के लिए उपयोग में लाना जैसे प्रयास, बड़े बदलाव का हिस्सा बन सकते हैं।

भूगर्भ के अनुसार जल संरक्षण की जानकारी

सहायक भू-भौतिकविद नौरतन कमल ने अपने सत्र में छात्रों को बताया कि आगरा का भूगोल किस प्रकार जल संरक्षण में भूमिका निभाता है। उन्होंने यह बताया कि किस प्रकार मिट्टी की बनावट, वर्षा का स्तर और स्थलाकृतिक ढलान जल संरक्षण की योजना बनाते समय ध्यान में रखे जाने चाहिए। उन्होंने बताया कि कृषि कार्यों में भी ड्रिप इरिगेशन और स्प्रिंकलर प्रणाली जैसी तकनीकें अपनाकर पानी की बचत की जा सकती है।

भूजल

 

जल शपथ और बच्चों की सहभागिता

कार्यक्रम के अंत में राजकीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य द्वारा सभी छात्रों को “जल ही जीवन है” की भावना के साथ जल शपथ दिलाई गई। शपथ में यह संकल्प लिया गया कि वे जल के महत्व को समझेंगे, उसका अपव्यय नहीं करेंगे और अन्य लोगों को भी जल संरक्षण के लिए प्रेरित करेंगे।

बच्चों ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए और जल संरक्षण के लिए कविताएं, स्लोगन और पोस्टर प्रस्तुत किए। उनकी सक्रिय सहभागिता को देखकर विभाग द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया और भविष्य में पर्यावरण व जल संरक्षण अभियानों से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया।

ईको क्लब के नामित छात्र-छात्राओं द्वारा पर्यावरण संरक्षण में किए गए कार्यों की सराहना करते हुए भूगर्भ जल विभाग ने उन्हें विशेष रूप से सम्मानित किया।

शाहजहाँ पार्क में किया गया जनजागरूकता अभियान

भूजल सप्ताह-2025 के अंतर्गत, दोपहर के सत्र में शाहजहाँ पार्क, आगरा में एक अलग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें हाइड्रोलॉजिस्ट अवधेश कुमार भास्कर और राहुल देव शर्मा ने आमजन व पर्यटकों से सीधा संवाद किया।
उन्होंने लोगों को पंपलेट्स और ब्रोशर बांटे जिनमें भूजल की वर्तमान स्थिति, संकट के कारण और समाधान सुझाए गए थे।

पर्यटकों को बताया गया कि हर नागरिक की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने घर, कार्यस्थल या अन्य सामाजिक स्थानों पर जल संरक्षण को प्राथमिकता दे। विभाग ने सार्वजनिक स्थलों पर वर्षा जल संग्रहण प्रणाली स्थापित करने की सिफारिश भी की, जिससे शहर के भूजल स्तर में सुधार आ सके।

 

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टूरिस्ट एंड गाइड सेंटर के साथ संवाद

कार्यक्रम के अंतर्गत टूरिस्ट एंड गाइड सेंटर, आगरा के प्रतिनिधियों के साथ भी एक विशेष बैठक हुई। इसमें यह बताया गया कि आगरा जैसे पर्यटन केंद्र में आने वाले लाखों पर्यटकों को यदि जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए, तो इससे बड़ा सामाजिक बदलाव लाया जा सकता है। इस बैठक में स्किल डेवेलपमेंट, जल-संवेदनशील गाइडेंस और पर्यावरण जागरूकता को पर्यटन क्षेत्र से जोड़ने पर विशेष चर्चा हुई।

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भविष्य की दिशा

भूजल सप्ताह-2025 के माध्यम से आगरा जिले में जल संरक्षण को लेकर जिस जागरूकता की शुरुआत हुई है, वह निश्चित रूप से जन-सहभागिता के माध्यम से एक आंदोलन का रूप ले सकती है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आगामी दिनों में स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर भी ऐसे जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, ताकि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण को एक संस्कार के रूप में अपनाया जा सके।

निष्कर्ष

भूजल सप्ताह-2025 के दूसरे दिन आगरा में आयोजित जल संरक्षण वर्कशॉप और जन-जागरूकता अभियान यह साबित करते हैं कि यदि प्रशासन, छात्र, शिक्षक और आम नागरिक मिलकर प्रयास करें, तो आने वाले समय में जल संकट को काफी हद तक टाला जा सकता है।

बच्चों से लेकर पर्यटकों तक, सभी को यह संदेश दिया गया कि जल केवल संसाधन नहीं, बल्कि जीवन का आधार है। और इसे बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

-HINDI DAINIK SAMACHAR

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