जिलाधिकारी के निर्देशों के क्रम में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) ने ली खाद की जानकारी
पीसीएफ के पास यूरिया 3554, डीएपी 658 मैट्रिक टन तथा 3438 मै०टन एन.पी.के. है उपलब्ध

एस. शेरवानी (ब्यूरो चीफ़) –
आगरा। आगरा जनपद में खरीफ सीजन की तैयारियों के बीच धान की रोपाई और बाजरा की बुवाई जोरों पर है। किसानों की खाद की मांग को देखते हुए जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी के निर्देशानुसार उर्वरक निरीक्षण अभियान तेज कर दिया गया है। इस क्रम में अपर जिलाधिकारी (नमामि गंगे) जुबेर बेग ने कृषि विभाग एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ प्रमुख उर्वरक विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण कर स्टॉक और गुणवत्ता की जांच की।
पीसीएफ के स्टॉक की जांच: यूरिया, डीएपी और एनपीके भरपूर मात्रा में उपलब्ध
निरीक्षण की शुरुआत पीसीएफ शाहदरा से की गई, जहाँ यूरिया 3554 मैट्रिक टन, डीएपी 658 मैट्रिक टन तथा एनपीके 3438 मैट्रिक टन स्टॉक में पाया गया। ADM ने स्टॉक की भौतिक और पोस मशीन से मिलान कर सुनिश्चित किया कि किसानों को खाद की कमी न हो।
खाद की गुणवत्ता जांच: 6 नमूने प्रयोगशाला भेजे गए
खाद की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता न हो, इसके लिए ADM द्वारा 6 उर्वरक नमूने गृहीत किए गए जिन्हें प्रयोगशाला में परीक्षण हेतु भेजा गया है। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि किसानों को केवल उच्च गुणवत्ता की खाद ही मिल सके।
साधन सहकारी समिति एवं निजी विक्रेताओं की जांच
निरीक्षण दल ने नराइच स्थित साधन सहकारी समिति, मां भगवती ट्रेडर्स खंदोली, और ओम ट्रेडर्स खंदोली में भी स्टॉक, रेट बोर्ड, स्टॉक रजिस्टर और बिक्री पंजिका की जाँच की। सभी स्थानों पर स्टॉक संतोषजनक पाया गया। ADM ने निर्देश दिए कि स्टॉक रजिस्टर, रेट बोर्ड, और बिक्री पंजिका प्रतिदिन अद्यतन होनी चाहिए।
किसानों को खाद के साथ तकनीकी जानकारी और रसीद देना अनिवार्य
अधिकारियों ने सभी विक्रेताओं को निर्देशित किया कि किसानों को खाद के साथ उसे लगाने की विधि, संस्तुत मात्रा, और खेती की आधुनिक तकनीकी जानकारी भी दी जाए। साथ ही, उर्वरक बिक्री की रसीद देना भी अनिवार्य किया गया है ताकि किसानों को खरीद की पारदर्शी जानकारी मिले।
मोबाइल नंबर का अंकन और बिक्री रजिस्टर की अनिवार्यता
खाद बिक्री रजिस्टर में हर किसान का मोबाइल नंबर अंकित करना होगा। इससे भविष्य में किसी भी शिकायत या रिकॉर्ड की जांच में सहायता मिल सकेगी। यह निर्देश विशेष रूप से उन विक्रेताओं के लिए अहम है जो ई-पॉस मशीन से बिक्री कर रहे हैं।
उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत होगी सख्त कार्यवाही
ADM जुबेर बेग ने स्पष्ट किया कि यदि कोई विक्रेता उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत कड़ी कार्यवाही की जाएगी। इसमें लाइसेंस निलंबन/रद्द करना, जुर्माना और अन्य कानूनी प्रक्रियाएं शामिल हो सकती हैं।
जिला कृषि अधिकारी ने क्या कहा?
जिला कृषि अधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि जिले के किसानों की बढ़ती मांग को देखते हुए प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर खाद की आपूर्ति सुचारु रूप से की जा रही है। विभागीय निगरानी में यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कहीं भी कालाबाजारी, जमाखोरी या नकली खाद की बिक्री न हो।
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कंट्रोल रूम और शिकायत निवारण व्यवस्था
किसानों की शिकायतों के त्वरित निस्तारण के लिए जिला स्तर पर कृषि विभाग का कंट्रोल रूम सक्रिय है। कोई भी किसान खाद की अनुपलब्धता, घटिया गुणवत्ता या अधिक मूल्य पर बिक्री की शिकायत सीधे कंट्रोल रूम या ज़िला कृषि कार्यालय में दर्ज करा सकता है।
किसानों के लिए सलाह: प्रमाणित विक्रेताओं से ही करें खाद की खरीद
ADM एवं कृषि अधिकारियों ने किसानों से अपील की है कि वे केवल सरकारी अथवा प्रमाणित विक्रेताओं से ही उर्वरक खरीदें और रसीद अवश्य प्राप्त करें। बिना रसीद के खाद खरीदने पर किसी समस्या की स्थिति में समाधान मुश्किल हो सकता है।
निष्कर्ष
इस उर्वरक निरीक्षण अभियान से स्पष्ट है कि प्रशासन किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद, पारदर्शी विक्रय व्यवस्था, और तकनीकी जानकारी देने के प्रति गंभीर है। ADM नमामि गंगे की यह पहल किसानों के हितों की सुरक्षा के साथ-साथ, उर्वरक व्यवस्था में भ्रष्टाचार, कालाबाजारी और मिलावट पर लगाम लगाने की दिशा में बड़ा कदम है।
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