आगराइंडियाउत्तर प्रदेश

स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत निकाली गई रैली : किया जागरूक

फतेहपुर सीकरी के नगरिया ताजपुर में निकली स्कूल चलो रैली, शिक्षा और स्वास्थ्य जागरूकता के लिए ग्रामीणों को किया गया प्रेरित

स्कूल चलो अभियान के अंतर्गत निकाली गई रैली : किया जागरूक

 

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –

आगरा। ताज नगरी आगरा के फतेहपुर सीकरी क्षेत्र अंतर्गत नगरिया ताजपुर गांव में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से एक प्रेरणादायक रैली निकाली गई। यह रैली पूर्व माध्यमिक विद्यालय नगरिया ताजपुर के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं द्वारा स्कूल चलो अभियान 2025 के तहत आयोजित की गई।

इस रैली का मुख्य उद्देश्य था विद्यालय नामांकन में वृद्धि करना और ग्रामवासियों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील बनाना।

विद्यालय के प्रयास

विद्यालय के प्रधानाध्यापक हीलेंद्र शर्मा और सहायक अध्यापिका रेनू भारद्वाज ने इस अभियान की कमान संभाली और बच्चों के साथ मिलकर घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क किया। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजें ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल बन सके।

प्रधानाध्यापक शर्मा ने कहा “शिक्षा ही एकमात्र माध्यम है जिससे कोई भी बच्चा अपने जीवन को सफल बना सकता है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि गांव के हर बच्चे तक शिक्षा पहुंचे।”

रैली का आयोजन और जनसंपर्क

बच्चों ने रंग-बिरंगे पोस्टरों और प्रेरणादायक नारों के साथ पूरे गांव में शिक्षा जागरूकता रैली निकाली। उन्होंने गांव की गलियों और चौपालों पर जाकर लोगों को शिक्षा के अधिकार और संचारी रोगों से बचाव के बारे में बताया।

रैली में गूंजे प्रेरणादायक नारे:

  • “पढ़ेंगे पढ़ाएंगे, उन्नत देश बनाएंगे”

  • “कोई न छूटे इस बार, शिक्षा है सबका अधिकार”

इन नारों ने ना केवल बच्चों में जोश भरा, बल्कि गांव के बुजुर्गों और युवाओं को भी इस अभियान से जोड़ने का कार्य किया।

शिक्षा के साथ स्वास्थ्य पर भी ज़ोर

रैली में बच्चों ने स्वास्थ्य जागरूकता पर भी विशेष ध्यान दिया। उन्होंने ग्रामवासियों को संचारी रोगों जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया आदि से बचने के उपाय बताए। जैसे:

  • घरों के आसपास पानी जमा न होने दें।

  • मच्छरदानी का प्रयोग करें।

  • नियमित सफाई करें।

  • उबला हुआ और स्वच्छ जल ही सेवन करें।

इस पहल की खास बात यह रही कि बच्चों ने खुद ग्रामीणों से संवाद किया, जिससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा और लोगों को भी जागरूकता का सीधा लाभ मिला।

ग्रामीणों की सकारात्मक भागीदारी

गांव के लोगों ने बच्चों के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से ही समाज में बदलाव आता है। ग्रामवासियों ने यह भी आश्वासन दिया कि वे अपने बच्चों को स्कूल जरूर भेजेंगे और स्कूल प्रबंधन को हरसंभव सहयोग देंगे।

एक ग्रामीण बुजुर्ग राम सिंह ने कहा “आज के बच्चों ने हम सबको आईना दिखाया है कि शिक्षा और स्वास्थ्य कितने जरूरी हैं। हम वादा करते हैं कि गांव का कोई बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा।”

सामुदायिक सहयोग से सफलता की ओर

यह कार्यक्रम दिखाता है कि अगर शिक्षक, विद्यार्थी और ग्रामवासी मिलकर कार्य करें, तो किसी भी सामाजिक अभियान को सफल बनाया जा सकता है। स्कूल चलो अभियान 2025 को लेकर सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर शिक्षकों और बच्चों की भागीदारी ही इसे वास्तविक रूप देती है।

नामांकन बढ़ाने की रणनीति

विद्यालय प्रबंधन ने यह भी बताया कि रैली के बाद विद्यालय में विशेष नामांकन कैंप आयोजित किया जाएगा। इस कैंप में:

  • बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया सरल और त्वरित होगी।

  • बिना शुल्क के पंजीकरण किया जाएगा।

  • बच्चों को यूनिफॉर्म, किताबें और मिड-डे मील की जानकारी भी दी जाएगी।

यह पहल इस बात को साबित करती है कि शिक्षा को जन-आंदोलन बनाया जा सकता है, बशर्ते सब मिलकर प्रयास करें।

भविष्य की योजना

प्रधानाध्यापक हीलेंद्र शर्मा ने कहा कि वे स्कूल स्तर पर प्रतिमाह शिक्षा और स्वास्थ्य विषयक गतिविधियां करते रहेंगे। उन्होंने बताया कि बच्चों में नैतिक शिक्षा, स्वच्छता और समाज सेवा को लेकर विशेष कक्षाएं भी चलाई जा रही हैं।

इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल विद्यालय का ग्राम स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, बल्कि बच्चों में नेतृत्व और संवाद कौशल भी विकसित होता है।

http://FOR THE LATEST UPDATES SUBSCRIBE TO HINDI DAINIK SAMACHAR

निष्कर्ष

नगरिया ताजपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय द्वारा निकाली गई स्कूल चलो रैली केवल एक प्रचार कार्यक्रम नहीं था, बल्कि यह शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जनचेतना का प्रतीक बन गई। छोटे बच्चों के इस बड़े प्रयास ने यह दिखा दिया कि अगर जागरूकता गांव के स्तर से शुरू हो, तो शिक्षा का अलख हर घर तक पहुंच सकता है।

इस अभियान ने यह भी स्पष्ट किया कि शिक्षा का अधिकार तभी सार्थक हो सकता है जब समुदाय, शिक्षक और विद्यार्थी एकजुट होकर प्रयास करें।

CHECK ALSO:

http://KHERAGARH- खेरागढ़ ब्लॉक में खण्ड शिक्षाअधिकारी ने किया “स्कूल चलो अभियान” 2025 के दूसरे चरण का शुभारंभ

Related Articles

Back to top button