खेरागढ़ के कंपोजिट विद्यालय में इको मिशन लाइफ की धमाकेदार शुरुआत, बच्चों ने बनाई आरोग्य वाटिका
इको मिशन लाइफ की धमाकेदार शुरुआत

इको क्लब फॉर मिशन लाइफ के तहत उच्च प्राथमिक विद्यालय भाकर में आरोग्य वाटिका निर्माण और वृक्षारोपण अभियान
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
खेरागढ़, आगरा | 26 जुलाई 2025
पर्यावरण संरक्षण आज केवल एक विचार नहीं, बल्कि जीवनशैली बन चुका है। इसी भावना को आत्मसात करते हुए उच्च प्राथमिक विद्यालय भाकर (कंपोजिट), विकासखंड खेरागढ़, जनपद आगरा में इको क्लब फॉर मिशन लाइफ के अंतर्गत एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य था आरोग्य वाटिका का निर्माण, वृक्षारोपण, और छात्रों को पर्यावरण के प्रति उत्तरदायित्व की भावना से जोड़ना।
मिशन लाइफ क्या है?
मिशन लाइफ “Mission LiFE” (Lifestyle for Environment) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक वैश्विक पहल है, जिसका उद्देश्य है – लोगों को प्रकृति के अनुकूल जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना। इसका मूल मंत्र है – “पर्यावरण की रक्षा के लिए व्यक्तिगत प्रयास।” इसी मिशन के तहत विद्यालयों में इको क्लब बनाए जा रहे हैं, जहां छात्र-छात्राएँ पर्यावरणीय जागरूकता गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी करते हैं।
छात्र बने पर्यावरण प्रहरी
इस कार्यक्रम में विद्यालय के इको क्लब एवं यूथ क्लब के युवा कैप्टन प्रिंस, और उनके साथी – लक्की, शिवम, दिलीप, नेहा, नैन्सी, निशा और अदिति – ने इको क्लब प्रभारी डॉ. हिमानी भारद्वाज (इंचार्ज प्रधानाध्यापिका) के मार्गदर्शन में सक्रिय भागीदारी निभाई। कार्यक्रम को सफल बनाने में हरित शिक्षक डॉ. अशोक कुमार एवं श्री मनोज कुमार का भी अहम योगदान रहा।
आरोग्य वाटिका: एक हरित पहल
इस आयोजन के दौरान स्कूल परिसर में एक आरोग्य वाटिका की आधारशिला रखी गई। छात्रों ने स्वयं अपने हाथों से गड्ढे खोदे, उनमें पौधे लगाए और खाद एवं पानी देकर उनकी देखभाल शुरू की। इससे बच्चों ने न केवल पौधों के प्रति अपनत्व सीखा, बल्कि प्राकृतिक संसाधनों की महत्ता को भी समझा।
वृक्षारोपण, गुड़ाई और संरक्षण की जिम्मेदारी
वृक्षारोपण सिर्फ एक रस्म नहीं था, बल्कि इसे एक कर्तव्य की तरह निभाया गया। सभी बच्चों ने खुद से पौधों की गुड़ाई की, उन्हें खाद और पानी दिया। विशेष बात यह रही कि प्रत्येक छात्र को एक-एक पौधे की देखभाल की जिम्मेदारी दी गई। इसका उद्देश्य था कि बच्चा उस पौधे को न सिर्फ लगाए, बल्कि उसकी सुरक्षा और पोषण भी सुनिश्चित करे।
इस पूरी प्रक्रिया ने छात्रों को एक “हरित प्रहरी” के रूप में विकसित किया। इससे उनमें जिम्मेदारी, अनुशासन और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता जैसे गुण भी उभर कर सामने आए।
उपस्थित शिक्षकगण एवं मार्गदर्शक
इस विशेष अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षकगण पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ मौजूद रहे। कार्यक्रम में धर्मेंद्र सिंह, श्रीमती रचना सक्सेना, श्रीमती अर्चना बंसल, श्रीमती नीलम बंसल, श्रीमती नीरज कुमारी एवं श्रीमती रेनू चौहान ने सक्रिय सहभागिता निभाई। सभी ने छात्रों को पौधों की उपयोगिता, हरियाली के महत्व और स्वच्छ पर्यावरण के लिए व्यक्तिगत प्रयासों की जानकारी दी।
डॉ. हिमानी भारद्वाज ने कहा कि
“बच्चों को पर्यावरण से जोड़ना, उन्हें भावनात्मक रूप से वृक्षों से जोड़ना ही इको क्लब का उद्देश्य है। जब बच्चा स्वयं किसी पौधे को लगाता है और उसकी देखभाल करता है, तो वह जीवनभर पर्यावरण के प्रति सजग रहता है।”
पर्यावरण संरक्षण पर प्रेरणादायक संदेश
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित शिक्षकों ने बच्चों को पर्यावरणीय संकट, जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और प्राकृतिक असंतुलन पर भी जानकारी दी। बताया गया कि किस प्रकार हम मिशन लाइफ ‘Mission LiFE’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए जीवनशैली को पर्यावरण के अनुरूप ढाल सकते हैं।
श्री अशोक कुमार ने कहा,
“वृक्ष न केवल ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि ये मनुष्यता का आधार हैं। यदि हम आज पेड़ नहीं लगाएंगे, तो आने वाली पीढ़ियों को शुद्ध वायु नहीं मिल पाएगी।”
बच्चों में दिखा प्रकृति के प्रति अनुराग
मिशन लाइफ कार्यक्रम के अंत में यह देखा गया कि बच्चों में पौधों के प्रति आत्मीयता और उत्साह साफ झलक रहा था। वे बार-बार अपने-अपने पौधों को देख रहे थे, उन्हें पानी दे रहे थे, और मिट्टी को समतल कर रहे थे। इससे यह स्पष्ट हो गया कि ये गतिविधियाँ बच्चों में संवेदनशील नागरिक बनने की नींव रखती हैं।
http://FOR THE LATEST NEWS AND UPDATES SUBSCRIBE TO HINDI DAINIK SAMACHAR
क्यों ज़रूरी है स्कूलों में इको क्लब?
आज के समय में जब जलवायु संकट और प्रदूषण चरम पर है, ऐसे में इको क्लब फॉर मिशन लाइफ जैसे कार्यक्रम बच्चों को जिम्मेदार नागरिक बनने की ओर अग्रसर करते हैं।
-
ये उन्हें प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग सिखाते हैं
-
स्वच्छता, हरियाली और पुनरावृत्त संसाधनों के प्रति जागरूक करते हैं
-
और सबसे बड़ी बात, यह उन्हें प्रकृति से जोड़ते हैं।
निष्कर्ष: हरियाली के बीज बो रहा है मिशन लाइफ
उच्च प्राथमिक विद्यालय भाकर, खेरागढ़ में आयोजित यह कार्यक्रम अपने आप में प्रेरणादायक और अनुकरणीय था। इसने न केवल छात्रों को पर्यावरणीय कार्यों में सहभागी बनाया, बल्कि उन्हें एक स्थायी जीवनशैली के प्रति भी प्रेरित किया।
मिशन लाइफ “Mission LiFE” के तहत ऐसे प्रयास हर विद्यालय में हों, तो आने वाली पीढ़ी प्रकृति-प्रेमी, संवेदनशील और जागरूक नागरिक के रूप में विकसित होगी। यह कार्यक्रम यह सिखाता है कि बदलाव किसी बड़े अभियान से नहीं, बल्कि एक-एक पौधे की जिम्मेदारी उठाने से आता है।
CHECK ALSO:
http://कारगिल विजय दिवस 2025: खेरागढ़ स्कूल में गूंजा देशभक्ति का जोश