आगराइंडियाउत्तर प्रदेश

FLN एवं NCERT पाठ्यपुस्तक आधारित प्रशिक्षण- 2025 के अंतर्गत प्रदान किया

FLN व NCERT आधारित प्रशिक्षण 2025: डायट आगरा में गणित सत्र आयोजित

FLN एवं NCERT आधारित प्रशिक्षण 2025: आगरा के डायट में तीसरे दिन गणितीय अवधारणाओं पर केंद्रित सत्र आयोजित

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)

आगरा। जनपद आगरा में निपुण भारत मिशन के तहत चल रहे FLN (Foundational Literacy and Numeracy) एवं NCERT पाठ्यपुस्तक आधारित प्रशिक्षण-2025 के तीसरे दिन डायट आगरा (DIET Agra) में गणितीय अवधारणाओं को सुदृढ़ करने के लिए सात विशेष सत्र आयोजित किए गए। यह पांच दिवसीय FLN प्रशिक्षण 2025 कार्यक्रम आगरा जनपद के प्राथमिक शिक्षकों को गणितीय दक्षता विकसित कराने के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है।

संशोधित लक्ष्य और GRR/4 ब्लॉक्स पद्धति पर चर्चा

प्रशिक्षण के प्रथम सत्र में संदर्भदाता मीना पुष्कर ने निपुण भारत मिशन के अंतर्गत संशोधित शैक्षिक लक्ष्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने इन लक्ष्यों के एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से संरेखण (alignment) को स्पष्ट करते हुए बताया कि कैसे शिक्षकों को प्राथमिक कक्षाओं में मूलभूत गणितीय दक्षताओं पर केंद्रित करना चाहिए।

द्वितीय सत्र में डा. प्रीति सिंह ने शिक्षकों को G.R.R/4-ब्लॉक्स मॉडल (Gradual Release of Responsibility) की व्याख्या करते हुए बताया कि यह विधि गणित शिक्षण को सरल, रोचक और प्रभावी बनाती है। इसमें शिक्षकों द्वारा निर्देशित अभ्यास के साथ-साथ छात्रों के स्वतंत्र अभ्यास पर भी विशेष बल दिया गया।

NCERT

 

चित्र विधि और टीएलएम के माध्यम से समझ विकसित करने पर ज़ोर

तृतीय सत्र में शिक्षकों ने प्रिंट-रिच वातावरण और चित्र आधारित शिक्षण विधि के माध्यम से बच्चों की गणितीय सोच को विकसित करने के तरीके सीखे। इस सत्र में उदाहरणों व गतिविधियों के माध्यम से बताया गया कि प्राथमिक स्तर के छात्र चित्रों और दृश्य सामग्रियों के माध्यम से संख्यात्मक अवधारणाओं को बेहतर समझते हैं।

चतुर्थ सत्र में डॉ. मनोज कुमार वार्ष्णेय (प्रवक्ता एवं प्रशिक्षण प्रभारी) ने प्रक्रियात्मक प्रवाह (procedural fluency) तथा समस्या समाधान की विभिन्न विधियों पर रोशनी डाली। उन्होंने बताया कि गणित केवल उत्तर प्राप्त करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि सोचने, समझने और विश्लेषण करने की एक प्रक्रिया है। इस सत्र में शिक्षकों को बच्चों में तार्किक सोच विकसित करने के व्यावहारिक उपाय बताए गए।

जोड़-घटाव की अवधारणाओं को गहराई से समझाने के उपाय

पंचम सत्र में छात्रों को स्थानीय मान (place value) जैसे दहाई और इकाई की अवधारणाओं को TLM (Teaching-Learning Materials) के माध्यम से समझाने के लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। जोड़ की प्रक्रिया को विभिन्न चरणों में समझाने के लिए शैक्षिक सामग्रियों का प्रयोग आवश्यक बताया गया, ताकि छात्र केवल रटने की बजाय समझकर गणना करना सीखें।

छठे सत्र में गणितीय संक्रियाओं में घटाव की अवधारणा को उदाहरणों और स्थानीय अनुभवों के माध्यम से समझाने के तरीकों पर फोकस किया गया। शिक्षकों को बताया गया कि घटाव को केवल एक क्रिया न मानकर इसे समस्याओं के समाधान के रूप में प्रस्तुत करें, जिससे बच्चों में गणितीय सोच का विकास हो सके।

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समेकन सत्र में पूरे दिन की गतिविधियों का विश्लेषण

अंतिम समेकन सत्र में सभी शिक्षण विधियों और अवधारणाओं का समग्र पुनरावलोकन किया गया। शिक्षकों को एनसीईआरटी आधारित पाठ्यपुस्तकों, निपुण भारत मिशन के मानक, और टीएलएम के प्रभावी उपयोग के माध्यम से प्राथमिक छात्रों को सशक्त बनाने के लिए प्रेरित किया गया।

इस गणित शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में जनपद के सभी 16 विकासखंडों से आए 80 प्रतिभागी शिक्षक, एआरपी (Academic Resource Persons), केआरपी (Key Resource Persons) शामिल हुए। प्रशिक्षण का संचालन पूर्ण रूप से डायट आगरा द्वारा किया गया।

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ब्लॉक स्तर पर भी होगा FLN प्रशिक्षण

प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए उप शिक्षा निदेशक एवं डायट प्राचार्य पुष्पा कुमारी ने बताया कि “जनपद में ब्लॉक स्तरीय संदर्भदाता तैयार किए जा रहे हैं जो अपने-अपने विकास क्षेत्रों में प्राथमिक शिक्षकों को FLN एवं एनसीईआरटी आधारित प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर प्राथमिक शिक्षक गणित की आधारभूत अवधारणाओं को बच्चों तक सरलतम तरीके से पहुँचा सके।”

प्रशिक्षण में अनिल कुमार, अबु मुहम्मद आसिफ, और निपुण भारत मिशन टीम का विशेष सहयोग रहा। डायट स्टाफ, प्रशिक्षकों और सभी प्रतिभागी शिक्षकों की सक्रिय सहभागिता ने प्रशिक्षण को सफल और प्रभावशाली बनाया।

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