आगरा डायट प्रशिक्षण 2025: कार्यक्रम का हुआ समापन
ज़िला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान पर आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ समापन

आगरा में ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण का समापन, अब हर शिक्षक को मिलेगा लाभ
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा, 18 जुलाई 2025
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) आगरा में आयोजित पांच दिवसीय ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम एआरपी, केआरपी और संदर्भदाता शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता को जमीनी स्तर तक पहुंचाना और प्राथमिक स्तर पर बच्चों की दक्षताओं को मजबूत करना रहा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन समारोह डायट की प्राचार्य एवं उप शिक्षा निदेशक सुश्री पुष्पा कुमारी के करकमलों से संपन्न हुआ। उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में सभी प्रतिभागी शिक्षकों से आग्रह किया कि जिस गंभीरता और मनोयोग से आपने इस प्रशिक्षण को यहां सीखा है, उसी भावना से इसे अपने ब्लॉक स्तर पर लागू करें और प्रत्येक बच्चे तक इसका लाभ पहुँचाएं।
शिक्षक प्रशिक्षण 2025 का उद्देश्य: शिक्षा को बच्चों के स्तर तक सरल बनाना
प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. मनोज कुमार वार्ष्णेय ने इस अवसर पर कहा कि प्रशिक्षण की सफलता तभी है जब वह कक्षा में बच्चों को समझ में आए और वे उससे लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को अब जनपद के सभी प्राथमिक शिक्षकों तक पहुँचाया जाएगा। आने वाले समय में यह प्रशिक्षण ब्लॉक स्तर पर भी प्रारंभ किया जाएगा, जिससे हर शिक्षक तक इसकी पहुँच सुनिश्चित हो।

विशेष सत्रों में हुई नवीन शिक्षण विधियों की चर्चा
पांच दिवसीय प्रशिक्षण सत्रों का संचालन विशेषज्ञ संदर्भदाताओं द्वारा किया गया, जिसमें प्राथमिक कक्षाओं (1-3) के लिए विशेष रूप से सत्र संचालित किए गए। साथ ही कक्षा 4 और 5 के हिंदी, अंग्रेजी और गणित विषयों पर आधारित सत्र भी अत्यंत प्रभावशाली रहे।
प्रमुख विषयों में शामिल रहे:
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गणित मेला: बच्चों को खेल-खेल में गणित की अवधारणाएँ सिखाने की तकनीक।
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उपचारात्मक शिक्षण: पिछड़े बच्चों के लिए अलग-अलग रणनीतियाँ अपनाना।
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दक्षता विकास: पठन, लेखन और संख्यात्मक दक्षताओं का निर्माण।
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कोडिंग और डिकोडिंग: बच्चों के सोचने की क्षमता को विकसित करने वाले अभ्यास।
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पठन क्षमता विकास: बच्चों में स्वतन्त्र रूप से पढ़ने की आदत को प्रोत्साहित करना।
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42 दिन की शिक्षण योजना: FLN मिशन के तहत समेकित शिक्षण एवं पुनरावृत्त्यात्मक पाठ्यक्रम।
सत्रों की विधियाँ: समूह चर्चा और प्रजेंटेशन आधारित प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान समूह चर्चा, रोल प्ले, प्रतिभागी प्रजेंटेशन, और टीचिंग लर्निंग मैटेरियल (TLM) का व्यापक उपयोग किया गया। इस विधा ने शिक्षकों को न केवल विषयों की गहराई से समझ प्रदान की, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुत करने की क्षमता भी दी।
संदर्भदाता प्रवक्ता अनिल कुमार, अबु मुहम्मद आसिफ, प्रीति सिंह, और मीना पुष्कर ने विभिन्न विषयों को बेहद प्रभावी तरीके से प्रस्तुत किया। इन सत्रों के माध्यम से भारतीय ज्ञान प्रणाली, स्थानीय मान, संख्याओं में जोड़-घटाव, खेल-कहानी की उपयोगिता, धारा प्रभाव, और बाल सुलभ शिक्षण विधियाँ जैसे विषयों को भी गहराई से समझाया गया।
डायट आगरा का समर्पित शिक्षकों को समर्थन
इस प्रशिक्षण के आयोजन में डायट स्टाफ का सक्रिय सहयोग रहा। जिला समन्वयक प्रशिक्षण कुलदीप तिवारी, प्रवक्ता यशवीर सिंह, संजीव कुमार सत्यार्थी, कल्पना सिन्हा, रंजना पांडे, डा. प्रज्ञा शर्मा, लक्ष्मी शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह, यशपाल सिंह, डा. डी.के. गुप्ता, और धर्मेंद्र प्रसाद गौतम जैसे वरिष्ठ एवं अनुभवी शिक्षकों ने अपने योगदान से प्रशिक्षण को प्रभावशाली बनाया।
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प्रमाण पत्र वितरण और आभार व्यक्त
समापन सत्र के अंत में सभी प्रतिभागियों और संदर्भदाताओं को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. मनोज कुमार वार्ष्णेय ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षक प्रशिक्षण की दिशा में एक मजबूत कदम है, जो भविष्य में प्राथमिक शिक्षा को और अधिक सशक्त बनाएगा।
आगरा में शिक्षक प्रशिक्षण को लेकर बढ़ी जागरूकता
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के साथ ही आगरा में FLN मिशन के तहत शिक्षा सुधार की दिशा में एक मजबूत पहल देखी जा रही है। डायट आगरा का यह प्रयास न केवल शिक्षकों के ज्ञान को समृद्ध करेगा बल्कि बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता में भी अभूतपूर्व सुधार लाएगा।
निष्कर्ष:
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान आगरा में सम्पन्न यह ब्लॉक स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, आगरा की प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था को मजबूती देने की दिशा में एक प्रेरणादायक प्रयास है। शिक्षक प्रशिक्षण 2025 के अंतर्गत ऐसे कार्यक्रम शिक्षकों को आधुनिक शिक्षण तकनीकों से लैस कर रहे हैं, जिससे आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
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