आगराइंडियाउत्तर प्रदेश

खरीफ सीजन 2025: आगरा में यूरिया व डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित

Breaking News

खरीफ मौसम में उर्वरक वितरण पर सख्ती: आगरा में CDO की अध्यक्षता में 14 उर्वरक कंपनियों व 11 थोक विक्रेताओं के साथ हुई समीक्षा बैठक

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ) –

आगरा। खरीफ सीजन की शुरुआत के साथ ही जनपद आगरा में फसलों की बुवाई जोरों पर है और इसी के साथ किसानों को सही समय पर उचित मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने को लेकर प्रशासनिक स्तर पर सघन प्रयास जारी हैं। इसी क्रम में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) की अध्यक्षता में उर्वरक वितरण की समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें 14 उर्वरक कंपनी प्रतिनिधि एवं 11 थोक उर्वरक विक्रेताओं ने भाग लिया। बैठक में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) समेत जिले के प्रमुख कृषि व सहकारी विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

उर्वरक वितरण व्यवस्था पर सीडीओ की सख्त निगरानी

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) ने स्पष्ट निर्देश दिए कि खरीफ फसलों की बुवाई के इस महत्वपूर्ण समय में किसानों को संस्तुत मात्रा में उर्वरक की उपलब्धता हर हाल में सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि कृत्रिम संकट या कालाबाजारी को किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनपद में वर्तमान में यूरिया 24,935 मीट्रिक टन, डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) 4,960 मीट्रिक टन, और एनपीकेएस (नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटाश-सल्फर) 8,220 मीट्रिक टन का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। यह दर्शाता है कि आगरा जनपद में किसी भी प्रकार की उर्वरक की कमी नहीं है, और किसान निश्चिंत होकर खेती कर सकते हैं।

खरीफ

 

न्याय पंचायत स्तर तक निगरानी की व्यापक योजना

जिलाधिकारी के निर्देश पर न्याय पंचायत स्तर पर अधिकारी और कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं, जिनकी जिम्मेदारी होगी कि वे हर दिन कम से कम दो उर्वरक केंद्रों का निरीक्षण करें। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कहीं भी भंडारण, वितरण या बिक्री में अनियमितता न हो।

निरीक्षण के मुख्य बिंदुओं में शामिल होंगे:

  • स्टॉक रजिस्टर की अद्यतन स्थिति

  • बिक्री रजिस्टर की सटीकता

  • रेट बोर्ड की स्पष्ट प्रदर्शनी

  • किसानों को कैश मेमो की अनिवार्यता

बिक्री केंद्रों पर व्यवस्था में पारदर्शिता आवश्यक

मुख्य विकास अधिकारी ने सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया कि उनके केंद्रों पर रेट बोर्ड अनिवार्य रूप से प्रदर्शित हो, जिससे किसान जान सकें कि उन्हें किस उर्वरक की क्या कीमत चुकानी है। स्टॉक और बिक्री रजिस्टर भी अद्यतन रहें ताकि जांच के समय पारदर्शिता बनी रहे।

विशेष रूप से यह निर्देश दिया गया कि किसान को उर्वरक की बिक्री के बाद कैश मेमो अवश्य दिया जाए, जिससे उनकी खरीद प्रमाणित हो सके और भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न न हो।

खरीफ

 

40% उर्वरक स्टॉक समितियों को भेजा जा रहा

बैठक में यह भी बताया गया कि जनपद में आने वाले निजी कंपनियों के उर्वरकों में से 40 प्रतिशत हिस्से को कृषि समितियों के माध्यम से भेजा जा रहा है। इसका उद्देश्य यह है कि समितियों के जरिए भी किसानों को समय पर और उचित दरों पर उर्वरक मिल सके।

प्रमुख कंपनियों में शामिल हैं:

  • पी.पी.एल. (PPL)

  • आई.पी.एल. (IPL)

  • श्रीराम फर्टिलाइजर

  • इफको (IFFCO)

  • चम्बल फर्टिलाइजर

http://FOR THE LATEST NEWS AND UPDATES SUBSCRIBE TO HINDI DAINIK SAMACHAR

 

POS मशीन वितरण पर जोर

बैठक में यह भी बताया गया कि जनपद के सभी फुटकर उर्वरक विक्रेताओं को POS मशीन वितरित की जा रही हैं। यह मशीनें कंपनियों द्वारा निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं और उनका उद्देश्य है बिक्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और डेटा का डिजिटलीकरण

CDO ने सख्त निर्देश दिए कि जिस फुटकर विक्रेता के पास अभी तक LI POS मशीन नहीं है, वह संबंधित कंपनी से तत्काल संपर्क कर इसे प्राप्त करें।

कृषकों को हो रही सुविधा

इस तरह की सख्ती और व्यवस्था का सीधा लाभ आगरा जनपद के लाखों किसानों को मिल रहा है। किसान अब बिना किसी भय या अतिरिक्त भुगतान के उर्वरक प्राप्त कर पा रहे हैंPOS मशीन और कैश मेमो के चलते वे अपने लेन-देन का रिकॉर्ड भी रख पा रहे हैं।

इसके अलावा समितियों को भी उर्वरक भेजे जाने से ग्रामीण अंचलों में स्थित किसानों को भी स्थानीय स्तर पर खाद उपलब्ध हो रही है, जिससे उन्हें दूर नहीं जाना पड़ रहा।

बैठक में कौन-कौन रहा शामिल

इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में जिले के शीर्ष कृषि और सहकारी विभागीय अधिकारियों की उपस्थिति रही। इनमें शामिल थे:

  • जिला कृषि अधिकारी

  • सहायक आयुक्त (सहकारिता)

  • सहायक निबंधक, सहकारिता

  • जिला प्रबंधक, पीसीएफ

  • महाप्रबंधक, सहकारी बैंक, आगरा

निष्कर्ष

जनपद आगरा में खरीफ सीजन के लिए उर्वरकों की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था सुदृढ़ है। प्रशासनिक सख्ती, POS मशीन की व्यवस्था, समितियों को उर्वरक आवंटन और नियमित निरीक्षण से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी किसान खाद की कमी से वंचित न रहे।

मुख्य विकास अधिकारी की यह बैठक केवल समीक्षा नहीं, बल्कि किसानों के हित में पारदर्शी और जिम्मेदार प्रणाली का आधार बन रही है।

CHECK ALSO:

http://भूजल सप्ताह 2025: आगरा में जल संरक्षण वर्कशॉप, बच्चों को मिला पर्यावरण संदेश

Related Articles

Back to top button