पशु-पक्षियों की सेवा करने वाली सोसायटियों को कैस्पर्स होम करेगा सम्मानित
आगरा की गेटबंद सोसायटियों में पशु-पक्षियों की सेवा को बढ़ावा: कैस्पर्स होम ने शुरू की अनोखी प्रतियोगिता

पशु-पक्षियों की सेवा करने वाली सोसायटियों को कैस्पर्स होम करेगा सम्मानित
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ)-
आगरा। ताज नगरी के गेटबंद सोसायटियों में पशु-पक्षियों की देखभाल और सेवा को लेकर एक नई पहल की गई है। कैस्पर्स होम (Casper’s Home) नामक संस्था ने आगरा की गेटबंद सोसायटियों में पशु पक्षी सेवा प्रतियोगिता का आयोजन किया है। यह प्रतियोगिता उन सोसायटियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित की जा रही है जो अपने परिसर में पशु-पक्षियों के लिए भोजन, पानी और शरण देने का कार्य निरंतर कर रही हैं।
प्रतियोगिता का उद्देश्य है कि शहरीकरण और गेटबंद जीवनशैली के बीच प्रकृति और जीवों के प्रति हमारी ज़िम्मेदारी को पुनः जागरूक किया जाए। इस प्रतियोगिता के माध्यम से सोसायटियों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे पशु-पक्षियों की सेवा को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं।
प्रतियोगिता की खास बातें
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तीन श्रेष्ठ सोसायटियों को मिलेगा सम्मान:
प्रतियोगिता के अंतर्गत तीन सबसे उत्तम पशु-पक्षी सेवा करने वाली गेटबंद सोसायटियों को जुलाई माह के अंतिम सप्ताह में आयोजित समारोह में सम्मानित किया जाएगा। -
बुजुर्गों और बच्चों को भी मिलेगा प्रोत्साहन:
उन सोसायटियों के बुजुर्गों और बच्चों को भी अलग से प्रोत्साहन और सम्मान दिया जाएगा जो पशु सेवा के क्षेत्र में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। -
वीडियो और निरीक्षण के आधार पर होगा चयन:
चयन प्रक्रिया में निर्णायक मंडल सोसायटियों द्वारा भेजे गए वीडियो, फोटो और स्थल निरीक्षण के आधार पर निर्णय करेगा। अब तक सात सोसायटियों ने वीडियो भेजकर प्रतियोगिता में भागीदारी सुनिश्चित की है।
क्या बोले आयोजक?
कैस्पर्स होम की चेयरपर्सन विनीता अरोड़ा ने पोस्टर विमोचन कार्यक्रम के दौरान कहा “पहले हर घर में पशुओं के लिए रोटियां बनती थीं, लेकिन आज की गेटबंद सोसायटियों में यह परंपरा लुप्त हो रही है। इस प्रतियोगिता के माध्यम से हम यह प्रयास कर रहे हैं कि समाज पुनः पशु सेवा को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाए।”
उन्होंने आगे कहा कि पशु पक्षियों को भोजन-पानी देना न केवल एक पुण्य कार्य है, बल्कि यह पर्यावरण संतुलन का भी आधार है।
पंजीकरण कैसे करें?
इच्छुक सोसायटियां 15 जुलाई 2025 तक नीचे दिए गए मोबाइल नंबरों पर संपर्क कर सकती हैं:
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📞 9897716054
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📞 6398922025
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📞 8279549870
प्रतिभागी सोसायटियों से वीडियो क्लिप, तस्वीरें और गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण साझा करने का अनुरोध किया गया है।
आगरा में पशु-पक्षी सेवा की आवश्यकता
आगरा जैसे शहरीकृत शहर में जहां बहुमंजिला इमारतें और गेटबंद सोसायटियां बढ़ रही हैं, वहीं सड़कों पर घूमते पालतू या बेसहारा पशुओं के लिए भोजन और पानी की व्यवस्था बेहद जरूरी है। गर्मियों में पक्षियों को पीने के पानी की कमी के कारण अक्सर जान गंवानी पड़ती है। ऐसे में सोसायटी स्तर पर सामूहिक प्रयास एक सकारात्मक बदलाव की ओर संकेत करता है।
समाज में बढ़ रही जागरूकता
इस अभियान को स्थानीय समाजसेवियों और पर्यावरण प्रेमियों से भरपूर समर्थन मिल रहा है। आयोजन के दौरान अतुल सिरोही, शांतनु बंसल, अंकित शर्मा, अयान जैन, प्रतिभा गोस्वामी, शिल्पी चतुर्वेदी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
उन्होंने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि गेटबंद सोसायटियों में रहकर अगर हम प्रकृति और जीवों के प्रति संवेदनशील बनें तो यह पूरी मानवता के लिए एक संदेश बन सकता है।
अभियान का सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व
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शहरीकरण में नैतिक मूल्यों की रक्षा – आधुनिक जीवनशैली में जहां आत्मकेंद्रितता बढ़ी है, यह प्रतियोगिता मानवीय मूल्यों की पुनर्स्थापना करती है।
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पर्यावरण संरक्षण में योगदान – पक्षियों के लिए जल पात्र और पशुओं के लिए भोजन की व्यवस्था सीधे तौर पर स्थानीय जैव विविधता की रक्षा करती है।
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बच्चों में संवेदनशीलता का विकास – जब बच्चे अपने घरों या सोसायटी परिसर में पशु-पक्षियों की सेवा करते हैं, तो उनके अंदर सहानुभूति और जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।
भविष्य की योजना
कैस्पर्स होम की ओर से यह जानकारी दी गई कि यह प्रतियोगिता भविष्य में हर छह महीने पर आयोजित की जा सकती है ताकि पशु-पक्षी सेवा को एक निरंतर अभियान में बदला जा सके।
संस्था ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले वर्षों में “ग्रीन सोसायटी अवार्ड” जैसे और भी पुरस्कारों की योजना बनाई जा रही है जिसमें पौधारोपण, वर्षा जल संचयन और पर्यावरणीय कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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निष्कर्ष
आगरा गेटबंद सोसायटी पशु पक्षी सेवा प्रतियोगिता केवल एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि समाज को एक नई दिशा देने वाला प्रयास है। जहां एक ओर यह पशु-पक्षियों के लिए राहत लेकर आती है, वहीं दूसरी ओर नागरिकों को जिम्मेदार बनने की प्रेरणा देती है। यदि आगरा की सभी सोसायटियां इस मुहिम का हिस्सा बनती हैं तो आने वाले वर्षों में यह शहर पशु-पक्षी अनुकूल गेटबंद समाज के रूप में देशभर में एक मिसाल बन सकता है।