आगराउत्तर प्रदेश

AGRA- मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई संपन्न

🌍एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) – 

आगरा। मण्डलायुक्त शैलेन्द्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज मंगलवार को मण्डलीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक हुई। अवगत कराया गया कि मण्डल के चारों जनपदों में प्रत्येक माह जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक करायी जा रही है। परिवहन विभाग एवं पुलिस विभाग द्वारा हेलमेट, सीटबेल्ट, मोबाइल फोन/ईयर फोन का प्रयोग, गलत दिशा में वाहन चलाना, नशे की हालात में वाहन चलाना, ओवर स्पीडिंग, स्टंटिंग के विरूद्ध की गयी प्रवर्तन कार्यवाही की तुलनात्मक समीक्षा की गयी। टोल प्लाजा से होकर गुजरने वाले वाहनों के विरूद्ध कार्यवाही को लेकर अवगत कराया गया कि अप्रैल – मई माह में मण्डल में 1356 ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्यवाही कर लगभग 4 करोड़ प्रमशन शुल्क वसूला गया है। टूण्डला टोल प्लाजा और गुराउ टोल प्लाजा (सिरसागंज) से गुजरने वाले ओवरलोड वाहनों का डाटा नहीं मिल रहा है। आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गये कि परिवहन विभाग अपनी एक टीम इन टोल प्लाजा पर तैनात कर फोटो सहित डाटा एकत्रित करने के साथ कार्यवाही भी सुनिश्चित करे।

 

आगरा सम्भाग के चारों जनपदों में जिलाधिकारी के माध्यम से डम्पिंग यार्ड की जमीन उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिए। विभिन्न अपराधों में निलम्बन किए गये लाइसेंस प्रकरणों के बारे में अवगत कराया कि विगत दो माह में परिवहन विभाग द्वारा आगरा में 45, फिरोजाबाद में 20, मैनपुरी में 18 और मथुरा में 63 लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही की गयी है। वहीं आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गये कि गलत तरीके से सड़क दुर्घटना करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही हेतु अपराधों की श्रेणी, अस्थायी एवं स्थायी रूप से लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही का एक मानक तैयार किया जाए और पूरे मण्डल में उसे लागू किया जाए

 

स्कूल बस के विरुद्ध कार्रवाई की समीक्षा की गयी। विगत दो माह में यातायात पुलिस द्वारा आगरा जनपद में 44 स्कूल बसों के खिलाफ कार्यवाही की गयी जबकि प्राइवेट वाहनों को स्कूली वाहनों के रूप में इस्तेमाल करने पर 134 वाहनों के खिलाफ कार्यवाही की गयी। मंडलायुक्त द्वारा निर्देश दिए गए कि चारों जनपदों में सभी स्कूल बसों के फिटनेस की जांच की जाए। नोटिस देने के बावजूद जिन बसों की फिटनेस सही न हो उनके खिलाफ कार्यवाही करें। मण्डल के सभी टोल प्लाजाओं पर मानक के अनुसार एंबुलेंस मय प्रशिक्षित स्टाॅफ और क्रेन उपलब्ध रहे। जनपदीय आकस्मिक मेडिकल एक्षन प्लान के तहत चारों जनपदों के अस्पतालों में तैयारी, बेड, मानव संशाधन और उपकरण की पर्याप्त उपलब्धता रहे तथा समय-समय पर माॅनीटरिंग की जाए। जहां भी बड़ी दुर्घटना होती है, समिति के माध्यम से उस दुर्घटना की जांच की जाए।

 

🔸गुड सेमेरिटन योजना में गोल्डन ऑवर में घायलों की मदद करने पर आगरा में दो लोगों को 25 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा चुकी है। निर्देश दिए गये कि इस योजना का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए ताकि लोगों में जागरूकता आए और सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद को हमेशा तत्पर रहें। वहीं हिट एंड रन दुर्घटना केस को लेकर आयुक्त महोदय ने इसका डाटा तैयार करने के निर्देश दिए और कहा कि इसमें मृतकों व घायलों मिलने वाले मुआवजा योजना के प्रति लोगों को जानकारी का अभाव है। इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार प्रसार किया जाए। सभी सरकारी अस्पतालों एवं पोस्टमार्टम हाउस के पास इस योजना से संबंधित बैनर लगवाये जाएं।

 

मण्डल के चारों जनपदों की सड़क दुर्घटनाओं की अद्यावधिक तुलनात्मक समीक्षा की गयी। विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष आगरा और मैनपुरी में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में इजाफा हुआ है। समीक्षा के दौरान देखने में आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क दुर्घटनाएं ज्यादा हो रही हैं। इसे लेकर आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गये कि आगरा मण्डल में पुलिस विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में हो रही सड़क दुर्घटनाओं का डाटा परिवहन विभाग के साथ साझा किया जाए। सभी ब्लैक स्पाॅट चिन्हित किया जाए। सड़कों पर उचित मार्किंग, साइनेज बोर्ड, ब्रेकर, रिफलेक्टर आदि लगाये जाने के अलावा रोड़ एलाइनमेंट आदि उक्त सभी कार्यों का एक प्रस्ताव बनाकर शासन में प्रेषित किया जाए। स्थानीय स्तर पर सड़क स्वामित्व वाले विभाग द्वारा इंजीनियरिंग की कमियों को दूर किया जाए। आईरेड एप में मण्डल में होने वाली प्रत्येक दुर्घटनाओं को फीड करने के निर्देश दिए गये। रोड़ सेफ्टी क्लब के सहयोग से शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सभी विद्यालयों में लगातार अभियान और कार्यषाला का आयोजन कर बच्चों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक बनाने के निर्देश दिए

 

बैठक में मौजूद डीआईजी शैलेश कुमार पाण्डेय ने सभी अधिकारियों से कहा कि सड़क सुरक्षा के प्रति अपने कार्यों को लेकर हमें अपनी धारणा और व्यवहार में सुधार करने की आवश्यकता है। यातायात जागरूकता अभियान को एक जगह सीमित न रखकर बड़ी सोसाइटी और काॅलोनी में भी ले जाना चाहिए। एनजीओ के माध्यम से आकस्मिक सड़क दुर्घटना के दौरान घायलों को दी जाने वाली आकस्मिक मदद और प्राथमिक उपचार की शिक्षा देने की आवश्यकता है। प्रवर्तन की प्रभावी कार्यवाही होनी चाहिए ताकि लोग यातायात के नियमों को हल्के में न लें। टोल प्लाजा पर नियम उल्लघंन पर चार पहिया के साथ दो पहिया वाहनों के खिलाफ भी कार्यवाही की जानी चाहिए। मेडिकल इमरजेंसी सेवाएं को समय समय पर दुरूस्त किया जाए। आईटीएमएस पर प्राप्त होने वाले वाॅयलेंस डाटा और जनित चालान के अंतर को समाप्त किया जाए। वहीं शहर में अक्सर जाम की समस्या पैदा करने वाले ई रिक्शा को किस तरह से व्यवस्थित रूप से चलाया जाए इसके लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग को साथ काम करने की जरूरत है।

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