आगरा: मिलावटी दूध टैंकर पकड़ा, 5 हजार लीटर दूध नष्ट
मिलावटखोरी पर बड़ी कार्रवाई: आगरा में खाद्य विभाग ने पकड़ा मिलावटी दूध का टैंकर, 5 हजार लीटर दूध मौके पर नष्ट

मिलावटी खाद्य पदार्थों के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग के द्वारा लगातार प्रवर्तन की कार्यवाही जारी
आगरा। 12 जुलाई 2025।
एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
उत्तर प्रदेश सरकार की “मिलावट मुक्त भारत” मुहिम को गति देते हुए जनपद आगरा में शनिवार सुबह एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देशन में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग, आगरा द्वारा ग्राम अरनौटा, थाना बसई अरेला क्षेत्र में 5 हजार लीटर मिलावटी दूध को मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। दूध की कीमत लगभग ₹1,25,000 आंकी गई है। इस कार्रवाई से मिलावटखोरों में हड़कंप मच गया है।
मिलावटी दूध से भरे टैंकर को पकड़ा गया
कार्यालय में प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर खाद्य विभाग की सचल टीम ने सुबह करीब 9 बजे आगरा-बाह रोड पर एक संदिग्ध दुग्ध टैंकर (संख्या UP80GT8088) को रोका। पूछताछ में चालक रविन्द्र रावत, निवासी ग्राम चौकरिया का पुरा, थाना रामपुर कलां, मुरैना (मध्य प्रदेश) ने बताया कि वह 5000 लीटर स्प्रेटा दूध मुरैना जिले की त्यागी दुग्ध डेयरी से आगरा में बिक्री हेतु ला रहा था। डेयरी के मालिक सुखेन्द्र त्यागी, ग्राम दिवेरा शेखपुर, मुरैना (म.प्र.) के बताए गए हैं।
थर्मोस्टेट टैंकर न होने और संदेहास्पद गुणवत्ता पर कार्रवाई
टीम को यह जानकर हैरानी हुई कि दूध को थर्मोस्टेट टैंकर में न ले जाकर सामान्य वाहन में परिवाहित किया जा रहा था, जिससे दूध की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए। दूध में मिलावट/अपमिश्रण की आशंका को देखते हुए विभाग ने मौके से दो नमूने जांच हेतु संग्रहित किए और पूरे टैंकर में भरे 5 हजार लीटर दूध को नष्ट करने का निर्णय लिया गया।
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 के तहत कार्रवाई
यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 (FSSA 2006) के तहत की गई, जिसके अंतर्गत खाद्य पदार्थों में मिलावट या अपमिश्रण पाया जाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। संबंधित दूध की जांच रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद दोषियों के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी।
टीम में शामिल अधिकारी
इस कार्यवाही का नेतृत्व सहायक आयुक्त (खाद्य) महेन्द्र श्रीवास्तव के निर्देशानुसार किया गया। टीम में प्रमुख रूप से खाद्य सुरक्षा अधिकारी रवीन्द्र सिंह परमार, कृष्ण चंद्र पटेल एवं राकेश कुमार-II शामिल थे, जिन्होंने मौके पर जाकर जांच और नष्टिकरण की प्रक्रिया को निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से संपन्न कराया।
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जिलाधिकारी के निर्देश और सतर्कता
जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के नेतृत्व में आगरा प्रशासन खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता को लेकर काफी सख्त नजर आ रहा है। उन्होंने विभाग को निर्देशित किया है कि किसी भी तरह की खाद्य मिलावट को बर्दाश्त न किया जाए और इसके लिए समय-समय पर औचक जांचें की जाएं।
जनता को किया जागरूक
खाद्य विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि वे मिलावटी या संदिग्ध खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी मिलने पर तुरंत विभाग को सूचित करें। ऐसे मामलों में टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5533 पर संपर्क कर सकते हैं।
खाद्य विभाग की सतर्कता रंग ला रही
आगरा में यह पहली घटना नहीं है जब मिलावटी दूध को नष्ट किया गया हो। बीते वर्ष भी खाद्य विभाग ने 8 बार से अधिक दूध टैंकरों पर कार्यवाही की थी, जिसमें लगभग 40 हजार लीटर से अधिक मिलावटी दूध पकड़ा गया था। इस बार भी टीम की सजगता से एक बड़ा स्वास्थ्य संकट टल गया है।
स्वास्थ्य पर होता गंभीर असर
मिलावटी दूध में अक्सर डिटर्जेंट, यूरिया, स्टार्च, सिंथेटिक मिल्क, रिफाइंड ऑयल जैसी हानिकारक चीजें मिली होती हैं जो कि शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक होती हैं। इससे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। लंबे समय तक ऐसे दूध के सेवन से लीवर, किडनी और हार्ट जैसी बीमारियां हो सकती हैं।
आगामी कदम
जांच रिपोर्ट आने के बाद यदि दूध में मिलावट की पुष्टि होती है, तो संबंधित डेयरी मालिक, ट्रांसपोर्टर व संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डेयरी का रजिस्ट्रेशन निरस्त कर दिया जाएगा।
निष्कर्ष
जनपद आगरा में खाद्य सुरक्षा विभाग की यह सख्त कार्रवाई मिलावटखोरों के लिए एक चेतावनी है। विभाग की तत्परता और पारदर्शिता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि शासन और प्रशासन मिलकर आमजन के स्वास्थ्य से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करेगा। इस कार्रवाई से न केवल मिलावटखोरों में भय का माहौल बना है, बल्कि आम जनता का भरोसा भी प्रशासन पर और मजबूत हुआ है।
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